RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
अपडेट-17
थोड़ी देर बाद में बिस्तर से खड़ा हो गया और एक एक करके अपने कपड़े खोलने लगा. कुच्छ ही पल में में भी मा की तरह पूरा मोतेर्जात नंगा था. मा बिस्तर पर बैठी थी. मेरा 11 इंच का लंड लोहे की रोड की तरह टन कर खड़ा था. बड़ा सा गुलाबी रंग का सुपरा एक दम चिकना था. मेने एक पाँव मा के बगल में बिस्तर पर रखा और अपना लंड हाथ से पकड़ कर मा के चेहरे से टकराने लगा. मा ने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को मुट्ठी में ले लिया. लंड के सुपरे को मा अपने होंठों पर फिरने लगी. दूसरे हाथ से मा मेरे अंडकोषों को मसल रही थी.
"वा! क्या शानदार शाही लंड है. ऐसे लंड पर तो में बलि बलि जौन. आज से तो में तेरे लंड की कनीज हो गई. अब ओर मत तड़पाव, इस मस्ताने लंड से मेरी प्यासी छूट की पयश बुझा दो. इस लंड को मेरी छूट में पूरा उतार दो मेरे साजन, मेरी योनि का अपने विशाल लंड से मंथन करो. अपनी तड़पति मा की जवानी को खुल के भोगो. अपने लिंग के रस से मेरी योनि को सींच दो. आओ मेरे प्यारे आओ. मेरे उपर आ जाओ और मेरी खुशी खुशी लो. में तुम्हें देने के लिए बहुत आतुर हूँ" मा तड़प तड़प कह रही थी.
"हन मेरी राधा रानी में तेरा दीवाना हूँ, तेरी छूट का रसिया हूँ. जब से तू यहाँ आई है तब से में तुझ पर फिदा हूँ. सोते जागते में हरदम तेरी मस्तानी छूट का ही ख्वाब देखा करता था. अब जब मेरे सामने तेरी यह छूट नंगी पड़ी है तो में इसे मनचाहे ढंग से छोड़ूँगा, तुझे तडपा तडपा तेरी जवानी को भोगुंगा." यह कह मेने मा को लिटा दिया और मा की गांद के नीचे एक बड़ा सा तकिया लगा दिया ताकि छूट उभर जाय.
मा: "हन मेरे वीजू प्यारे अपने इस मातृ अंग का, अपनी इस जन्मस्थली का खुल के उपभोग करो. अपने विशाल लिंग से मेरी योनि का भेदन करो. हन मेरे स्वामी अपनी इस प्यासी चरणों की दासी को आपना वीर्या दान दो, मेरी वर्सों से सुखी पड़ी इस बावड़ि में अपने रस का नाला बहा दो और इसे लबालब भर्डो."
में: "हन मेरी रानी में तेरी टाँगों के बीच तेरी लेने आ रहा हूँ." में मा की टाँगों के बीच आ गया और मा की छूट के च्छेद पर अपने लंड का सुपरा रख दिया. मा की छूट पूरी लसलासी थी. तोड़ा सा ज़ोर लगते ही सुपरा 'पच' करके अंदर फिसल गया. अब में मा के उपर पूरा झुक गया और मा को होंठों को अपने होंठों में ले लिया. 4-5 बार केवल सुपरा अंदर डालता और पूरा बाहर निकल लेता. इसके बाद सुपरा अंदर डालने के बाद मेने लंड का दबाव मा की छूट में बढ़ाया. में दबाव बहुत धीरे धीरे दे रहा था . अगले 2-3 मिनिट में मेरा आधा लंड मा की छूट में समा चुका था. उधर मा के होंठ मेरे होंठों में थे. नीचे मा कसमसा रही थी. अब में मा की छूट में आधा के करीब लंड डालता और वापस निकाल लेता. कई बार ऐसा करने से छूट अंदर से अच्छी तरह से गीली हो गई. इसके बाद आधा लंड डालने के बाद मेने छूट में दबाव बनाए रखा और मेरा लंड छूट में धीरे धीरे सरकने लगा. मा का शरीर नीचे अकड़ रहा था. अब मा के होंठ छ्चोड़ कर मेरे हाथ मा की चूचियों को गूँध रहे थे.
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