RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
अपडेट-14
इसके दूसरे दिन मेने मा को शाम 5 बजे ही स्टोर से फोन कर बता दिया की मेने ईव्निंग शो की 2 टिकेट्स बुक करली है और वा 6 बजे तक तैयार होके स्टोर में ही आ जाय. मा 6 बजे स्टोर में पाहूंछ गई. आज हमने पुरानी पिक्चर 'खूबसूरत' देखी. मा को यह साफ सुथरी पिक्चर बहुत ही अच्छी लगी. आज भी हमने बाहर ही रेस्टोरेंट में खाना खाया और 10.30 बजे घर पाहूंछ गये.
आज कुच्छ गर्मी थी सो घर पाहूंछ कर मा नहाने के लिए बातरूम में चली गई. में भी अपने रूम में चला गया और शवर लेके नाइट ड्रेस चेंज कर ली. में अपने बेड पर पसार गया और एक मॅगज़ीन को पलटने लगा. में मॅगज़ीन में खोया हुवा था की मा की आवाज़ से की 'क्या चल रहा है' से मेरा ध्यान मा की तरफ गया. एक बार ध्यान गया की में मा की तरफ देखते ही रह गया. मा बहुत ही आकर्षक निघट्य में थी. मा को निघट्य में मेने पहली बार देख रहा था. निघट्य में मेरी मद मस्त मा 35 साल की भारी पूरी बिल्कुल आधुनिक शहरी महिला लग रही थी.
"क्या घूर घूर के देख रहा है? जब बेटा मुझे इस रूप में देखना चाहता है, मेरी छ्होटी सी छ्होटी खुशी के लिए मारा जाता है तो में क्या मेरे प्यारे बेटे की इतनी सी इच्छा भी पूरी नहीं कर सकती. अब देखो ठीक से तुम्हारे लिए में पूरी शहरी बन गई." मा ने कहा और मेरे पास बेड पर बैठ गई.
में: "मा सच सच बताना, तुमको भी ये सब अच्छा लग रहा है ना."
मा: "अच्छा क्यों नहीं लगेगा. तुम्ही तो कहते रहते हो की अभी तो में पूरी जवान हूँ और तेरे जैसा जवान तो यह बात किसी बुधिया को भी कह दे तो उस में जवानी आ जाय. पर आज तूने जो पिक्चर दिखाई, देख के मज़ा आ गया."
में: "मज़ा आ गया ना? देखा, अशोक कुमार जैसा बुद्धा रेखा जैसी जवान लड़की को कैसे अपनी गर्ल फ्रेंड बनाता है. मा तुम भी मेरी गर्ल फ्रेंड बन जाओ."
मा: "तुम मेरा बॉय फ्रेंड बन जाओ तो में अपने आप तुम्हारी गर्ल फ्रेंड हो गई."
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