RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
अब तक आपने पढ़ा की बारिश मे डॉली की जवानी की झलक देखकर जय काबू नही रख सका और अब तक भाई बहन का रिश्ता निभाते डॉली और जय चुदाई कर अपने रिश्ते को बदल चुके थे. अब आगे…
आरके ने जब डॉक्टर और ज्योति की बातें सुनी तो उसको भी शक हुआ. फिर उसको भी पता लगते देर नही लगी की डॉली ने उसको धोखा दिया हैं और डॉली जो प्रेग्नेंट हुई थी वो आरके की वजह से नही हुई थी.
आरके ने ठान लिया की वो फिर से शादी करेगा और खुद का बच्चा पैदा करेगा. उसने कोई जवान खूबसूरत मजबूर लड़की ढूँढने का काम अपने सेक्रटरी राज का सौंप दिया.
आरके के कहने पर राज ने उसको तीन लड़कियो के फोटो दिखाए. तीनो लड़किया जवान और खूबसूरत थी. ज्योति की चुदाई मे पागल आरके ने फिर एक ऐसी लड़की को चुना जिसकी आँखें और चेहरा ज्योति से ज़्यादा मिलता झूलता था.
राज: “यह लड़की अनाथ हैं. इसका नाम मिशा हैं. एकदम गाय की तरह रहेगी.”'
आरके: “इसको लेकर आ. मैं इसको चोदकर अपने बच्चे की मा भी बनाउन्गा और अपना वंश आगे बढ़ाउंगा”
थोड़े दिन बाद राज अपने साथ मिशा को आरके के घर लाया. आरके उस खूबसूरत लड़की को देखकर पागल हो गया.
आरके: “बहुत सुंदर. यह तो डॉली से भी खूबसूरत हैं. ऐसा लग रहा हैं जैसे जवान ज्योति मेरे सामने आ गयी हो. राज इसको गेस्ट हाउस लेकर चलते हैं. इसको तो मैं आज ही चोदुन्गा”
राज: “यह लड़की मिशा बहुत धार्मिक हैं. शादी के पहले यह नही चुदवायेगी. शादी के लिए अगले महीने का मुहरत आया हैं”
आरके: “अगले महीने तो इलेक्शन भी हैं. इधर मैं चुनाव जीतूँगा और उधर इस खूबसूरत लड़की से शादी. राज, तू मेरे लिए इतनी अच्छी लड़की लाया हैं. तू आज माँग, तुझे इनाम मे क्या चाहिए”
राज: “मैं तो हमेशा से ज्योति को चोदना चाहता था, आपने कभी चान्स ही नही दिया”
आरके: “अभी तो चिड़िया हाथ से निकल चुकी हैं. मगर आगे कभी वो फसेगी तो तुझको पक्का चान्स दूँगा”
राज फिर मिशा को लेकर चला गया. उसके 2 दिन बाद राज और आरके घर मे बैठे हुए थे. तभी वॉचमन ने बताया की ज्योति उनसे मिलने आई हैं. आरके ज्योति का नाम सुनकर खुश हो गया.
आरके: “पहले तो ज्योति को मैं यहा लाकर चोदता था, लगता हैं आज यह खुद चुदवाने आ गयी हैं”
ज्योति अंदर आई और आरके उसको उपर से नीचे घूर्ने लगा. ज्योति ने कुर्ता और सलवार पहन रखा था.
ज्योति: “सच सच बताओ, तुमने मेरे पति सतीश को ग़लत तरीके से घोटाले मे फसाया था?”
आरके: “क्या बकवास हैं. वो खुद फसा हैं. मैने तो उसको बचाया था. भूल गयी, इसके बदले तुमको कैसे नौकरो के सामने नंगा कर चोदने के मज़े लिए थे!”
ज्योति: “मुझे सच जानना हैं”
राज ने आरके के कानो मे आकर कुच्छ कहा.
राज: “सर, आपने वादा किया था की आप मुझे ज्योति को चोदने का इनाम देंगे. आज मौका हैं. इसको जो चाहिए वो इन्फर्मेशन दे दो, यह वैसे भी आपका क्या बिगाड़ लेगी”
आरके ने हा मे सर हिलाया. फिर ज्योति की तराफ़ देखने लगा.
आरके: “चल, मैं तुझे सच बता दूँगा, मगर उसके बदले मुझे क्या मिलेगा?”
ज्योति: “अब क्या चाहिए तुम्हे? सब तो लूट ही चुके हो”
आरके: “मैने तो अपनी प्यास ज्योतिने का पूरा इंतज़ाम कर लिया हैं. शादी के लिए लड़की मिल गयी हैं. मगर यह राज बेचारा तड़प रहा हैं तुम्हे चोदने के लिए”
ज्योति: “तुम्हे क्या चाहिए यह बोलो?”
