RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
अनिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और डॉली के बूब को एक बार फिर अपने हाथ से पकड़ कर थोड़ा दबा दिया.
डॉली: “मेरा कुर्ता और अंदर पहना ब्रा नही होगा तो तुमको हाथ लगाने और ज़्यादा मज़ा आएगा”
अनिल सोच मे पड़ गया. एक तरफ कुर्सी थी तो दूसरी तरफ एक खूबसूरत लड़की को चोदने का मौका, जो उसकी औकात के हिसाब से कभी मुमकिन नही हो सकता था.
डॉली: “मैं चाहती तो इस वक़्त अपने कपड़े फाड़ कर तुम पर रेप का ग़लत इल्ज़ाम लगा कर भी फसा सकती थी. मगर मैं फेर गेम खेलूँगी. बोलो क्या फ़ैसला हैं तुम्हारा? कुर्सी चाहिए या मेरी चूत!”
अनिल: “अपने कपड़े निकालो और लेट जाओ”
डॉली ने एक स्माइल दी और अनिल की कुर्सी से अपना पैर हटाया और टेबल से उतर कर नीचे खड़ी हो गयी. अनिल भी अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ.
डॉली ने अपना कुर्ता सर से होकर निकाल दिया और अपनी लेगिंग भी निकाल दी. एक खूबसूरत सी जवानी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे अनिल के सामने खड़ी थी और उसका लंड उसकी पैंट मे फड़फड़ाने लगा.
डॉली ने जल्दी से अपना ब्रा और पैंटी निकाली और अनिल की आँखें फटी की फटी रह गयी. उसने कभी सोचा नही था की कोई लड़की बिना कपड़ो के इतनी खूबसूरत भी दिख सकती हैं.
अनिल ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले और नंगा हो गया. तब तक डॉली टेबल पर चढ़ कर लेट गयी. अनिल ने आगे बढ़कर अपने एक हाथ को डॉली के नंगे बदन पर फेरना शुरू किया.
बूब्स के उभार से होते हुए उसका हाथ डॉली की पतली कमर और नाभि पर होते हुए उसकी चूत तक गया. फ्र आगे झुककर उसने डॉली के निपल्स को चूसना शुरू कर दिया.
एक निपल से दूसरे निपल तक वो झपट्टा मार कर चूस रहा था और डॉली के बूब्स को दबा भी रहा था. छपर्र छपर्र की आवाज़ो के साथ उसने जल्दी ही डॉली के दोनो बूब्स को गीला कर दिया था.
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