RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
ज्योति ने जय को वही बैठने के लिए बोला.
ज्योति: “डॉली, तुम पिच्छले दो साल से इलेक्शन जीत रही हो, अब जय को भी मौका दो”
डॉली: “मेरा लास्ट एअर हैं, इसको अगले दो साल तक मौका ही मौका मिलेगा. यह अगले साल लड़ लेगा”
जय: “मुझे भी तीनो साल इलेक्शन जीतना हैं. मैं पीछे हटने वाला नही. डॉली दीदी को डर लग रहा हैं की वो मुझसे जीत नही पाएगी”
डॉली: “मैं तुमसे क्यू डरूँ!”
जय: “मैने भी सुना हैं की आपने पिच्छले दो साल मे इलेक्शन कैसे जीता हैं. इस बार किसके सामने अपने कपड़े खॉलॉगी!”
ज्योति: “जय चुप हो जा, वो तेरी बड़ी बहन हैं. इस तरह के गंदे इल्ज़ाम लगाते शर्म नही आती”
जय: “सॉरी! मगर यह भी मुझको राजेश अंकल का नाम लेकर छेड़ती रहती हैं”
डॉली: “ठीक हैं, अब नही छेड़ूँगी, तू अपना नॉमिनेशन वापिस ले ले. मुझे अगले साल मुंसीपल इलेक्शन लड़ना हैं. एक और जीत के साथ मैं वहाँ जाना चाहती हूँ”
जय: “दीदी, मैं पीछे हटने वाल नही हूँ”
ज्योति: “तुम अब भी बच्चो की तरह लड़ रहे हो. बचपन मे कैसे एक दूसरे को कोई चीज़ देकर मना लेते थे. वैसा कुच्छ कर लो”
डॉली: “जय तू बोल, क्या चाहिए. तेरी जो भी शर्त हैं मैं मानने को तैयार हूँ”
जय: “सोच लो, मैं कुच्छ भी ख़तरनाक शर्त रख सकता हूँ”
डॉली: “मैं इस इलेक्शन के लिए अपनी जान भी दे सकती हूँ और ले भी सकी हूँ. तू बस बोल क्या करना हैं”
जय: “तुम मुझे हमेशा छेड़ती रहती हो की मैं राजेश अंकल का बेटा हूँ. आप एक काम करो. आप राजेश अंकल के लड़के अमर से प्रेग्नेंट हो जाओ”\
ज्योति: “जय……. यह क्या बदतमीज़ी हैं.”
ड्राइवर राजेश अभी 45 साल का हैं. ज्योति से 3 साल बड़ा. राजेश का बड़ा बेटा अमर 22 साल का हैं. और छोटी बेटी पायल 19 साल की हैं. इसी पायल के बारे मे कहा जाता हैं की वो नेता सतीश की नाजायज़ औलाद हैं जो सतीश ने राजेश से अपनी पत्नी की चुदाई का बदला लेने के लिए किया था.
जय: “मैने सिर्फ़ बोला हैं. मैने करने को थोड़े ही बोला हैं. मैने बस एक मुश्किल शर्त रखी हैं. डॉली दीदी को मंजूर हैं तो ठीक हाँ वरना इनको इलेक्शन से अपना नॉमिनेशन वापिस लेना होगा”
डॉली: “मैं रेडी हूँ”
ज्योति: “डॉली! तू पागल हैं क्या? यह खेल बंद करो. तुम मे से कोई इलेक्शन नही लड़ेगा इस बार. प्राब्लम ही ख़त्म”
डॉली: “नही मा. मैं इलेक्शन हर कीमत पर लड़ूँगी, आप भले ही नाराज़ हो या ना हो. अगर आप चाहती हो की मैं राजेश अंकल के बेटे अमर से प्रेग्नेंट ना हू तो आप जय को समझाओ”
ज्योति: “जय, तू अभी का अभी अपनी शर्त वापिस ले. तू अपना नॉमिनेशन भी वापिस ले ले. तू समझदार हैं ना!”
जय: “हमेशा से मुझे ही झुकना पड़ता हैं. अब मैं नही झुकने वाला”
ज्योति: “तुझे पता हैं की डॉली कितनी ज़िद्दी हैं. वो अपनी ज़िद के लिए कुच्छ भी कर सकती हैं. इसलिए इसको इस बार जाने दे”
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