RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-27)
काला साया मुस्कुराकर ज़ोर से चिल्लाता हाीइ..और फिर अपनी बाइक पे सवार होकर अंधेरे साए में गायब हो जाता है….दो दिन बाद पुलिस को एक लाश मिलती है पता लगने पे की वॉ अंजर का बेटा साहिल है उसके घर में इकतिला करती है…घर में मातम छा जाता है अंजर अपने बेटे की मौत से गम में डूब जाता है जबकि कुटुम्ब रोए जा रही थी…पुलिस तफ़तीश करती है केस देवश को मिलता है कुछ दीनों पहले उसी ने काला साय का केस लिया था पर बाद में पता चलता है की साहिल के एन्ज़ाइम बुरी तरीके से जल चुकेते..ज्यादा मात्रा में बिना पानी के शराब पीएन से हुआ था…ये केस पूरा सूयिसाइडल लग रहा था…कोई विटनेस भी नहीं साफ पता लगा की ब्रिड्ज से कूदके साहिल ने जाँदी पर कुटुम्ब को लगा उसका बेटा नसेडी था दोस्तों के साथ मस्ती में ही ऊस्की जान गयी उसके जिस्म पे कई अनगिनत निशान थे…जो जख्म गहरे थे…कुछ लड़के डर के मार्िएन बचने के लिए ज़िला से फरार हो गये थे….देवश को लगा वही क़ातिल है और ऊन्हें क़ातिल तेहराया गया वो ल्गो पकड़े तो कभी नहीं गये मामला भी अपने आप फीरसे ठंडा पढ़ने लगा
इधर देवश भी काला साया को पकड़ने की नाकाम कोशिशें कर रहा था…लेकिन उसे कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था….वो घर में बैठा काला साया के मुकोते का स्केच तैयार कर रहा था ताकि ऊस्की आइडेंटिटी का पता लग सके तभी अचानक उसे पीछे से अपर्णा काकी आवाज़ देती है…देवश काम में मशगूल होता है इसलिए वो ध्या नहीं देता..अचानक पएेल की खन्न् खन्न् उसे खुद पे खुद कुर्सी उठने के लिए मज़बूर कर देइत है और देवश के कदम अपने आप अपर्णा आंटी को खोजते हुए कमरे की ओर रुख करते है तभी दरवाजा बंद होता है देवश पीछे मुदके
तभी देखता है की किचन में अपर्णा काकी सारी में खड़ी है लेकिन उसके नाभी से नीचे उठते तोंद के साथ पेटीकोट अधखुला है और उससे साफ उनकी बुर् भारी झाँतें दिख रही है तो
“क्या काकी माँ आज तो बहुत ज्यादा चढ़ा है आपको”……देवश ने आँख मारते हुए काकी मां के कमर में हाथ डालते हुए कहा
“अरे बेटा अब तू ही तो है…अकेले अकेले बेटे को कोई छोढ़ता है सोचा कितना मेहनत करता है मेरा बेटा…ऊस्की सेवा तो करनी चाहिए”…..अपर्णा काकी ने बेशर्मी से कहा….
देवश ने काकी मां को अपने बाहों में उठाया और उसे पलंग पे लेटा दिया….काकी मां ने अपने ब्लाउज के स्तनों को खोल दिया..और पेटीकोट का नारा भी खोल दिया…देवश भी अपने बनियान और पजामा को उतार देता है और पास रखक्के पैकेट फड़के कॉंडम निकलता है….फिर अपर्णा के भारी भरकम शरीर पे चढ़ते हुए अपने चंदे को पीछे किए लंड पे कॉंडम चढ़ता है….
