RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली: “माना मैने सुहानी के साथ ग़लत किया पर तुमने जो किया वो भी सही नही हैं. मैं तुम्हे छोड़ूँगी नही. अगर मैने बेवकूफी कर तुम्हे मेरी मम्मी के बिछड़े बेटे के बारे मे नही बताती तो तुम मेरा कुच्छ नही बिगाड़ सकते थे”
शमित: “मैने कहा ना, वो तो सिर्फ़ बोनस था. तुम्हे बर्बाद करने का खेल तो मैने पहले ही खेल लिया था. बहुत जल्दी तुम्हारे सामने आ जाएगा”
डॉली: “कैसा खेल … हेलो … हेलो ..”
उसके बाद डॉली फिर से शमित से बात नही कर पाई. मगर शमित ने उसको टेन्षन दे दी थी की उसने ऐसा कौनसा खेल खेला हैं जिस से डॉली बर्बाद हो जाएगी.
डॉली ने शमित को भूलने मे ही भलाई समझी. इस शमित को पाने के लिए उसने ना सिर्फ़ राज से कुतिया बन कर चुदवा लिया था बल्कि एक मासूम लड़की पायल को फसा कर राज से चुदवा लिया था और अपनी मा ज्योति को शमित से जॅलील करवाया.
डॉली को ज्योति के लिए बहुत बुरा लग रहा था. डॉली की वजह से ज्योति को यह लगा की उसके खुद के बेटे शमित ने उसके साथ इतनी ज़्यादती की थी. डॉली को समझ नही आ रहा था की वो किस मूह से ज्योति से माफी माँगे.
अगले ही दिन डॉली ज्योति के घर गयी. ताकि उसको शमित का सच बता सके और माफी भी माँग ले.
सेक्यूरिटी गौरड़स तो डॉली को जानते ही थे तो उसको अंदर जाने दिया. नौकर चाकर तो अब इतने रहे नही थे, सिर्फ़ दिन मे 2 बार सुबह शाम ही आते थे. दरवाजा खुला देखकर डॉली सीधा अंदर चली गयी.
डॉली ने ज्योति के बेडरूम का दरवाजा थोड़ा खुला देखा और सीधा दरवाजे के पास पहुचि. वहाँ का नज़ारा देखकर उसका खून जम गया. ज्योति और जय एक दूसरे के होंठो को चूम रहे थे. चूसने से चप्प चप्प की आवाज़े डॉली के कानो मे आ रही थी.
चूमते हुए जय की नज़रे डॉली पर पड़ी और उसने अपना चेहरा अपनी मम्मी ज्योति से दूर किया. डॉली की मौजूदगी से अंजान ज्योति की आँखें बंद ही थी और उसने अपने होंठ आगे बढ़ाए और जय के होंठो को फिर से अपने होंठ मे दबा लिया.
जय ने ज्योति के बाजू को पकड़ कर थोड़ा दबाया और दूर किया. ज्योति की फिर आँखें खुली और उसने जय की नज़रो को फॉलो किया जो दूसरी तरफ घूमी हुई दिखी तो उसने भी सर घुमा कर डॉली को देखा तो चौंक गयी.
ज्योति: “डॉली, तुम यहा! तुम यहा क्यू आई हो अब!”
डॉली: “मैं तो आपको यह बताने आई थी की वो शमित आपक बेटा नही हैं. वो सुहानी का बाय्फ्रेंड निकला और मुझे धोखे मे रखकर बदला ले रहा था और आपके साथ भी ज़्यादती की थी”
ज्योति ने अपने गीले होंठ पोंच्छ डाले और भारी आँखो के साथ अपना माथा ना मे हिलाते हुए चीखी.
ज्योति: “उसने मुझसे इतना बड़ा गुनाह करवा दिया, अपने ही बेटे के साथ इतना घिनोना काम करवाया”
डॉली: “मगर शमित तो आपका बेटा हैं ही नही…”
ज्योति बिना कुच्छ और सुने वहाँ से रोती हुई भाग कर दूसरे रूम मे चली गयी. डॉली को यह पहेली समझ नही आई और उसने छोटे भाई जय की तरफ सवालिया नज़रो से देखा.
जय: “उस शमित ने मम्मी को 3 दिन पहले फोन करके बोला की मम्मी उसको साबित करके बताए की वो शमित को मुझसे भी पहले अपना बेटा मानेगी. यह साबित करने के लिए उसने शर्त रखी की मम्मी 2 दिन के अंदर मेरे साथ चुदवाये और उसका वीडियो उसको सबूत के तौर पर भेज दे”
डॉली: “और मम्मी मान गयी!”
जय: “3 दिन से मम्मी रो रही थी, वो मेरे साथ नही करना चाहती थी. उनकी परेशानी देखकर मैने ही उनको कहा की 1 बार की ही बात हैं, इसलिए ना चाहते हुए भी कल रात मैने मम्मी को चोदा. मम्मी पूरी चुदाई मे रोती रही.”
डॉली: “अभी तुम दोनो जो किस कर रहे थे वो?”
जय: “मम्मी ने चुदाई का वो वीडियो शमित को दिखाया, पर उसने बोला की किस भी करना पड़ेगा. इसलिए हम अभी एक दूसरे को चूम रहे थे”
जय ने अपनी गर्दन झुका ली.
डॉली: “साला शमित हरामी कही का. मुझे मिल गया तो उसका लंड काट कर उसके हाथ मे दे दूँगी”
जय और डॉली ज्योति के पास गये जो रो रही थी, क्यू की उसको बेवजह अपने ही बेटे के साथ चुदवाना और किस करना पड़ा.
डॉली: “सॉरी मम्मी, यह सब मेरी वजह से हुआ हैं. हो सके आप दोनो मुझे माफ़ कर देना”
जय ने अपनी मम्मी और डॉली को सांत्वना दी की जो भी हुआ भूल जाए. डॉली दुखी होकर वहाँ से चली गयी.
थोड़े दिन निकल गये और फिर एक दिन ड्राइवर राजेश और उसकी बीवी शांति दोनो डॉली से मिलने आए. वो दोनो थोड़ा परेशान दिख रहे थे.
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