RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली: “साले का हाथ बहुत भारी हैं, बड़ी ज़ोर से मम्मा दबाया था. वो आरके भी बोल रहा था की जानवरो की तरह चोदता हैं. इस हरामी पर गुस्सा नही होता तो एक बार इस से ज़रूर चुदवाती”
तभी दरवाजे के अंदर राज फिर से आया.
राज: “तो एक मौका दे दो. कसम से मज़ा दिला दूँगा”
राज बाहर खड़ा सब सुन रहा था. डॉली भी अब हँसने लगी.
डॉली: “चल एक मौका देती हू तुम्हे”
डॉली ने फिर अपना आधा खुला हुआ शर्ट अपने शरीर से निकाला और राज के मूह की तरफ उछाला. राज ने स्माइल करते हुए उस शर्ट को पकड़ कर साइड मे रखा.
राज के सामने अब डॉली उपर से सिर्फ़ ब्रा मे खड़ी थी. डॉली ने फिर अपने पाजामे को नीचे खस्काया. उसके झुकते ही ब्रा मे से उसके बूब्स और भी उभर कर बाहर दिखने लगे थे.
डॉली ने अपना पाजामा भी टाँगो से निकाला और राज की तरफ उछाला. राज की स्माइल और भी चौड़ी हो गयी थी. उसकी आँखों के सामने एक जवान खूब सूरत लड़की सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी.
ब्रा और पैंटी दोनो ही महँगे वाले थे और कही कही से थोड़े जालीदार और बहुत आकर्षक थे. डॉली का गौरा पर्फेक्ट शेप वाला बदन देख राज की हालत खराब होने लगी.
उन अंदर के कपड़ो मे डॉली एक परी सी लग रही थी. डॉली ने फिर अपनी पीठ पर हाथ ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोला और अपने कंधे से ब्रा के स्ट्रॅप निकालते हुए ब्रा को निकाला.
फिर डॉली ने वो ब्रा भी राज की तरफ फेंका. डॉली के उन मोटे गोरे बूब्स को देख कर राज के होश उड़ गये. वो ललचाई बड़ी बड़ी आँखो से मूह फाडे डॉली को देख रहा था.
राज ब्रा कॅच नही कर पाया. राज की हालत देख कर डॉली खिलखिला कर हँसने लगी. डॉली की हँसी के साथ ही उसके दोनो मोटे बूब्स उपर नीचे थोड़ा उछलने लगे.
डॉली: “अपना मूह बंद कर राज, तेरे मूह की चासनी नीचे गिर रही हैं”
राज ने झेंप ते हुए अपना मूह बंद किये और फिर शर्मा के स्माइल करने लगा. डॉली अभी भी हंस रही थी.
राज सोचने लगा की डॉली के बूब्स भी ज्योति की तरह बड़े हैं मगर डॉली के बूब्स थोड़े ज़्यादा टाइट हैं और निपल भी छोटे और तने हुए हैं.
डॉली ने अब अपने दोनो अंगूठे अपनी कमर के दोनो तरफ से अपनी पैंटी के अंदर थोड़ा डाले और अपनी पैंटी को 1 इंच नीचे खिसकाया.
डॉली: “तुम्हारी पैंट की चैन मजबूत तो हैं ना?”
राज ने अपने नीचे देखा. राज की पैंट मे उसका लंड खड़ा हो गया और पैंट फाड़ कर जैसे बाहर आने लगा था.
राज दिल थामे अब पहली बार डॉली की जवान चूत देखने को मचलने लगा था. डॉली ने फिर एक स्माइल दी और राज की तरफ पीठ कर खड़ी हो गयी.
डॉली ने फिर अपना सर पीछे मोड़ते हुए राज को स्माइल करते देखा. फिर अपनी पैंटी को पीछे से थोड़ा नीचे खिसका कर अपनी गोरी गान्ड के थोड़े दर्शन करवाए.
राज वेट करने लगा की डॉली कब नंगी होगी और अपनी चूत दिखाएगी. डॉली ने अपनी पैंटी फिर से उपर कर दी.
डॉली: “मैने जो कपड़े दिए हैं उनको लौंड्री मे दे देना. मैं नहाने जा रही हूँ”
राज: “मगर, हम तो चुदाई करने वाले थे”
डॉली: “तुझे अभी भी लगता हैं की मैं तुझे चोदने दूँगी!”
राज: “मेरा पूरा मूड बन चुका हैं”
डॉली: “अभी तक जो तूने देखा हैं, यह याद कर कर के तू अपना लंड रगड़ कर कर लेना. तुझे तो मैं सपने मे ही मिलूंगी”
डॉली अब आगे की तरफ देखते हुए राज से दूर जाने लगी और दरवाजे के पीछे चली गयी. राज ने डॉली की नीचे पड़ी हुई ब्रा उठा ली और उसकी खुसबू सूंघने लगा.
तभी दरवाजा फिर से खुला और डॉली का सिर्फ़ हाथ बाहर आया जिसमे डॉली की खुली हुई पैंटी थी. डॉली ने बिना बाहर आए वो पैंटी बाहर उच्छाल दी. राज को डॉली तो नही दिखी पर उसकी आवाज़ ज़रूर आई.
डॉली: “यह पैंटी भी लौंड्री मे दे देना”
दरवाजा फिर बंद हो गया. दरवाजे के उस पार डॉली बिल्कुल नंगी थी पर राज कुच्छ नही देख पाया. डॉली का मकसद सिर्फ़ राज को तरसाना और तड़पाना था.
राज ने आगे बढ़कर डॉली की पैंटी भी उठा ली और उसको सूंघने लगा. बारी बाअरी से डॉली की पैंट ब्रा को सूंघते हुए राज सिर्फ़ फील ले रहा था.
राज:”डॉली, तेरी यह जवानी देखने के बाद मैं और भी श्योर हो गया हूँ की तुझे एक दिन ज़रूर चोदुन्गा और कुतिया बना कर चोदुन्गा”
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या राज अपने मंसूबो मे कामयाब हो पाएगा!
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