RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
आरके ने अपने कपड़े पहन लिए. ज्योति के तो कपड़े थे ही नही. वो बस खड़े खड़े देखती रही. अपनी दोनो टांगे एक दूसरे से दूर ही रखी क्यू की उसको चूत पर गीला गीला लग रहा था.
राज: “सर, मैं भी थोड़ा मज़ा ले लू ज्योति जी का?”
आरके: “चुप. अपनी औकात देखी हैं! चुपचाप ज्योति जी को सम्मान सहित उनके घर ड्रॉप करके आ. एक काम करना, कार को मैनगेट पर ही रोक कर ज्योति जी को उतार देना”
ज्योति अब गुस्से मे आरके को देखने लगी. मैनगेट पर सड़क पर छोड़ने का मतलब था की वॉचमन भी ज्योति को नंगा देख लेंगे.
ज्योति दरवाजे की तरफ चलने लगी. आरके ने ध्यान दिया की ज्योति पाव दूर रखते हुए चल रही हैं क्यू की उसकी चूत अभी गंदी हैं.
आरके: “आए राज. ज़रा कपड़ा लाकर दे, ज्योति जी की चूत गंदी हो गयी हैं. मेरी कार की सीट गंदी हो जाएगी”
राज: “मैं अपने हाथ से ज्योति जी की चूत सॉफ कर दूं सर?”
आरके: “साला हरामी, कोई मौका नही छोड़ता लड़की की चूत को च्छुने का!”
राज भाग कर ज्योति के पास पहुचा और जैसे ही झुकने लगा तो ज्योति ने उसको रोक दिया.
आरके: “ज्योति जी, सफाई ही तो कर रहा हैं यह. इन छोटे लोगो को सफाई करने दो”
ज्योति: “कोई ज़रूरत नही. इतनी बेइज़्ज़ती हुई काफ़ी नही हैं क्या!”
आरके: “राज से अपनी चूत की सफाई करवा लो. मेरा मूड बदल गया तो कही मैं राज को उसके लंड से आपकी चूत को अंदर से गंदा करने का ना बोल दूं कही”
ज्योति यह सुनकर डर गयी. राज अच्छा ख़ासा लंबा चोडा इंसान था. ज्योति फिर से सीधा खड़ी हो गयी.
राज खुश हो गया और अपनी उंगलियो को ज्योति की चूत पर फेरने लगा. बीच बीच मे अपनी उंगली ज्योति की चूत मे भी डाल कर थोड़ा चोद लेता. उसकी उंगलिया थोड़ी मोटी और लंबी थी.
ज्योति उसकी उंगलियो को अपनी चूत मे अंदर घुसता हुआ महसूस कर पा रही थी. राज अपनी उंगली से ज्योति की चूत को चोदने का मज़ा ले रहा था.
आरके: “ओये राज, हरामी. चोदने के मज़े ले रहा हैं या सफाई कर रहा हैं”
राज ने फिर अपनी उंगली ज्योति की चूत से निकाली और अपनी उंगलियो से ज्योति की चूत को सॉफ किया. हाथ गंदे हो गये तो अपना रुमाल निकाला और अपने हाथ पोंच्छ डाले.
आरके: “ज्योति, अगर रास्ते मे राज कोई ग़लत हरकत करे तो चांटा मार देना”
राज फिर ज्योति को नंगी हालत मे लेकर बाहर आया और कार मे बैठाया. राज आगे ड्राइवर के साथ बैठा था और ज्योति नंगी हालत मे पीछे.
पूरे रास्ते राज बार बार पलट कर पीछे ही देख रहा था और ज्योति उसको खुन्नस खाते हुए उसको देख रही थी. राज सिर्फ़ एक स्माइल देकर मज़े लेता रहा.
ज्योति के घर के बाहर आकर राज ने कार रुकवा दी. फिर उसने ज्योति को वही उतरने को बोला. वॉचमन ने नेता जी की कार देखकर गेट पहले ही खोल दिया था.
ज्योति ने दरवाजा खोला और नीची नज़रे किए तेज़ी से चलते हुए घर के अंदर जाने लगी. वॉचमन देखता ही रह गया की मालकिन की क्या हालत हो गयी हैं.
ज्योति घर के अंदर पहुचि. सतीश वही बैठा था. ज्योति को देखते ही वो उठ खड़ा हुआ. उनकी बेटी डॉली भी आ चुकी थी और उसके पिता ने उसको सब कुच्छ पहले ही बता दिया था.
डॉली वहाँ पड़ी सारी को उठा कर दौड़ते हुए अपनी मा ज्योति के पास गयी और उसके नंगे बदन को धक दिया. ज्योति सीधा अपने बेडरूम मे चली गयी.
डॉली: “उस हरामी आरके को मैं नही छोड़ूँगी. उसने मेरी मा का अपमान किया हैं, और पापा आप देखते ही रह गये!”
उस घटना के बाद सतीश पर से एंक्वाइरी हट गयी. अपनी बीवी की हुई बेइज़्ज़ती को देखते हुए सतीश ने राजनीति से सन्यास ले लिया.
ज्योति के घर आने से पहले ही सतीश ने अपने सारे नौकरो को हमेशा के लिए छुट्टी दे दी थी. फिर वॉचमन की भी छुट्टी कर दी. नये नौकर सुबह शाम को ही कुच्छ घंटे काम के लिए आते थे.
ज्योति के छोटे बेटे जय को जब पता चला तो वो भी गुस्से मे भर गया. ज्योति ने भी ठान लिया था की वो अपने अपमान का बदला लेकर रहेगी.
मगर उस वक़्त हवा उनके खिलाफ थी. वो कुच्छ नही कर पाए और सही समय का इंतेजार करने लगे.
अगले एपिसोड मे पढ़िए आरके और सतीश के परिवार के बीच यह दुश्मनी कहा जाती हैं.
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