RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
UPDATE-66
खलनायक को इतने देर में मौका मिल चुका था काला साया को धकेलके गाड़ी पे सवार होने का….काला साया तब्टलाक़ तीर से मुखहोटा निकलकर रोज़ को देता है…रोज़ चुपचाप बस काला साया की ओर देखती है…काला साया उसके चेहरे पे हाथ रखकर मुस्कुराता है..और फिर गुस्से से खलनायक के पीछे भागता है निशनीबाज़ गुस्से में सामने खड़ा हो जाता है…काला साया जैसे ऊसपे हमला करता है वो अपने करते डर मूव्स को उसे करता है…काला साया अपने नानचाकू को निकलकर ऊसपे बरसाने लगता है उसके करते धरे के धरे रही जाते है
और काला साया उसके चेहरे पे मिट्टी फैक्टा हुआ उसके पूरे बदन पे नानचाकू का वार बरसा देता है….निशानेबाज़ भी भागने लगता है….तब्टलाक़ खलनायक भी गाड़ी पे सवार होकर अपने ड्राइव को भागने के लिए कहता है…रोज़ पहले ही वन के पिछले भाग से अंदर घुस जाती है और खलनायक का गर्दन दबोच लेती है….खलनायक उसे धकेल देता है और रफ्तार तेज करने को बोलता है काला साया पीछे भागता है निशानेबाज़ को उठते देख वो अपनी गोली अपने बदले को याद करके निशानेबाज़ के उसी जगह पे मारता है जहाँ निशानेबाज़ ने उसे तब मारा था जब वो देवश था…निशानेबाज़ गोली खाके दूसरी ओर गिर परता है
काला साया पहाड़ी के ढलान पे चढ़ते हुए दूसरी ओर मुड़ती वन के ऊपर सीधे छलाँग लगा देता है पूरी बढ़ता की वन पे छलाँग लगते ही किसी मकड़े की तरह दोनों ओर हाथ से पकड़ते हुए बैलेन्स बनता है…खलनायक अपना चाकू वन के छत्त पे घुसाने लगता है…काला साया हर हमले से मुश्किल से बचता है
रोज़ इस बीच खलनायक को रोकने की कोशिश करती है और उसी पल काला साया शीशे पे अपने घुस्से का वार करके शीशा तोड़ देता है और ड्राइवर का गला पकड़ लेता है गाड़ी कभी इधर तो हकाभी उधर धंस खाने लगती है…इतने में काला साया अपनी गोली सीधे ड्राइवर के भेजे पे चला देता है…ड्राइवर मौके पे ही मर जाता है….खलनायक उसे धकेलटा हुआ खुद ही ड्राइविंग करने लगता है..काला साया पीछे के खुले फाटक से गाड़ी पे प्रवेश करता है….
काला साया : रोज़ अपना हाथ दो
रोज़ जैसे ही काला साया को अपना हाथ देने वाली होती है…खलनायक उसे पकड़ लेता है रोज़ उसके मुँह पे एक लात मार्टी है…खलनायक को गहरी चोट लगती है…और तब्टलाक़ काला साया रोज़ के साथ गाड़ी से छलाँग लगा देता है…खलनायक रुक नहीं पता अपनी हार को देख उसे वहां से भाग जाना ही परता है गाड़ी को पूरी रफ्तार में करके वो एक बार पीछे मुदके अपनी रोज़ को काला साया की बाहों में देखता है और फिर गाड़ी को बढ़ता में बहुत दूर ले जाता है
निशानेबाज़ भी दर्द में करहाते हुए किसी तरह अपनी बाइक पे बैठकर वहां से रफूचक्कर हो जाता है…काला साया और रोज़ एक दूसरे के गले मिलते है मानो जैसे दोनों के दुख आज एकदुसरेक ओ देखकर खत्म हुए हो….रोज़ प्यार से काला साया के गाल को चूमती है
रोज़ : मुझे मांफ कर देना देवश मैंने तुम्हें गलत समझा बहुत दिल दुखाया है तुम्हारा
काला साया बस उसे चुप रहने का इशारा करके मुस्कुराता है और उसके होठों पे उंगली रख देता है….कुछ देर बाद वो खुद ही पुलिस को फोन करके सूचित करता है…और फिर एक नज़र निशानेबाज़ पे दौरता है पर वो गायब हो चुका था…काला साया फौरन अपनी बाइक पे रोज़ को सवार करते हुए पूरी रफ्तार से वहां सीन इकल जाता है….इलाके में चाय पीते लोगों की निगाह जैसे ही रोज़ और साथ में अपने पुराने हीरो काला साया पे पड़ी वो लोग चिल्लाने लगते है खुशी से….पर पूरी रफ्तार से रास्ते से गुजरता हुआ काला साया सिर्फ़ मुस्कुराकर ऊन लोगों की तरफ देखता है