आरके: “तुम राज को चोदने के मज़े दिलवा दो, मैं तुम्हे घोटाले का सब सच बता दूँगा”
ज्योति सोच मे पड़ गयी.
राज: “ज़्यादा मत सोचो. मेरा लंड मूँगफली जितना नही, सच मे बहुत बड़ा हैं. तुम्हे बहुत मज़ा दिलवाउन्गा ”
ज्योति: “मेरी इज़्ज़त तो वैसे ही आरके ने पूरी लूट ही ली हैं. अब मेरे पास बचाने को कुच्छ नही हैं. मैं तैयार हूँ पर पहले मुझे पूरा सच जानना हैं उस घोटाले का”
आरके: “सच जानने के बाद तुम मुकर गयी तो!”
ज्योति: “मैं कोई नेता नही हूँ जो वादे से मुकर जाऊ”
आरके: “कही यह मेरा स्टिंग ऑपरेशन तो नही कर रही! अपने सारे कपड़े निकाल कर साइड मे रखो और नंगी हो जाओ. मुझे कोई रिस्क नही लेना”
ज्योति अब आरके की शकल देखने लगी. वैसे भी चुदने के लिए आगे पीछे नंगा तो होना ही था, ज्योति मान गयी.
आरके: “तुम नंगी तो हो ही रही हो, मैं जब सच बता रहा होऊँगा तब तक तुम इस राज को अपने शरीर को च्छुने देना. सारा सच जान लेने के बाद, फिर यह राज वैसे भी तुम्हे यही चोद देगा. बोलो मंजूर हैं?”
ज्योति: “मंजूर हैं”
ज्योति ने अपना कुर्ता निकाला और फिर सलवार निकाली. आरके के साथ साथ राज भी उस नज़ारे के आनंद लेने लगे. जल्दी ही ज्योति वहाँ पर नंगी खड़ी थी.
आरके ने दो कुर्सिया 1 फीट की दूरी पर रखी और ज्योति को उन दोनो कुर्सियो पर एक एक पाव रख कर खड़ा होने को कहा.
ज्योति कहे अनुसार कुर्सियो पर खड़ी हो गयी. ज्योति की टांगे एक दूसरे से दूर थोड़ी चौड़ी हो गयी थी.
आरके ने फिर चेयर को थोड़ा और एक दूसरे से दूर खिसकाया. ज्योति के पाव और चौड़े हो गये और नीचे से चूत खुल चुकी थी. आरके के इशारे पर राज अब ज्योति के पास आया.
आरके: “चल राज तू ज्योति को हाथ लगाने के मज़े लेना शुरू कर. आज तेरी इक्षा पूरी हो जाएगी. मैं ज्योति को घोटाले का सच बताना शुरू करता हूँ”
ज्योति: “जब तक तुम बोलॉगे तब तक ही मैं यहा खड़ी रहूंगी”
राज: “सर, मैं ज्योति की चूत मे उंगली करते हुए इसको झड़ने मे मदद करूँगा. आप रुकना मत, बोलते रहना. सतीश वाले घोटाला का ही नही, आप अपने दूसरे घोटाले भी बता देना मगर बोलते रहना. मुझे देखना हैं की ज्योति झड़ते हुए कैसी लगती हैं”
आरके: “ज्योति का झड़ते वक़्त वाला चेहरा तो मुझे भी देखना हैं. मैं अपने अब तक के सारे कांड बता दूँगा मगर ज्योति को झड़ते देखना हैं बस”
राज ने अपनी उंगली ज्योति की दोनो टाँगो के बीच चूत पर रखी और जैसे ब्रश करते हैं वैसे अपनी उंगली से चूत के होंठो को रगड़ने लगा.
राज की उंगली ज्योति की चूत पर थी पर नज़रे आरके की तरफ थी. आरके ने घोटाले का सच बताना शुरू किया. किस तरह ईमानदार नेता सतीश को झूठे इल्ज़ाम मे फसाने की साजिश रची गयी.
इस दौरान राज लगतार ज्योति की चूत को रगड़ता रहा. ज्योति को समझ मे आ गया की आरके ने कैसे सतीश को ग़लत फसाया था.
आरके ने वो सच बता दिया मगर ज्योति के चेहरे पर अभी भी झड़ने के निशान नही थे. आरके चुप हुआ तो राज ने उसको इशारा कर बोलते रहने को कहा.
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