RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
ज्योति अचानक कुछ अस्वस्थ हो गई। सतीश ने राज से ज्योति के लिए कोई दवा लिख देने के लिए कहा। राज का जी तो नहीं चाह रहा था, लेकिन उसने सतीश की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ज्योति का इलाज शुरू कर दिया। दो-तीन दिन तक ज्योति राज की लिखी दवाएं इस्तेमाल करती रही।
लेकिन शायद आराम इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि डॉक्टर का ध्यान पूरी उसके इलाज पर नहीं था। वो सरसरी सी उसकी चैकअप करता और दवा लिख देता था। दवाइयां बाजार से आती थीं और सतीश बड़े प्यार के साथ अपने हाथों से ज्योति को लिखा-पिला देता था। बिल्कुल सही वक्त पर, सही मात्र में।
तीन दिन तक राज की लिखीं दवाईयां इस्तेमाल करने के बाद भी जब ज्योति को कोई आराम नहीं मिला तो सतीश ने झल्ला कर किसी और डॉक्टर को फोन कर दिया। एक ऐसे डॉक्टर को, जिसे सतीश नहीं जानता था। इसी शहर में जिन्दगी गुजर देने के बावजूद राज ने उस दिल उसे पहले बार देखा था।
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डॉक्टर आया, उसने ज्योति को अच्छी तरह चैक किया और लिख कर वो चला गया। डॉक्टर के जाने के बाद राज ने सतीश से पूछा
"ये कौन थे?"
"उन्हें डॉक्टर जय वर्मा कहते हैं।" सतीश ने बताया।
"इस शहर में शायद अभी-अभी पधारे हैं?"
"नहीं यार, वो तो बहुत दिनों से इसी शहर में हैं, लेकिन पहले शहर से दूर दिल्ली देहात के एक गांव में रहते थे, इसलिए तुम्हें उनसे मिलने का संयोग नहीं हुआ होगा।"
"तुम उन्हें पहले से जानते हो?" राज ने पूछा।
"नहीं, जानता तो मैं भी नहीं था उन्हें, बस शादी के बाद ही परिचय हुआ था उनसे ।” सतीश ने बताया-"वो ज्योति के दोस्त हैं कभी-कभी मिलने आते रहते हैं।"
"क्या वो गांव में रहकर प्रेक्टिस करते हैं?"
"पता नहीं लेकिन उन्हें भी तुम्हारी तरह जहरों के बारे में शोध करने का शौक जनून की हद तक है।" सतीश ने जवाब दिया।
"जहरों के बारे में शोध और प्रयोग?' राज के मुंह से हैरत भरे शब्द निकले।
सतीश का जवाब हथौड़ की तरह उसके दिमाग पर बरसा था। अचानक उसके जेहन में एक सवाल उठा-कहीं सतीश का इस डॉक्टर के जरिये ही तो कोई भयानक जहर नहीं दिया जा रहा? वहीं जहर जिसका शहर ज्योति के पहले पांच पति हो चुके हैं?
"क्या डॉक्टर जय सांप भी पालते हैं?" राज ने बेचैनी से पूछा।
"मुझे नहीं मालूम। कई बार मिलने के बावजूद मैं कभी भी उनकी कोठी पर नहीं गया। ज्योति अकसर वहां जाती रहती है। इसे मालूम होगा।"
"वो कभी मिस्र भी गए हैं?" राज ने पूछा।
"मैं नहीं जानता। लेकिन तुम उसके बारे में इतनी पूछताछ क्यों कर रहे हो?" सतीश ने राज के सवालों से घबरा कर पूछा।
"ऐसे ही पूछ लिया था यार, कोई खास बात नहीं है।' राज ने लापहवाही से जवाब दिया।
लेकिन उसका जेहन डॉक्टर जय में ही उलझा रहा। दरअसल उसे यह आशंका हो रही थी कि शायद यही वो डॉक्टर हो जिसने उस मिस्री डॉक्टर से वो अजीबोगरीब छोटा सांप खरीदा था। उस खतरनाक सांप का ख्याल आते ही राज को एक झुरझुरी सी आ गई।
"किस सोच में पड़ गए?" सतीश ने राज को खामोश देखकर पूछा।
"कुछ नहीं!” राज अपने ख्यालों से चौंक उठा।
फिर कुछ देर सोचने के बाद उसने सतीश से पूछा
"एक बात बताओ सतीश, क्या मेरी गैरहाजिरी के दौरान ज्योति के साथ तुम्हारी, मेरी रही।” सतीश ने जवाब दिया।
"आम सी चर्चा नहीं, मेरे शौक डॉक्टरी के बारे में?"
"हां, वो जानती है कि तुम डॉक्टर हो, लेकिन सिर्फ शौकिया डॉक्टर हो।"
"अरे यार ।” राज ने झल्ला कर कहा, "क्या मेरे जहरों पर शोध के बारे में उसे मालूम है?"
"नहीं। मेरे ख्याल से इस किस्म का जिक्र हम दोनों के दरम्यान कभी नहीं छिड़ा। न ही मैंने ज्योति को इस बारे में बताने की कभी जरूरत महसूस की?"
"अच्छा किया जो उसे नहीं बताया, और कृपा करके अब बताना भी नहीं।"
"क्यों भई?" सतीश ने हैरत से पूछा।
"कोई जरूरी नहीं है कि आदमी अपनी हॉबीज का ढिंढोरा पीटता रहे।"
"ठीक है।"
सतीश ने लापरवाही से कंधे हिलाए थे और कमरे से बाहर निकल गया था। शायद उसे अचानक कोई जरूरी काम याद आ गया था।
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