RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
इस बीच एक हाथ से डॉली की चूत को अपनी उंगलियो से रगड़ता भी जा रहा था. जब उसका मन डॉली के बूब्स का रस लेकर भर गया तो उसने अपना मूह डॉली के होंठो की तरफ किया.
डॉली ने उसके होंठो पर हाथ रख दिया.
डॉली: “सिर्फ़ गर्दन के नीचे का शरीर तुमको इस्तेमाल करने को दिया हैं. वही तक रहो”
इतनी देर से डॉली को इतने करीब से देख कर उसके गुलाबी होंठो को देख कर उनको चूमने का बहुत मन था पर अनिल को अपनी तमन्ना अपने मन मे ही दबानी पड़ी.
अनिल: “उपर के होंठ ना सही, पर तुम्हारे नीचे के होंठो को तो चूम ही सकता हूँ”
यह कहते हुए अनिल टेबल के दूसरी तरफ डॉली की टाँगो की तरफ आया और उसके दोनो पैर चौड़े कर उसकी चूत को खोला. फिर अपने होंठ डॉली की चूत के होंठो पर रख दिए.
डॉली की चूत के गीले होंठो को अपने होंठो से छूते ही अनिल बावरा सा हो गया. उसने अपने होंठो मे डॉली की चूत के होंठो को भर भर कर चूसा.
अपनी ज़ुबान को आरी की तरह डॉली की चूत की दरार मे चला कर मज़े लिए. अपनी ज़ुबान को डॉली की चूत के छेद मे डाल कर अंदर बाहर करते हुए थोड़ी देर चोदता रहा.
सिसकती हुई डॉली को देख कर अनिल का लंड और भी ज़्यादा फड़फड़ाने लगा. अनिल से और इंतेजार नही हुआ और वो चढ़ गया डॉली के उपर.
अनिल का लंड छू गया डॉली की चूत को और छाती से मिल गयी छाती. अनिल की छाती को भी महसूस हुआ की उसने मुलायम से बूब्स को दबा दिया हैं.
इसके पहले की अनिल अपना लंड डॉली की चूत मे डाल कर चोदना शुरू करे, डॉली ने अनिल को ड्रॉयर से कॉंडम निकाल कर पहनने को कहा.
अनिल नीचे उतरा और कॉंडम पहन कर फिर से डॉली पर चढ़ गया. अनिल ने जल्दी से अपना लंड डॉली की चूत के हवाले कर दिया.
डॉली की चूत की गर्मी मिलते ही अनिल का शरीर पर काबू नही रहा और वो तेज़ी से उपर नीचे हिलता हुआ डॉली के नाज़ुक बदन को रगड़ने लगा.
अनिल का मूह डॉली की गर्दन को चूम रहा था और वहाँ से आती हुई डॉली के शरीर की सुगंध से वो मदहोश हुए जा रहा था. अनिल धक्के पर धक्के मारता हुआ डॉली को चोद रहा था.
डॉली छत की तरफ देखे आहें भरते हुए खुश हो रही थी. डॉली को छत पर लटके पंखे मे कुर्सी का रिफ्लेक्षन दिख रहा था.
हालाँकि पंखे मे अनिल का हिलता हुआ नंगा बदन भी दिख रहा था पर उसका फोकस सिर्फ़ कुर्सी पर था. थोड़ी देर बाद पंखे की आवाज़ से ज़्यादा टेबल के हिलने की आवाज़ आने लगी थी.
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