RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-26)
कुटुम्ब उसके उभर हुए लंड को मुँह में भरती है फिर जीन्स की ज़िप से ही उसे निकलकर चुस्सने लगती है….उसे अपने च्चेरे पे रगड़ने लगती है वो खुद को पूरी तरह से काला साया के हवाले कर चुकी थी फिर वो उठके गान्ड मटकते हुए छलके अपने बाल पीठ पे फैलाए कुतिया बनकर झुककर काल साया को तिरछी निगाहों से देखती है…काला साया कमेरे की तरफ मुस्कुराकर अपना लंड बाहर निकलता है और उसे कुटुम्ब के छेद पे लगा देता है हालाँकि दिव्या को ये सब अच्छा नहीं लग रहा था…पर साहिल और कुटुम्ब की बर्बादी कुछ ऐसे ही लिखी थी
आअहह आहह अफ आहह सस्सस्स….लंड अंदर बाहर हो रहा था…कुटुम्ब सिसक रही थी वॉ चिल्ला रही थी उसका पूरा फेस ज़ूम होने के वजह से पूरा दिखाई दे रहा था साफ साफ…काला साया गान्ड मारते गया…और फिर उसके बालों को सावरते हुए दोनों एक दूसरे को किस करते है काल साया ऊसपे झुका उसके लंबो को चूसने लगता है दोनों के बीच बातें फिर शुरू हो जाती है साहिल का बस चले तो वो अपने कान में सीख घुसा ले एक एक चुबती चुबती बातें ऊस्की मां खुद बेशर्मी से चुदाया रही थी
काला साया : क्या हुआ कुटुम्ब? लगता है आज तुम में दम नहीं
कुटुम्ब : चोद चोद के भोसड़ी फाड़ दी और क्या च्चाओगे?
काला साया : हां हां हां तुम्हारे बच्चा का बाप बनूंगा सोचो जब तेरे पति और बेटे को पता लगेगा
कुटुम्ब : आहह सस्स कमीने ऊँका नाम मत ले वो सुनेगे तो मुझे जान से मर डालेंगे आहह बॅस कारर्र आअहह और ज़ोर से आअहह और्र्ररर छोड़ मुझे कमीने रस से भर दे इस कुँवारी गान्ड को
काला साय : क्यों रे तेरा पति तुझे चोद नहीं पाता?
कुटुम्ब : मेरा पति तो वो क़ब्रिस्तान का लाश है जो एक बारू त्के इंसान बनता है और फिर दारू की बोतल लगाए अपने लंबो से मर जाता है
काला साया : हाहाहा और तेरा बेटा उसके लिए ढूँढ ना कोई
कुटुम्ब : आहह अभी इस बरीयण मेंन आहह मात बात कर बस जल्दी कर वो लोग आ जाएँगे एआहह आहह
काला साया : सोच तेरा बेटा कितना मस्त है
कुटुम्ब : पूरा अपने बाप पे गया है कमीना अपने ही मां की उमर की औरत को चोदता है साला खेतन में एक बार देख ली थी मैं काफी झगड़ा किया और वॉ हरामी मुझे कहता है भोसड़ी की तैयार गान्ड मर लूँगा भला ऐसा कोई बेटा होता है मैं इन बाप बेटों के लिए इतना कुछ करती हूँ और आहह आराम से और बदले में मुझे क्या मिलता है ?
