Hindi Antarvasna - चुदासी
11-13-2021, 12:45 PM,
#68
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
दूसरे दिन सुबह जब मैं उठी तब मुझे हर रोज से ज्यादा ताजगी महसूस हो रही थी। नीरव के जाने के बाद रसोई करते हुये मैं कल करण के साथ हुई बातें याद कर रही थी- “निशा, जिसे तुम प्यार करती हो वो तुम्हारी बदन की भूख न मिटा सकता हो तो, उससे प्यार करो जो तुम्हारी वासना की आग को ठंडा कर रहा हो...”

करण की आवाज़ मेरे मस्तिष्क में गूंज रही थी। करण मर्द है और उसके लिए सेक्स से ज्यादा कुछ नहीं। पर। हम औरतें तो प्यार पाने के लिए सेक्स करती हैं, और मर्द सेक्स के लिए प्यार जताते हैं। यही तो फर्क है हम औरतों और मर्दो में। पर मुझे तो दोनों चाहिए... सेक्स भी चाहिए और प्यार भी चाहिए। पर मेरी विडंबना तो । देखो कि मुझे दोनों को लिए दो अलग-अलग इंसानों की जरूरत पड़ती है। मैं न जाने क्या-क्या सोचती रही और कितनी देर तक सोचती रही, बीच-बीच में मेरा रूटीन काम करती रही।

शंकर आया तो उसे टिफिन दे दिया और मैंने खाना भी खा लिया। तभी मेरा ध्यान घड़ी पर गया तो एक बज चुका था, रामू अभी तक नहीं आया था। हर रोज तो 12:30 बजे के आसपास आ जाता था तो आज कहां गया होगा? कभी कभार देरी करता होगा तो मेरा ध्यान भी नहीं जाता होगा। पर आज मुझे उसका इंतेजार था, और 15 मिनट हो गई पर रामू नहीं आया। मुझे हर एक सेकेंड घंटे के समान लग रहा था।

तभी लिफ्ट आई और रामू दिखाई दिया। मैं मन ही मन खुश हो गई, पर मैं अपनी खुशी उसके सामने जाहिर करना नहीं चाहती थी। मैं उठकर हर रोज की तरह रूम में चली गई और उस पल का इंतेजार करने लगी की रामू काम खतम होते ही दरवाजा खटखटाएगा और अंदर आ जाएगा।

थोड़ी देर बाद रामू ने दरवाजा खटखटाया- “जा रहा हूँ मेडम...”

मैंने एकाध मिनट के बाद दरवाजा खोला। मैंने सोचा था की रामू बाहर होगा पर वहां कोई नहीं था। मैं दरवाजे पर गई, वहां रामू नहीं था। मैं समझ गई की वो अंदर होगा। दरवाजा बंद करके जल्दी-जल्दी अंदर गई पर वहां कोई नहीं था। फिर मैंने सारा घर छान मारा पर रामू कहीं नहीं था। मैं निराश होकर बेड पर लेट गई।

मैं सोचने लगी- “रामू ने ऐसा क्यों किया होगा? क्यों चला गया होगा? क्या उसे मुझसे ज्यादा कान्ता अच्छी। लगती होगी?” ढेरों सवालों ने मुझे घेर लिया था, पर मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मेरे बदन में आग सी लगी हुई थी। मुझे दोनों टांगों के बीच इंडे की जरूरत महसूस हो रही थी।

मैंने मेरा गाउन ऊपर उठाया, अंदर कुछ नहीं पहना था। मैंने मेरी उंगलियों से मेरी चूत के बाहरी भाग को सहलाया। ज्यादा बालों की वजह से कम मजा आया। मैंने मेरी उंगली चूत के अंदर डालकर आगे-पीछे करनी शुरू कर दी। मैं बहुत कम मास्टरबेट करती हूँ, पर जब भी करती हूँ तब किसी की कल्पना करते हुये करती हूँ।

पर आज मेरी आँख बंद करते ही कितने सारे लण्ड मुझे दिखाई दिए। उंगली चूत के अंदर-बाहर करते हुये वो सारे लण्ड देखते हुये मैं जल्दी से झड़ गई।
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RE: Hindi Antarvasna - चुदासी - by desiaks - 11-13-2021, 12:45 PM

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