RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
डॉक्टर गुप्ता ने जाने क्या कहते रहे थे। वो सिर्फ हूं-हां करता रहा। फिर राज ने तंग आकर डॉक्टर गुप्ता से इजाजत ली और घर वापस आ गया। वहां से उठते-उठते इतना जरूर किया था कि वह ज्योति के चारों दिवंगत पतियों के नाम और पते डॉक्टर गुप्ता से लिखवा लाया था।
घर आकर उसके जेहन में एक ख्याल उभरा, और वा फोन के करीब जाकर अपने दोस्तों, मित्र से फोन करने लगा। करीब डेढ़ घंटे तक फोन पर बातें करने के बाद राज को जो जानकारी मिली, उससे उसके क्षीण से सन्देह और ज्यादा बड़े और पक्के हो गए।
उससे अपने कई दोस्तों से ज्योति के दिवंगत पतियों के हालात मालूम किए थे तो उसे मालूम हुआ था कि ज्योति के चारों दिवंगत पति अच्छी शख्सियत वाले थे और सारे ही ऐसे थे कि उनके मरने के बाद उनकी दौलत और जायदाद का ज्योति के अलावा कोई वारिस नहीं था। ज्योति इस वक्त करोड़ों रूपये की मालिक थी और अब शायद पांचवे पति के मरने के बाद उसकी अमीरी कुछ और बढ़ जाने वाली थी।
राज ने लगे हाथ बैरिस्टर खोसला के बारे में भी पूछ लिया और उसका अन्दाजा दुरूस्त निकला। बैरिस्टर खोसला भी बेऔलाद था और मरने के बाद ज्योति ही उसकी जायदाद की इकलौती वारिस थी।
ये तमाम जानकारियां हासिल करके राज को यकीन हो चला कि ज्योति के चारों पतियों की मौत स्वाभाविक रूप से नहीं हुई थी-बल्कि कोई जबर्दस्त गड़बड़ थी उनकी मौतों के पीछे।
जादू वगैरह का राज कायल नहीं था, जिससे यह समझ लेता कि ज्योति कोई खून पीने वाली तान्त्रिक है। राज तो एक डॉक्टर था। उसे मालूम था कि इन्सानी जिस्म में जब तक कोई खास पूर्जा ही खराब ने हो जाए, वह मर नहीं सकता। चाहे कितनी ही खतरनाक बीमारी क्यों ने हो, आज के आधुनिक युग में अगर वक्त पर इलाज शुरू हो जाए तो रोगी के बच जाने की निन्यानवे प्रतिशत सम्भावना हो जाती है। बशर्ते कि बीमारी इलाज की सीमा से बाहर ही न पहुंच गई हो।
कभी-कभी तो राज को यकीन होने लगता था कि जादू टोना, तंत्र-मंत्र वाकई कोई चीज हैं और ज्योति एक पहुंची हुई जादूगरनी या तान्त्रिक है जिसकी वजह से उसका हर पति डेढ़ दो साल में मर जाता है। फिर उसने सोचा कि अगर ज्योति जादूगरनी नहीं है तो उसके गले में पड़ा वो सांप जैसा नेकलेस जरूर कोई भयानक जादू अपने में समेटे हुए होगा, क्योंकि उसकी कल्पना करते ही राज के जिस्म में झुरझुरी दौड़ जाती थी-वर्ना क्या वजह थी कि जहरों का स्पेशलिस्ट एक डॉक्टर सिर्फ चांदी के बने सांप जैसे नेकलेस से खौफ खाता हो, जिसे नर्म और नाजुक एक हसीना गर्दन से लपेटे फिरती थी?
उस साल भर पहले की मुलाकात के बाद भी ज्योति कई बार राज से ब्लू हैवन क्लब में मिली थी, लेकिन राज हर बार उसे देखते ही आंखें चुरा लिया करता था।
जब कभी भी ज्योति राज को नजर आ जाती, काफी देर तक उसका और उसके नेकलेस का ख्याल राज को सताता रहता था, कभी-कभी तो राज उस खतरनाक हसीना का ख्याल दिमाग से निकालने के लिए स्कॉच का सहारा भी लेने लगा था, स्कॉच परेशानी और खौफ के मौकों पर हमेशा उसमें नई जान भर देती थी।
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यही वजह थी कि उस वक्त तो ज्योति को अपने दोस्त सतीश के साथ देख कर उसका दिल धक से रह गया था, खौफ और दहशत से वो ठिठक गया था। उसे अपनी रीढ़ की हाी में च्यूटियां सी दौड़ती महसूस होने लगी थीं। सारी दुनिया में एक ही तो ऐसा शख्त था जिससे राज को सबसे ज्यादा लगाव था। वो शख्स सतीश था। सबसे ज्यादा खतरा राज को इसलिए महसूस हो रहा था क्योंकि सतीश खुद भी एक बड़ी जायदाद का अकेला मालिक था। इसका कोई वारिस भी नहीं था।
राज के बहुत अनुरोध के बावजूद सतीश ने अभी तक शादी भी नहीं की थी। सतीश में ज्योति का पति बनने की तमाम योग्यताएं मौजूद थीं। ज्योति जिस तरह के पतियों की तलाश में रहती थी, सतीश उसकी तरफ शर्तों पर खरा उतरता था। यही वो आशंकाएं थीं जो ज्योति और सतीश को एक साथ देखकर राज के दिल में उठ खड़ी हुई थीं।
राज धीर-धीरे चलाता हुआ हॉल में दाखिल हुआ और एक खाली मेज देख कर जा बैठा। इस वक्त क्योंकि सतीश से कोई खास बातचीत नहीं की जा सकती थी और ज्योति से वो मिलना नहीं चाहता था, इसलिए वेटर को बुला कर राज ने एक लार्ज पैग का आर्डर दिया।
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