RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
में: "मुन्ना आज तो तूने कमाल कर दिया. तूने वह काम कर दिखाया जो में सोच भी नहीं सकता था. तूने तो सीधे सीधे माँ से मेरी बात ही चला दी. मेरे प्यारे छोटे भाई अब किसी तरह इस मस्तानी औरत से मेरा टांका भिड़वा दे. तेरी कसम ख़ाके कहता हूँ कि में तेरे साथ मिल बाँट के ही इसका मज़ा लूँगा. माँ जैसी 46 साल की पूरी खेली खाई भरी पूरी औरत हम दोनो भाइयों को एक साथ पूरा मज़ा दे सकती है. तुझे
औरतों की पूरी पहचान नहीं है, माँ जैसी मस्त औरतों को जब इस उमर में जवानी का शौक़ चढ़ता है ना तो वे भला बूरा कुच्छ भी नहीं देखती. एक बार खुल गई तो खुद भी मस्त होकर हम दोनों के लंड का मज़ा लेगी और अपनी चूत और गान्ड हमारे लंड पर न्योछावर कर देगी."
अजय: "भैया मुझे पता है कि आपकी तबीयत माँ पर आ गई है और में जी जान से चाहता हूँ कि आपको माँ मस्ती करने के लिए मिल जाय. इसके लिए में हर कोशिश करूँगा. मेरे को यह लालच बिल्कुल भी नहीं है कि भैया के साथ साथ मुझे भी माँ से मस्ती करने का
मौका मिलेगा. में तो कभी कभी आपसे ही गान्ड मरवा के खुश हूँ."
"एक बार तू माँ को चूत और गान्ड का स्वाद चख लेगा ना तब देखना उस मज़े का पक्का लोभी बन जाएगा. ऐसी गुदाज औरत को अपनी गोद में खड़े लंड पर बिठा कर उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मसलना, तब देखना तुझे कैसी मस्ती आती है. एक बार वह तेरे सामने अपनी चूत का फाटक खोल देगी तब देखना तेरी जीभ उसे चाटने के लिए लपलपाने लगेगी. और यदि तेरे सामने अपनी चौड़ी सी गान्ड उठा देगी तब तेरे लिए चुपचाप बैठे रहना क्या संभव हो पाएगा, तू सांड़ की तरह उस पर चढ़ दौड़ेगा. मेने तो जब से तेरे से माँ के मूतने की बात सुनी है
तब से उस धार के लिए मेरा हलक सुख रहा है. आज तो माँ के बारे में सोच सोच कर ही गर्मी चढ़ रही है. में तो खूब अच्छे से शवर में नहाउन्गा. क्या तू भी मेरे साथ नहाने चलेगा?" मेने बेड पर से उठते हुए कहा. फिर मेने ब्रीफ को छोड़ सारे कपड़े खोल दिए. माँ के बारे
में सेक्सी बातें करने से मेरा लंड पूरा खड़ा था और इस वजह से आगे से ब्रीफ फूल गया था. मुन्ना अभी भी बेड पर बैठा था. मेने ब्रीफ पर से फूले लंड को पकड़ हिलाते हुए अजय को दिखाया.
में: "मुन्ना देख माँ की चूत और गान्ड के बारे में सोच कर मेरा लंड कपड़े फाड़ बाहर आने के लिए मचल रहा है. अब तो इसे माँ की झान्ट भरी चूत और फूली हुई गान्ड मिले तभी यह ठंडा हो. चल उठ, तू भी अपने कपड़े खोल, ज़रा देखूं तो सही की तेरे लंड की क्या हालत है.
" मेरी बात सुन अजय ने भी एक एक कर ब्रीफ को छोड़ सारे कपड़े उतार दिए. अजय का भी ब्रीफ मेरी तरह आगे से पूरा फूला हुआ था.
मेने अजय का लंड ब्रीफ पर से पकड़ लिया और कहा, "देख मुन्ना तेरा लंड भी माँ की चूत और गान्ड के लिए तरस रहा है."
अजय: "हां भैया, आपकी इतनी गरम गरम बातें सुन पूरी मस्ती आ रही है."
"तो फिर चल हम दोनो भाई शवर में नंगे होके नहाते हैं और आज बाथरूम में मस्ती करेंगे." यह कह हम दोनो मेरे कमरे के विशाल बाथरूम में आ गये. बाथरूम में बड़ा सा बाथ टब लगा था और प्लास्टिक का पारटिशन परदा भी था. बाथरूम में आ मेने अपना ब्रीफ भी उतार दिया और अजय का भी अपने हाथ से ब्रीफ उतार उसे भी पूरा नंगा कर लिया. मेने अपने मस्त नंगे भाई को बाँहों में भींच ज़ोर से जकड लिया
और उसके होंठ चूमने लगा. हमारे लंड नीचे पुर खड़े आपस में टकरा रहे थे और दोनो भाई एक दूसरे के चूतड़ अपनी ओर दबा रहे थे. तभी मेने फुल फोर्स में शवर खोल दिया और ठंडे पानी की फुहारें बड़े वेग से हमारे नंगे जिस्म पर गिरने लगी. में अपना चेहरा भाई के चेहरे
पर रगड़ने लगा और एक दूसरे के अंग रगड़ रगड़ एक दूसरे को नहलाने लगे. हम काफ़ी देर इसी तरह नहाते रहे.
