RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली भी आसमान की तरफ देखते हुए आहेयने भरने लगी. जय एक हाथ से एक बूब को दबा रहा था तो दूसरे बूब को मूह से चूस रहा था.
थोड़ी ही देर मे जय ने डॉली के गोरे बूब्स को लाल कर दिया था. डॉली स्माइल कर रही थी और जय भी. जय ने अब आपी पैंट नीचे खिसकई और पूरा नंगा हो गया.
जय का कड़क लंबा लंड आसमान की तरफ सर उठाए खड़ा था. डॉली यह देख कर शर्मा गयी. जय ने शरारती अंदाज़ मे अपनी आँखों से डॉली की कमर के नीचे इशारा किया.
डॉली ने गर्दन हिला कर मना किया की वो अपना पाजामा नही उतारेगी. जय ने फिर से इशारा किया. डॉली ने अपने हाथ ने जय का लंड पकड़ लिया. जय की एक आ निकली.
डॉली: “क्या करना चाहता है इस से?”
जय: “वोही जो एक लड़का लड़की करते हैं”
डॉली: “क्या करते हैं?”
जय: “करके बताऊ?”
डॉली शर्मा गयी. जय ने फिर से इशारा किया और डॉली ने अपना पाजामा और पैंटी एक साथ नीचे कर निकाल दी. डॉली शरमाये हुए खड़ी थी.
जय की नज़रे अब डॉली की चूत पर थी. जय ने अपना हाथ आगे कर डॉली की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा. डॉली ने भी जय का कड़क लंड पकड़ कर रगड़ दिया.
दोनो धीरे धीरे नीचे बैठे और फिर डॉली लेट गयी. जय डॉली की दोनो टाँगो के बीच आया और अपनी पोज़िशन बना कर बैठ गया.
जय ने अपना कड़क लंड डॉली की नाज़ुक चूत पर फेराया और फिर डॉली की चूत के होंठो को चौड़ा करते हुए अपना लंड अंदर घुसा दिया.
जय: “डॉली … आई विल फक यू”
डॉली: “आआआहह .. जय …. कम ओं फक मी … ”
जय ने अब आगे पीछे होते हुए धक्के मारने शुरू किए और डॉली को चोदने लगा. डॉली आहें भर रही थी और जय भी ज़ोर से साँसें लेते हुए चोदता रहा.
बारिश के च्चिंटो से भीगा डॉली का बदन सुलग रहा था और जय अपने लंड से उसको ठंडक दे रहा था. जय अब पूरा डॉली पर लेट गया.
दोनो के होंठ थोड़ी थोड़ी देर मे एक दूसरे को चूम और चाट रहे थे. जय के लंड के धक्के इस बीच डॉली की चूत पर बराबर पढ़ रहे थे.
उस बारिश का असर था या फिर बहन भाई की आपस मे पहली चुदाई की उत्तेजना थी, वो दोनो जल्दी ही अपने चरम की तरफ बढ़ने लगे थे.
दोनो भाई बहन का जूस छूटकर अब डॉली की चूत मे आकर मिल चुका था. जय के लंड के हर धक्के के साथ डॉली की चूत पूछक्क पूछक्क की आवाज़ करते हुए दोनो को नशा दे रही थी.
डॉली ने अपनी टांगे साँप की तरफ जय की टाँगो पर लपेट कर झकड़ ली थी. जय अब अपना नंगा बदन आगे पीछे डॉली के बदन पर रगड़ रहा था.
दोनो की साँसें बहुत भारी और तेज थी. दोनो एक दूजे को उत्तेजित कर अपने चरम पर बढ़ना चाहते थे.
डॉली: “ये … कम ओं … ह्म .. मजाअ रहा हैं … ज़ोर से कर ले … जय . .. आाईए … डाअल दे … उम्म्म ”
जय: “यह ले … ऊऊऊः … एयेए .. ये ले .. ये ले … और ले … अया आ आ आ उम्म्म ”
डॉली: “आआईए जय … ओह मम्मी … ओह मम्मी … मज़ा आ रहा हैं … अयाया चोद … ज़ोर से … जय … ज़ोर से .. कर ले”
जय: “अया डॉली … उहह तेरी चूत … बहुत गर्म हैं … आाईए .. उहह .. उहह .. ओह डॉली ..”
जय ने अपने लंड की पिचकारी को ज़ोर से दबाया और एक तेज धार लंड के जूस की डॉली की चूत मे उतर गयी. डॉली अपने बदन को उपर नीचे पटकने लगी.
दोनो ने एक दूसरे के शरीर को कस कर पकड़ लिया और चूमने लगे. दोनो मे होड़ मच गयी की कौन एक दूसरे की जीभ को चाट लेगा.
थोड़ी देर बाद वो तूफान शांत हो गया और दोनो एक दूसरे से चिपके पड़े रहे.
डॉली: “अपनी बहन को चोदते शर्म नही आई तुझे?”
जय: “नही आई, बोल क्या करेगी?”
डॉली: “जब तक तुझे शर्म नही आएगी तब तक मैं तुझसे चुदवाती रहूंगी”
जय: “फिर तो मुझे ज़िंदगी भर शर्म नही आएगी”
डॉली: “अभी उठ, मुझे गंदा कर दिया तूने”
जय अब डॉली के उपर से हट कर लुढ़क कर उसके पास ही लेट गया. बारिश की बूँदें अब उन दोनो के बदन को सॉफ कर रही थी. दोनो बारिश मे ऐसे ही नंगे थोड़ी देर लेटे रहे.
अगले एपिसोड मे पढ़िए ज्योति अपना इंतकाम आरके से कैसे लेती हैं.
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