RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
डॉक्टर जय राज की तरफ इस तरह झुक गया जैसे उसका जवाब पूरा ध्यान लगातार सुनना चाहता हो।
"दरअसल में सही डाइग्नोज नहीं कर सका। उसके सारे भीतरी अंग सही रूप से काम कर रहे हैं और यही राय सर्जन नरेन्द्र गुप्ता की भी है। सर्जन नरेन्द्र गुप्ता को जानते हैं आप?"
"हां, जानता हूं, उन्हें खूब अच्छी तरह जानता हूं। मुझे हैरत है कि आप दोनों मिलकर भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके ? हालांकि मैंने पहली बार ही उनका चैकअप करके कह दिया था कि उनका दिल कमजोर हो रहा है।"
"लेकिन अगर आपकी बात मान भी ली जाए, तो सवाल यह पैदा होता है कि दिल कमजोर हुआ है तो किसी चीज से कमजोर हुआ है?" राज ने कहा, "अब से एक साल पहले तक तो वह बिल्कुल सही और सेहतमंद मर्द था। फिर.....अचानक यह.....?" इन्सान के दिल पर मानसिक और शरीरिक स्थितियां भी असर करती हैं। जिनकी वजह से वो ठीक तरह काम नहीं कर पाता।"
"इसका मतलब यह हुआ कि सतीश का दिल किसी मानसिक परेशानी या तनाव से कमजोर हुआ है?"
"एक तरह से यही समझ लीजिए। लेकिन यह मेरा आखिरी फैसला नहीं है। हो सकता है उसका दिल कमजोर होने की कोई और ही वजह हो....।" डॉक्टर जय ने लापरवाही से कहा।
फिर उसने घड़ी देखी और अपनी बात आगे बढ़ाई
"साढ़े बारह बज गए हैं, मेरे ख्याल से हमें लंच कर लेना चाहिए। बातें तो बाद में भी होती रहेंगी। लंच के बाद ही मैं आपको अपनी लेब्रॉटरी भी दिखा दूंगा।"
"जैसे आज चाहें....।" राज ने कहा।
दरअसल वो समझ गया था कि लंच का तो सिर्फ बहाना ही है, डॉक्टर जय बातचीत के विषय को बड़ी खूबसूरती से टाल गया था। जिसे राज ने भी महसूस कर लिया था।
"एक मिनट प्लीज।" डॉक्टर जय ने कहा और कमरे से बाहर चला गया। राज ने सोचा, शायद वो लंच के लिए नौकरों से कहने गया है।
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