RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
अब तक आपने पढ़ा की राज ने ज्योति को चोद दिया और आरके को जैल हो गयी. ज्योति को इलेक्शन टिकेट मिल गया. ज्योति की साथ राज की छेड़ खानी को बेटी डॉली ने देख लिया था.
अब आगे…
इलेक्शन नॉमिनेशन के पहले ही दिन ज्योति का गाजे बाजे के साथ नॉमिनेशन फॉर्म भरा गया. घर मे सब लोग बहुत खुश थे.
शाम को राज ज्योति के साथ घर पर आया कुच्छ पेपर वर्क के लिए. ज्योति अपने बेडरूम मे गयी तो राज भी पीछे से अंदर चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया.
डॉली ने यह देख लिया और चहकते हुए मम्मी ज्योति के बेडरूम के दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सुनने लगी.
ज्योति: “राज, क्या कर रहा हैं, छोड़ मेरी कमर”
राज: “अर्रे मेरी जान, शर्मा क्यू रही हैं. तुमने ही तो बोला था की मुझसे चुदने मे मज़ा आया”
ज्योति: “आअहह .. सारी छोड़ मेरी…. ऊओप्पस .. सारी का पल्लू वापिस दे मुझे … आआआः अया ”
राज: “हाथ हटाओ अपने सीने से और ब्लाउस निकाल कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवाओ. आओ मेरी जान”
ज्योति: “आाए .. छोड़ …. कमीने … ऊप्स .. ”
पुच पुचह की आवाज़े अंदर से आने लगी.
ज्योति: “तू अभी जा.. घर मे सब हैं”
राज: “रात को आऊ?”
ज्योति: “बाहर निकल अभी”
राज: “जाता हूँ”
डॉली दरवाजे के बाहर से भाग कर अपने रूम मे चली गयी. उसको लग गया की मम्मी और राज का रिश्ता अब आगे बढ़ चुका हैं.
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उधर ज्योति ने राज को धमकी दे दी की वो आगे से ऐसी हिमाकत ना करे वरना वो ऐक्शन लेगी. राज फिर स्माइल करता हुआ वहाँ से चला गया.
अगली सुबह ब्रेकफास्ट की टेबल पर डॉली और जय अपने पेरेंट्स का वेट कर रहे थे. दोनो मे शरारत चालू थी. जय अभी डॉली की छाती को घूर रहा था.
डॉली: “क्या देख रहा हैं?”
जय: “तुम्हारे बूब्स”
डॉली दाएँ बाए देखने लगी किसी ने देख सुन तो नही लिया और एक हाथ जय को मारा.
डॉली: “धीरे बोल, कोई सुन लेगा”
जय: “कोई नही हैं, एक किस दे ना”
डॉली ने दाएँ बाए देखा और फिर होंठ आगे बढ़कर जय और डॉली होंठों को होंठो से मिलाए चूमने लगी. जय ने डॉली के होंठो को चूस लिया.
डॉली भी पीछे नही रही और उसने भी जय के होंठ चूसे. फिर वो दोनो पीछे हुए और शरमाते हुए एक दूसरे को देखने लगे.
डॉली: “पिच्छली सात रातो से तू रोज मेरे कमरे मे सो रहा हैं और मुझे चोद रहा हैं, फिर भी पेट नही भरा”
जय: “वो तो रात को किया था. दिन को भी तो इक्षा होती हैं. मुझे तेरे बूब्स दबाने हैं”
डॉली: “मैने ब्रा पहन रखा हैं अंदर”
जय: “मैने मना किया था ना की मेरे सामने कपड़ो के अंदर ब्रा मत पहना कर. बूब्स दबाने मे पूरा मज़ा नही आता फिर”
डॉली: “मेरा शेप बिगड़ गया तो?”
जय: “तेरे बूब्स तो मैं चूस चूस कर बड़े कर दूँगा, डॉन’ट वरी”
डॉली: “तू मुझे कुच्छ दिन से बिना प्रोटेक्षन के चोद रहा हैं. मैं प्रेग्नेंट हो गयी ना तो तेरी बड़ी शुरू हो जाएगी. मम्मी पापा से बात करनी हैं?”
जय: “एक बार प्रेग्नेंट हो जा. फिर बात करेंगे. मैं तो तुझसे शादी करने को तैयार हूँ”
डॉली: “सब मुझे बोलता हैं, मम्मी को तो बता”
जय: “बोल दूँगा, पर तू मुझे बूब्स के हाथ लगाने दे”
डॉली: “नही, मम्मी आती होगी”
जय: “वो आए तब तक तो हाथ लगाने दे और किस करने दे. मेरी प्यास ही नही मिट रही”
डॉली दाएँ बाए देखने लगी और फिर अपना चेहरा जय के पास ले गयी. जय भी अपना चेहरा आगे बढ़ा कर नज़दीक पहुचा.
डॉली और जय फिर से एक दूसरे के होंठो मे होंठ फ़साए चूसने लगे और जय के हाथ डॉली के टीशर्ट के उपर से ही उसके एक बूब को दबा और मसल रहा था.
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