RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
राज को भी उस वक्त, उस सांप को न देख पाने का दुख हुआ, लेकिन वो इस मामले में कुछ भी तो नहीं कर सकता था। मजबूरी की बात थी।
बहुत देर तक दोनों उस सांप और उसके जहर के बारे में चर्चा करते रहे, फिर राज न पूछा।
"क्या उस सांप का जहर सांप के काटने के फौरन बाद असर कर देता है?"
"नहीं। मैंने अभी कहा था कि उस सांप के दांत नहीं होते, उसका जहर सिर्फ जुबान में होता है। आप सांप को हाथ में ले लें, वो आपके जिस्म पर रेंगता रहे, कुछ नहीं होगा, चाहे वो आपको अपनी जहर कभी चुबान से चाटता भी रहे, तब भी कोई नुकसान नहीं होगा। हां, जिस जगह उसकी जुबान लग जाती है, वो अंग जहरीला हो जाता है, और कई दिनों तक उसका असर बाकी रहता है। लेकिन उसकी जुबान अगर किसी के जिस्म के ऐसे हिस्से से छू जाए जिससे कि जहर खून में मिल जाए तो फिर जान जाना यकीनी हो साता है।"
"बड़ा अजीब और खतरनाक जहर है।" राज ने हैरत से कहा।
"हां। लेकिन मैंने उस सांप के जहर का तोड़ उसी के जहर से तैयार किया है। अगर जहर ने पूरी तरह बदन के अन्दरूनी अंगों पर असर न किया हो तो या जहर किसी कमजोर तरीके से खून में गया हो तो ऐसे शख्स को मारने से बचाया जा सकता है। लेकिन अगर जहर ख़तरनाक मात्र में जिस्म में समा चुका हो तो मुश्किल हो जाती है। मैं कोशिश कर रहा था कि ज्यादा ताकतवर तोड़ बना सकूँ जो ज्यादा कम वक्त में पहुंचाए, कि तभी वो सांप मुझे बेचना पड़ा और मेरा वह प्रयोग अधूरा ही रह गया।"
उसने रूककर गहरी सांस ली और आगे बोला
"अब अगर कभी किस्मत से मुझे उसी नस्ल का कोई दूसरा सांप मिल गया तो मैं अपना प्रयोग फिर से शुरू कर दूंगा।" उसके बाद उसने उस जहर का और उसके तोड़ का प्रयोग राज को करके दिखाया।
जब एक साल बाद राज भारत वापिस आ रहा था तो, वो सांप, उसका जहर और उसका तोड़ उसके जेहन में चक्कर काट रहा था।
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