सबके होठों पे एक ही बात आ गयी थी “काला साया वापिस आ गया है”…अगली सुबह जल्द ही पुलिस हेडक्वॉर्टर में कमिशनर को फोन आया और जैसे ऊसने रिसीवर उठाया..ऊस्की साँसें थाम गयी उसका हाथ काँप गया “वॉट नॉनसेन्स?”……कमिशनर को कल रात की घटना पुलिस बताती है की मुठभैरर में काला साया खलनायक से लारा है उसके आदमियों को अरेस्ट करके बयान किया गया….अब शायद काला साया अकेले ही खलनायक का सफ़ाया कर देगा इस बात को सुन एक बार फिर कमिशनर कुर्सी पे गिर परता है
और उसके आंखों के सामने अख़बार में फ्रंट पेज पे छापा होता है
बदल गारज़ने लगते है मौसम जैसे बिगड़ने लगता है…जल्द ही अपने वीरान घर पहुंचकर काला साया और रोज़ दोनों अपने गुप्तिए कमरे में आकर पष्ट हो जाते है….रोज़ एकटक काला साया की ओर देखती है…जो अपने दर्द से सिसक रहा है…रोज़ उसके करीब आकर उसके बदन पे हाथ फेरते हुए जख्म को टटोलने लगती है…तभी उसे जॅकेट के पीछे एक हल्की सी थोड़ी गहरी जख्म दिखती है..गनीमत थी सिर्फ़ 1इंच ही तीर अंदर घुस पाया था…रोज़ काला साया के कपड़ों को उतारने लगती है
जैसे ही काला साया अपने सारे कपड़े उतारके अपने अंडरगार्मेंट्स में आता है…उसे देखते ही रोज़ मुँह पे हाथ रख लेती उसके पहले से ही बदन पे कई जगह पत्तियां थी..काला साया अहसास करके मुस्कुराता है
काला साया : ये निशानेबाज़ से पहली मुठभैर के है जो कुछ दिन पहले हुए थे
रोज़ : ओह माइ गॉड मेरी वजह.हे ये सब हुआ है मैंने ही तुम्हें अकेला अपनी बेवकूफ़ियो के लिए मुझे मांफ कर देना
काला साया : अरे यार इधर आओ (रोज़ को अपने जाँघ पे बिताते हुए)
उसके प्यार से ज़ुल्फो पे उंगलियां फहीयर्ता है “वो मज़बूर देवश था काला साया नहीं…तुम अगर मुझे धोखा भी डोगी ना तो भी मैं तुम्हें मांफ कर दूँगा ना जाने क्यों पर तुमसे कुछ जुड़ सा गया है”…….अपने दिल पे हाथ रखते हुए काला साया ने मुस्कराया
रोज़ ने उसके चेहरे से उसका मास्क और उसका काला काप्रा उतार दिया…वो चाहती थी की क्या ये सच में ऊस का देवश है जिसे लोग नाम से काला साया बुलाते है..मुखहोते के उतरते ही सामने देवश का पसीने भरा चेहरा देखकर रोज़ मुस्कुराकर देवश से गले लग गयी
“ई लॉवी यू ई वाज़ सो मिस्सिंग यू”…….रोज़ ने चिल्लाते हुए देवश से एकदम लिपटके कहा
देवश : सस्स्शह इट’से ओके आहह से
रोज़ : ओह तुम्हारा जख्म प्ल्स मुझे दवाई लगाने दो
देवश मुस्कुराकर बिना कुछ कहें पेंट के बाल लाइट जाता है…फिर रोज़ ऊस्की सिखाई तरह से ड्रेसिंग करने लगती है और ऊस जख्म पे दवाई लगाने लगती है…देवश बस अपने दर्द को भी भूल मुस्कुराकर रोज़ के गिरते ज़ुल्फो के साथ उसके चेहरे को देख रहा था…रोज़ की जब निगाह पड़ी रोज़ मुस्कराने लगी
उधर खलनायक चीज़ों पे चीज़ें तोड़ रहता…उसे शांत करना किसी के बस की बात नहीं थी…जब खलनायक घुर्राटें हुए ऊन गुंडों के करीब आकर उनके गर्दन को पकड़कर ऊन्हें धकेलने लगा…”सालों मां के लौदो किसी काम के नहीं हो तुम पहली बार एक दो कौदीी के आदमी से भागना पड़ा पहली बार खलनायक को जंग से पीछे हटना पड़ा…इस्शह”………खलनायक का गुस्सा शांत नहीं हो रहा था
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