RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
में: "देख तुझे कैसे कस के छोड़ रहा हूँ. ले ये मेरा धक्का झेल. बड़ी मस्त औरत है तू. तू तो सिर्फ़ मेरे से चूड़ने के लिए ही बनी है. तुझे जैसी चुड़दकड़ और सेक्सी औरत को तो दिन रात नंगी करके ही रखना चाहिए और जब भी लंड खड़ा हो जाय तेरे में पेल देना चाहिए." में अनाप सनाप बकते हुए अपनी मस्त माको छोड़े जा रहा था. करीब 10 मिनिट तक यह छुदाई चली की मा ने मुझे बुरी तरह से जाकड़ लिया. मा की आँखें लाल हो गई, वा हाँफने लग गई, उसका शरीर एक बार ऐंठा और वा ढीली पड़ने लगी.
मा: "हाय विजय बेटे तूने तो एक ही छुदाई में मुझे ढीली कर दिया. देख मेरी छूट से क्या बह रहा है. में इतनी कमजोर क्यों होती जा रही हूँ. मेरे पर ऐसे ही चढ़ा रह, मुझे अपने नीचे दबोचे रख. में तृप्त हो गई." तभी मेरे लंड से ज़ोर से ज्वालामुखी फॅट पड़ा. लंड से पिघला लावा मा की छूट में बहने लगा. धीरे धीरे मा के साथ में भी शीतल पड़ता गया.
कुच्छ देर बाद मा उठी. सोफे से उसने सारे कपड़े लिए और नंगी ही अपने कमरे में चली गई. कुच्छ देर बाद में भी उठा. बातरूम में जा हाथ मुँह धोया और नाइट ड्रेस पहन कर सो गया. आज बहुत अच्छी नींद आई. सोने के बाद एक बार नींद लगी तो सुबह ही खुली. ऑफीस जाते वक़्त मा ने नास्टा दिया पर वा रोज की तरह बिल्कुल सामानया थी.
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