अपर्णा : आहह अर्रम से बेटा उफफफ्फ़ बस (काकी मां को अपने चुत के भीतर लंड घुसता महसूस होता है)
देवश : आहह काकी मां बस टाँग फहिलाए रखो गान्ड ढीला ही थोड़ी
अपर्णा : आहह उफ़फ्फ़ चल अब मर धक्के (देवश के कमर पे टाँग लपटे हुए)
देवश : आआहह आअहह उफ़फ्फ़ सस्सस्स आहह
अपर्णा : बेटा तू बहुत ज्यादा परेशान लग रहा है आहह
देवश : क्या बताऊं काकी मां ऊस हरामी काला साया ने दिमाग खराब कर डाला है आज फिर कमिशनर से आहह दाँत पराअ…अब बात ट्रांसफर पे आ गया है अगर उसे कुछ ही दीनों में ना पकड़ सका तो आहह सस्स काकी मां गान्ड ढीला थोड़ी
अपर्णा : अच्छा बेटा ले चोद दी उफफफ्फ़ सस्स बहुत गॅड रहा है तेरा लंड इसकी मोटाई बहुत ज्यादा है लेकिन एक बात बता काला साया तो इंसाफ का काम करता है ना
देवश : पर कानून को भी तोड़ रहा है ना काकी मां आहह ससस्स
देवश धक्के पेलता र्हाअ…लंड अंदर बाहर झांतों भारी चुत से होता रहा..काकी मां सिसक सिसक कर सोचते रही…और देवश काकी मां को बेतारीके से चोदता रहा….देवश ने अपर्णा की छातियो को दबाया और उसके सख्त निपल्स को मुँह में भर लिया…फिर अपना हाथ गीली चुत पे फहरा….और फिर चुचियों को चुस्सा…अपर्णा का चेहरा गुलाबी हो गया और ऊसने देवश के चेहरे को हाथों में थामा और के करारा चुंबन लिया उसके होठों का
देवश ने काकी मां के ऊपर झुककर नाभी में मुंह डाल दिया….काकी मां बिन पानी मछली की तरह इधर उधर सर मारने लगी और देवश भी गान्ड में ताक़त भरके चुत में लंड घिस्सता रहा….कुछ देर बाद देवश उठ गया और ऊसने काकी मां को फर्श पे बैठ उनके मुँह में ही लंड डाल दिया
काकी मां लंड को मुँह में लेकर चुस्ती रही…उसके अंडकोषो को भी हाथों से सहलाती रही…फिर खुद पे खुद देवश ने काकी मां के मुँह में धक्के मारने शुरू कर दिए…अओउू ओओउू करके काकी मां लंड को बारे ही आराम से चुस्ती रही….बीच में देवश ने कॉंडम लंड से खींचके उतार दिया और फिर काकी मां के मुँह में डाल दिया लंड काकी मां भी चुस्ती रही अंडकोष को भी मुँह में भरके बड़ी बड़ी से छूसा….बालों पे हाथ फेरते हुए देवश सिसकता रहा
फिर कुछ देर बाद ऊसने मुँह से लंड निकाला काकी मां के..और बैठकर उनके होठों का रसपान करने लगा दोनों होठों को होंठ से मिलाए स्मूच करने लगे….फिर उसके बाद जुबान से खेलने लगे…देवश उठ गया और ऊसने काकी मां को वैसे ही लेटा दिया टाँगें फिर खोल डाली और झांतों भारी बुर् में मुँह डाल दिया…गीली चुत में जुबान लगते ही काकी मां झधने लगी….उनके झधने के कुछ देर बाद भी चुत के दाने को देवश आराम से चुस्सें जा रहा था….फिर उनकी फहानकों में मुँह घुसाए रगड़ता रहा…उनके छेद में नाक घुसाए सूंघने लगा उनकी चुत को नीचे से लेकर ऊपर तक चाँटता रहा…कुछ देर बाद देवश ने नीचे गिरे थोड़े से फटे कॉंडम को लंड पे लगाया और फिर धाधा धढ़ चुदाई शुरू कर दी….काकी मां टाँग उठाकर चुदती रही और देवश चोदता रहा लगभग 12 मिनट में ही देवश ने जवाब दे दिया
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