RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
दूसरे दिन राज ने सतीश को फोन किया और उससे कहा कि वह उसके घर चला आए या वहीं उसका इन्तजार करे। सतीश ने जवाब दिया
"तुम आ जाओ.... "
राज ने फौरन कपड़े बदले और सतीश की कोठी की तरफ चल पड़ा। उस एक साल के अर्से में ज्योति के पांचवें पति का भी देहांद हो चुका था, जिसके बारे में अपने सन्देह को मिटाने के लिए बैरिस्टर खोसला का पोस्टमार्टम राज और डॉक्टर नरेन्द्र गुप्ता ने मिल कर किया था कि बैरिस्टर खोसला की मौत प्राकृतिक थी। और अब ज्योति आज़ाद थी। ज्योति, सात साल में जिसके पांच पति मौत के मुंह में समा गए थे और वो अपना छठा शिकार फांसने के लिए बढ़ रही थी।
ख्यालों में डूबे राज को पता ही नहीं चला कि रास्ता कब कट गया। कोठी में दाखिल होते है नौकर ने बताया कि सतीश लाईब्रेरी में उसका इन्तजार कर रहा है। राज लम्बी राहदारी में से होता हुआ, सतीश के बेडरूम के सामने से गुजर कर स्टडी में पहुंच गया।
कमरे के दरवाजे पर पहुंच कर राज ने देखा कि सतीश उसकी तरफ पीठ किए मेज के पास कुर्सी पर बैठा कुछ लिख रहा है। राज ने कमरे में दाखिल होते हुए कहा
" सतीश!"
"राज, तुम आ गए?" सतीश ने राज की तरफ देखे बगैर पूछा, "खैरियत तो है? आज इतने घबराए हुए क्यों हो?"
राज कोई जवाब दिए बगैर उसकी पीठ पीछे जा खड़ा हुआ। इत्तेफाक से सतीश उस वक्त ज्योति को पत्र लिख रहा था। राज ने शुरूआती दो-तीन लाईनें पढ़ लीं। पत्र में वह ज्योति से बाकायदा इश्क का इजहार कर रहा था। साफ लफ्जों में।
"तुम ज्योति को कब से जानते हो?" राज ने उसके कंधों पर जोर डालते हुए पूछा।
"काफी दिनों से!"
"इस तरह के संबंध कब से हैं?" राज ने पत्र की तरफ इशारा किया।
"अभी कुछ ही दिनों से। लेकिन तुम ये सब बातें इतनी बेताबी से क्यों पूछ रहे हो?" सतीश बोला-"शायद तुम्हें मालूम नहीं दोस्त कि निकट भविष्य में मैं ज्योति से शादी करने जा रहा हूँ
"शादी !" राज करीब-करीब चीख ही उठा था। खौफ और दहशत से चौंककर वो एक कदम पीछे हट गया। उसने हकलाते हुए कहा
"तुम शादी करोगे सतीश....उस खतरनाक हसीन औरत से....?"
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"हां! क्यों इसमें ताज्जुब की क्या बात है?" उसने राज की तरफ हैरत से देखते हुए पूछा।
राज बोला
" सतीश, क्या तुम जानते नहीं, वो कितनी खतरनाक औरत है?"
"खतरनाक....?" वो हंस पड़ा, "कैसी बच्चों जैसी बातें कर रहे हो राज ? वो नाजुक सी, मासूम सी औरत, भला खतरनाक कैसे हो सकती है?"
"लेकिन भले आदमी, क्या ज्योति से बढ़िया लड़की तुम्हें नहीं मिल सकती?” राज ने कहा, "तुम जबान दो, खूबसूरत हो, दौलतमंद हो। तुम्हारे लिए तो अच्छी से अच्छी लड़की मिल सकती है।"
"पहले मैंने भी यहीं सोचा था। लेकिन पिछले कुछ दिनों में ज्योति से मेरे सम्बंध इतने गहरे हो गए हैं कि हमारे बीच अब किसी तरह की दूरी नहीं रही.... । हमें एक-दूसरे से मोहब्बत हो गई है....।" उसने मुस्कराते हुए कहा।
"क्या तुम्हें मालूम है कि ज्योति तुमने पहले पांच पतियों को मौत के घाट उतार चुकी है?"
"क्यों बेचारी पर इल्जाम लगाते हो दोस्त? उसके पति अगर मर गए तो इससे उस मासूम का क्या दोष है? मर्द भी तो कई-कई शादियां करते हैं और उनकी पत्नियां मरती भी रहती हैं। जरा सोचो, मौत पर भी किसी का कभी बस चलता है....कि बेचारी ज्योति का चलेगा?"
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