इसके बाद में अजय के सामने बाथरूम के फ्लोर पर बैठ गया और उसके मस्ताने लंड से खिलवाड़ करने लगा. कभी उसकी दोनो गोटियों को टोलते हुए हलके हल्के दबाता तो कभी उसके लंड का सुपारा खोलता और बंद करता. मुझे छोटे भाई के लंड से बहुत प्यार था और होता भी क्यों नहीं क्योंकि उतने ही प्यार से वह मुझे अपनी गान्ड भी तो मारने के लिए देता था. फिर मेने उसके लंड को अपने मुख में ले लिया
और आइस्क्रीम की तरह चूसने लगा. मैने लंड को अपने थूक से पूरा तरबतर कर लिया और लंड को मुखसे बाहर भीतर करते हुए काफ़ी
देर तक चूस्ता रहा. अजय का शरीर अकड़ने लगा. वह भी अपनी गान्ड तेल तेल कर मेरे मुख में अपने लंड को पेलने लगा.
इसके बाद में वहीं बाथरूम के मार्बल के फ्लोर पर लेट गया और अजय को घुटनों के बल पर ठीक अपने मुख पर ले लिया. इस पोज़ में अजय का लंड ठीक मेरे मुख के सामने था. मेने भाई के लंड के लिए वापस मुख खोल दिया. में कुच्छ देर फिर उसके लंड को चूस्ता रहा. तभी मेने कहा,
में: "अजय आज अपने लंडखोर भाई का मुख उसी तरह चोदु जैसे कि में तेरी गान्ड को अपने लंड से चोदता हूँ. अबे साले देखता क्या है. हुमच हुमच कर अपने भाई के मुख में अपना लॉडा पेल. देख मेने तेरे लंड के लिए अपना मुख खोल रखा है. आज अपना सारा माल मेरे मुख में ही झाड़ना. तू मेरे से जितने प्यार से अपनी गान्ड मरवाता है तेरे बड़े भैया उतने ही प्यार से अपना मुख तेरे लंड से चुदवाते हैं. मेरे मुख
में लंड का रस छोड़. रस नहीं निकलता है तो मदर्चोद भोसड़ी के मेरे मुख में मूत. मेरे मुख में मूत की धार छोड़, नहीं तो में तेरे लंड को काट खाउन्गा." मेरी बात सुन अजय के शरीर में एक बार ऐंठन हुई और दूसरे ही पल उसके लंड से गरम मूत मेरे मुख में बहने लगा. मेने उसका लंड जड़ तक अपने हलक में ले लिया और भाई का मूत्रपान मस्त हो कर करने लगा. कुच्छ ही देर में उसके लंड से मुत्र की धार
निकलनी बंद हो गई पर मेने लंड को मुख से बाहर नहीं निकाला. अगले ही पल थुलथुला कर उसका लंड मेरे मुख में झड़ने लगा. भाई का गाढ़ा वीर्य मेरे मुख को भर रहा था. कुच्छ वीर्य तो में गटक रहा था और कुच्छ उसके खड़े लंड में लपेट लंड को तेज़ी से मेरे मुख में बाहर भीतर कर रहा था.
फिर हम दोनो भाई शवर के नीचे खड़े हो गये और मेने शवर वापस चालू कर दिया. हम दोनो नंगे भाई ठंडे पानी से कई देर तक नहाते रहे. तभी मेने शवर बंद कर दिया. हम दोनों के नंगे जिस्म से पानी टपक रहा था. फिर एक बड़े टवल से हम दोनों ने एक साथ अपने भीगे जिस्म पोन्छे. बड़े टवल को दोनो के शरीर पर एक साथ लपेट आपस में टकराते हुए हम ने अपने शरीर अच्छी तरह पोन्छ लिए. फिर में कमरे
में आ गया और अपनी नाइट ड्रेस पहन ली और बिस्तर पर लेट गया. अजय भी नाइट ड्रेस चेंज कर चुपचाप रोज की तरह मेरे साथ एक
ही बिस्तर पर सो गया. आज में अपने भाई को तृप्त कर खुद एक आवरनाणिया तृप्ति महसूस कर रहा था और उसी की कल्पना में मुझे नींद आ गई.
===========
|