RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली फिर थोड़ा निराश भी हुई. ज्योति उन दोनो के रिश्ते को कभी स्वीकार नही करेगी. डॉली ने कुछ दिन तक सोचा और फिर एक प्लान बनाया. डॉली एक बार फिर शमित के सामने आई.
डॉली: “मैं तुम्हे पाने के लिए जो कहोगे करूँगी. मुझे अपने घर परिवार के बारे मे बताओ”
शमित: “तुम्हे क्यू जानना हैं, प्यार तो मुझसे किया हैं ना!”
डॉली: “तुम्हारे पापा शांतनु कहा हैं आजकल?”
शमित को थोड़ा आश्चर्य हुआ.
शमित: “तुम मेरे पापा को कैसे जानती हो!”
डॉली: “तुम्हारे मा बाप की शादी नही हो सकी थी. मैं तो तुम्हारी मा को भी जानती हूँ जो तुम्हे बचपन मे ही छोड़ चुकी हैं”
शमित: “क्या! कौन हैं वो”
डॉली: “मुझे पता हैं की तुम्हारी मम्मी का नाम ज्योति हैं और तुम उनके नाजायज़ बच्चे हो”
शमित फिर से सोच मे पड़ गया.
शमित: “तुम्हे कैसे पता?”
डॉली: “तुम्हारे जनम को छिपाने के लिए तुम्हारी मम्मी ज्योति ने मुझे गोद लिया था और तुम्हारी जगह मैने उनकी ज़िंदगी मे ले ली थी”
शमित: “कहा हैं वो?”
डॉली: “ज़्यादा अंजान मत बनो. तुम्हे नही पता! तुम जिनसे लाइब्ररी मे मिलते हो वोही ज्योति हैं, मुझे पालने वाली मेरी मम्मी और तुम्हारी असली मम्मी. तुम्हे सच मे नही पता?”
शमित: “नही. वो तो मुझे मेरे सोशियल वर्क के लिए हेल्प करती हैं बस, अपने बेटे की तरह मानती हैं. मुझे नही पता था की वो मेरी असली मा ज्योति हैं”
डॉली: “अब तो पता चल गया!”
शमित एक गहरी सोच मे डूब गया. डॉली ने उसको जगाया “क्या सोच रहे हो”. तो फिर शमित विचारो से बाहर आया.
शमित: “मैं उनको मा नही मानता. उन्होने मुझे पैदा करके हमेशा के लिए अपने से दूर कर दिया. मा का प्यार नही दिया. मुझे उनसे नफ़रत हैं”
डॉली: “तुम मेरी ज़िंदगी मे आ जाओ, मैं तुम्हे प्यार दूँगी”
शमित: “मैं एक वर्जिन हूँ. क्या तुम वर्जिन हो?”
डॉली: “मेरी शादी हो चुकी हैं, मैं एक विधवा हूँ”
शमित: “तो तुमने अपने पति के अलावा किसी के साथ नही चुदवाया?”
डॉली की अब बोलती बंद हो गयी. वो तो पहले ही कॉलेज मे लड़को के साथ चुदवा चुकी थी, और फिर अमर, आरके, जय और राज के साथ भी चुदवा चुकी हैं.
डॉली: “कई लोगो के साथ चुदवाया हैं. पर एक बार तुम मुझे मिल जाओ तो मैं ऐसी ग़लती कभी नही करूँगी. मैं अब एक सीधी और अच्छी ज़िंदगी जीना चाहती हूँ”
शमित: “तुम मे इतनी ख़ामिया हैं फिर भी तुम चाहती हो की मैं तुम्हे अपना लू?”
डॉली: “मैं भी तुम्हारी ग़लतिया माफ़ कर दूँगी, तुम मेरी ग़लतिया माफ़ कर दो”
शमित: “मैं तुम्हारी सारी ग़लतिया माफ़ कर तुमको अपना सकता हूँ, मगर मेरा एक काम करना होगा”
डॉली: “मैं अपनी ज़िद के लिए कुच्छ भी कर सकती हूँ”
शमित: “मेरी मम्मी ज्योति मुझे बचपन मे ही दूर चली गयी, इनसे मुझे मेरा बचपन खराब करने का बदला लेना हैं. बचपन से यही सोचता था की जिस दिन मेरी मम्मी मिलेगी उस दिन उनको चोद कर अपनी भडास निकालूँगा”
डॉली: “क्या!! तुम अपनी मम्मी को चोदना चाहते हो?”
शमित: “हा, वैसे भी मैं उनको अपनी मम्मी नही मानता हूँ. मेरे पापा शांतनु मेरे लिए एक सौतेली मा लाए. उसने मुझे बचपन से मारा पीटा. जब मैं जवान होने लगा तो मेरी सौतेली मा ने मेरे साथ भी संबंध बना लिया. मेरे लिए मा को चोदना कोई नयी बात नही होगी”
डॉली: “तुम तो अभी बोल रहे थे की तुम वर्जिन हो”
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