काला साया : शांत हो जाओ जानेमंन आहौर मजे लो उफ़फ्फ़
काला साया कमेरे पे आँख मरते हुए मुस्कुराता है…इधर साहिल पूरी तरह छटपटाने लगता है अफ इतनी बेज़्ज़त ऊस्की मां उसके बारे में ऐसा सोचती है…साहिल बस कहा जाने वाली निगाहों से दर्द को पीते हुए दिव्या की ओर देखता है दिव्या उसके मुँह पे एक थप्पड़ झाड़ देती है..”मुझे कमज़ोर मत समझना हरमीई”…..साहिल के नाक से खून निकल जाता है वो थूकता हुआ बस टीवी देखने लगता है
काला साया अब कुटुम्ब के मर्जी से उसे अपने गोद में उठाए उछलवा रहा था…कुटुम्ब कूद कूद के ठप्प ठप्प आवाज़ गान्ड और अंडकोष से निकालने के साथ चिल्लाने लगती हाीइ..और काला साय उसे काश क़ास्सके चोदने लगता है कुटुम्ब तड़प उठती है…और फिर झड़ जाती है उसका बहता रस देखकर साहिल नज़रीन फहीरा लेता है…कुटुम्ब ठक्कर फिर भी कूदने लगती है लंड पे और फिर जल्द ही चुत में घुसे लंड से वीर्य बहाने लगता है काला साया आहें भरते हुए कुटुम्ब को अपने से लिपटा लेता है और उसके चुत से वीर्य उबाल उबाल के बहने लगता है
चुत लबालब वीर्य से लथपथ हुई रखी थी..और लंड बाहर फिसलके अपना बच्चा कुछ रस उगलने लगता है…कुछ देर बाद टीवी ऑफ हो जाता है…और फिर दिव्या एक दो स्तनों दबा कर ऊस सीडी को प्लेयर से बाहर निकलती है…फिर मुस्कुराकर साहिल के सामने ही पीसी ऑन करती है और हिन्दी सेक्स साइट्स पे क्लिक करती है कुटुम्ब का एक नंगी पिक्चर के साथ पूरा प्रोफाइल पेज खुल जाता है जिसमें अबतक के कुटुम्ब और काला साया के साथ हुए हर सीन का वीडियो उपलॉअडेद था…साहिल का माता घूम जाता है और फिर दिव्या ऊस वीडियो को भी उपलोआड कर देती है
कुछ ही देर में काला साया अंगड़ाई लेकर अंदर आता है और दिव्या से पूछता है…दिव्या उसे अंघुटे का इशारा करके बताती है की ऊसने ये वीडियो भी उपलोआड कर दी…साहिल बेहोश हो चुका था मर खाने से…कुछ देर बाद उसे होश आता है अब भी काला साया वहां मज़ूद था…और कंप्यूटर स्क्रीन ऑन था काला साया मुस्कुराकर अपने कौमपुटेर स्क्रीन को ज़ूम करता है…वो वीडियो के नीचे कुटुम्ब आंटी नाम से टाइटल होता है और नीचे लाइक्स और कॉमेंट्स होते है जिन्हें पढ़ते ही साहिल का दिमाग घूम जाता है और वॉ बस सुबकने लगता हे
साहील्ल्ल : कमीणू तुम लोगों को मैं छोड़डूंगा नहीं मेरी मां को फ़सा लिया तूने
काला साया : तेरी मां ने खुद ही मुझसे चुदवाया है बिना चुडवाए ठरकी हो जात इहाई..खैर तू फिक्र मत कर तेरा बाप भी जल्द ही मेरे शिकंजे में आ जाएगा
साहिल : साल्ले मदारचोड़ड़ तुऊउ हाीइ कौंन्ञन् एक बार ये मुकोता उटार्ररर एक बार खोल के देख
काला साया : जब दिया भहुजता है ऊस्की लौउ बहुत बार फड़पढ़ने लगती है…तेरा भी वही हश्र होगा तू जो सोच रहा है ना तू बच जाएगा तो भूल जा
काला साया साहिल के सामने शराब की तीन चार बोतल रख देता है…”चल अब ये शराब की बोतल को खाली कर अपने गले से उतार..अगर ये चारों की चारों बॉटल तू पी गया तो समझ जाना तेरे वारे न्यारे तू यहां से जा सकता है और अगर नहीं तो मैं तुझे जान से मर डालूँगा”….साहिल काफी घबरा चुका था पीने के सिवाह कोई चारा नहीं था
पक्का शराबी तो था पर बिना पानी के 4 बॉटल विस्की जो 1 लीटर से थोड़ी बड़ी हो पीना नामुमकिन था..फिर भी ऊसने हाँ कह दी…काला साय ने ढक्कन खोला और उसे सही लके मुँह से लगा दिया घूंत्त घूंत्त करके साहिल आँख क़ास्सके दब्ाए पीता गया “ध्यान रहे अगर तूने उगला तो तू गया”……साहिल घबराए हालत में पीता गया पीता गया …दिव्या मुँह पे हाथ रखकर बस सुबकते हुए साहिल का अंजाम देख सकती थी….पीता गया पीता गया…और उसके गले से एक के बाद एक चारों बॉटल चली गयी…चारों बॉटल के शराब खत्म हो गयी…और ठीक तभी साहिल औक्लाने लगा
और वही खून की उल्टी उसे हो गयी…काला साया ने ने उसके रस्सिया खोल डाली…और उसे उसी हालत में उठाए गाड़ी में सवार किया पूरे रास्ते साहिल खून अपने मुँह से उगलता जा रहा था….काला साया का दिल इतना सख्त था की एक ज़रा सी आहह भी नहीं निकली उसके मुँह से और ऊसने फौरन हाथ पाओ बाँधके उसे ब्रिड्ज से नीचे फैक दिया…जल्द ही साहिल का जिस्म पानी में डूब गया
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