RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
में: "अरे तू नहीं जानता मा जैसी जवान, शौकीन और मस्त औरत की पीड़ा. पिताजी ने पिच्छले 15 साल से बिस्तर पकड़ रखा था. वी अपने खुद के काम खुद नहीं कर सकते थे. तो मा को छोड़ना तो डोर उसे वी शायद हाथ भी ना लगाते हों. और अपनी मा जैसी स्वाभिमानी और मान मर्यादा का ख़याल रखने वाली औरत से यह उम्मीद थोड़े ही की जा सकती है की उसने गाँव में यार पाल रखे हो. कहने का मतलब पिच्छले 15 साल से उसकी छूट उँचुड़ी है, वा चुदसी है, उसे लंड की ज़रूरत है. भाई मा की मस्त गड्राई छूट और फूली गांद की सेवा के लिए मेरा लॉडा तो हमैइषा तैयार है. अरे बाबा ना... ना.... मेने भी किस के सामने यह बात कह दी. तू कहीं मेरा भी काट के मेरे हाथ में ना पकड़ा दे."
अजय: "मेरे हाथों आप वेल की काटने की बात... भैया सुन के ही मेरे शरीर में तो झुरजुरी सी दौड़ गई. आप वेल गुड्डे को तो में अपनी तीजौरी में बंद करके टला लगा दूँगा."
में: "अब पंत भी खोलो ना, अपनी तीजौरी के मुख का तो दर्शन काराव. मा को छोड़ने की बात करके लंड मूसल सा खड़ा हो गया है. अपनी मस्त मा को छोड़ने की बात करके यह हाल है तो उसको पूरी नंगी करके छोड़ते समय क्या होगा?" अजय खड़ा हो गया और उसने अपनी पंत और शर्ट उतार दी. अब वा ब्रीफ और बाणयान में था.
अजय: "भैया कल आपने मेरा चूस के जो मज़ा दिया था उस मज़ा को तो में बता नहीं सकता. वैसा मज़ा मुझे कल से पहले जिंदगी में कभी नहीं मिला. लंड चुसवाने में इतना मज़ा है मुझे पता ही नहीं था. में तो सातवें आसमान की शायर कर रहा था. भैया आज में भी आप का चूसूंगा और आपको भी वा मज़ा दूँगा जो मज़ा कल आपने मुझे दिया था." मेने ब्रीफ के उपर से अजय की उभरी गांद अपनी मुट्ठी में कस ली और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
में: "तो तू मेरा लंड चूसेगा? कल तो तू बार बार मुझे माना कर रहा था. तुझे पेशाब करने वाली चीज़ से घिन नहीं आएगी?"
अजय: "भैया, अब तो आप मेरे मुख में धार भी मार देंगे तो घिन नहीं आएगी. भैया जितना प्यार मुझे आपसे है उतना ही प्यार आपके लंड से है.. में आपका ग्युलम हूँ, आपके लंड का सेवक हूँ, आपकी हर बात मानना ही मेरा सबसे बड़ा धर्म है."
में: "अरे मुन्ना आज तो तू बड़ी सयानी सयानी बातें कर रहा है. एक ही दिन में तू बड़ा हो गया रे. जैसे कुँवारी लड़की एक बार छुड़ाते ही पूरी सयानी हो जाती है वैसे ही भैया से एक बार गांद मरवाते ही तू तो पूरा सयाना हो गया. इसका मतलब उन दोनो छूतियों ने तेरी उपर उपर से मारी थी. वास्तव में तो तेरी गांद कुँवारी ही थी, इसकी सील तो कल मेने ही तोड़ी है. तो तू भैया का चूसेगा? तू भी क्या याद रखेगा? कल जीतने प्यार से तेरी मारी थी आज उतने ही प्यार से तुझे चूसवँगा." यह कह मेने अपना नाइट पयज़ामा, ब्रेइफ और गांजी सारे कपड़े उतार दिए. मेने दोनो टाँगें सोफे के हॅंडल पर रख ली और सामने शीशे में खूँटे सा सर उठाए मेरे लंड का प्रतिबिंब मुझे गौरवान्वित कर रहा था.
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