RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
में: "यह आपका प्यारा ग्युलम ठीक वैसा ही है जैसा की आप चाहती हैं. यह इस विशाल राजमहल का हर बंद पड़ा और गुप्त द्वार खुद बा खुद तलाश लेगा और अपना रास्ता खुद बना लेगा."
"चलो अब उठो और अपने कपड़े खोलो. मुझे तो अभी कॅंडी चूसनी है." माने मचल कर कहा.
में आग्यकारी बालक की तरह सोफे से उठा और एक एक कर सारे कपड़े उतार मा के सामने पूरा नंगा हो गया. मा सोफे से उठ कर बेड पर बैठ गई थी. मेरा लंड टन गया था जिसे मा ने हाथ में ले लिया और मुठियाने लगी.
"इतना प्यारा कॅंडी सा लंड और रसगुल्ले सा सुपरा. इसे आज जी भर के चूसूंगई. मैने आज तक किसी मारद का लंड नहीं चूसा लेकिन कल्पनाओं में किसी मोटे और तगड़े लंड को पक्की लूंदखोर की तरह चूसा करती थी. आज वैसा ही लंड मेरे सामने है. विजय डार्लिंग अपने विशाल लंड को अपनी मा के मुख में देदे." यह कह कर मा ने मुझे बेड पर ले लिया और खुद चिट लेट गई. मेने मा के कंधों के दोनो ओर घुटने जमा लिए और मा के मुख में अपना लंड दे दिया. मा होंठ गोल कर के मुख से लंड को बाहर भीतर करते हुए गीला करने लगी. फिर जी जान से कोशिश करती जितना हो सके मुख के अंदर लेने लगी. पूरी कोशिश के बाद भी मा 6 इंच के करीब ही लंड मुख में ले पाई. मा कई देर मेरे लंड को चूस्टी रही, सुपरे पर जीभ फिरती रही, 1-2 बार आंडों को भी मुख में भरने की कोशिश की.
"तेरे इस मस्त लंड ने तो मुझे पक्की लूंदखोर बना दिया. देखो तो इस उमर में मुझे यह क्या हो गया?" मा ने कहा.
"मा तेरे जैसी जवान, हसीन और शौकीन औरत को इस उमर में आ कर जब ऐसा चस्का लगता है ना तो उस औरत के यार की तो लॉटरी खुल जाती है. ऐसी प्यासी और तड़पति औरत बहुत मस्त होके बोल बोलके आपनी जवानी का खजाना लूटती है. खुद भी पूरी तरह से खुल के जवानी के नये नये खेल खेलती है और अपने तोकू यार को भी पूरी मस्ती देती है. उस औरत के साथ मज़ा लेने में जो सुख है ना उस का वर्णन नहीं किया जा सकता. बड़ी नमकीन औरत है तू. तेरा यार बनके तो मेरा भाग्या खुल गया. अब तेरे साथ खुल के व्यभिचार करूँगा. तभी तो मुझे तेरे जैसी प्यासी और शौकीन औरतों का चस्का है. एक बार पाटने की देर है फिर तो इतनी मस्ती कराती है की पुच्च्ो मत." मेने बहुत ही कामुक अंदाज़ में होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा.
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