RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
आखिर में मेरे दोस्त वेटर से मुझे कहा कि तुम चाहो तो अभी उनको करीब से देखा सकते हो। वो मुझे लिफ्ट से पांचवीं मंजिल पर ले गया। पांच सौ पांच के सामने वाला पांच सौ पैंतीस नम्बर कमरा खाली पड़ा हुआ था और साथ ही पांच सौ पैंतीस के बीच पतली सी दीवार है। वहां से शायद उन लोगों की सारी बातें भी सुनाई दे जाएं। पांच सौ पैंतीस पहले दो कमरों का रूम था जिनके बीच में एक दरवाजा था, अब दरवाज को दोनों तरफ से बन्द करके दो कमरे बना दिये गए हैं। दोनों दरवाजों पर पर्दे टंगे रहते हैं। हो सकता है वहां किसी जगह से कुछ दिखाई भी दे जाए।
मैंने उस दरवाजे के चाबी के छेद में से देखा, उस औरत ने नकाब और चश्मा दोनों उतार रखे थे और नौजवान उसे अपनी गोद में भरे ताबड़तोड़ प्यार कर रहा था। करीब पन्द्रह मिनट में वहीं खड़ा उनकी बातें सुनता रहा। जिनसे मैंने यह समझा कि दोनों एक-दूसरे से बेहद मोहब्बत करते थे। वो दोनों शादी पर दी जाने वाली पार्टी के बारे में प्रोग्राम बना रहे थे। वो नौजवान बहुत खूबसूरत था और दौलतमंद तो वह था ही, लेकिन उसक मुकाबले में वह औरत इतनी ज्यादा हसीन थी कि वैसी हसीन सूरत मैंन आज तक नहीं देखी।''
ड्राईवर खामोश हुआ तो राज ने उससे पूछा
"क्या तुम उस औरत का हुलिया बता सकते हो?"
"उस औरत का हुलिया बताना बहुत मुश्किल है।" ड्राईवर ने जवाब दिया-"वो इतनी ज्यादा हसीन थी कि शब्दों में उसका हुलिया बताना बहुत मुश्किल है। से ब की तरह गाल लाल-लाल, भरे-भरे होंठ, गुलाबी नाक, बड़ी प्यारी सी ठोड़ी, मोतियों जैसे चमकते दांत, बड़ी-बड़ी काली जादू भरी आंखें जिनमें असली जादू था। मेरे ख्याल में अगर वो चश्मा उतारक निकाल करे तो सैंकड़ों आदमी उस पर मर मिटें। और एक खास निशान उसके दायें गाल पर ऐसा था जो उसे पहचानने में भारी मदद कर सकता है। लेकिन मैं यकीन से नहीं कह सकता था कि वो परमानेंट निशान था या टेम्परेरी।"
"कया निशान था वो?" राज ने बेसब्री से पूछा।
"वो कोइ आधे-आधे इंच की दो नीली लकीरें हैं जो पास-पास उसके दाएं गाल पर बनी हुई हैं। क्यों गालों को रंग गुलाबी है इसलिए हल्के नीले रंग की लकीरें साफ नजर आती हैं। लेकिन वो नौजवान उस हसीना को बहशियों की तरह प्यार कर रहा था। वो लकीरें कहीं....मेरा मतलब है....।" ड्राईवर झिझक रहा था।
"ठीक है। मैं तुम्हारा मतलब समझ गया।" राज ने मुस्करा कर कहा।
उसके बाद ड्राईवर ने फिर कहना शुरू किया
"मैं उन्हें उनके हाल पर छोड़ कर बाहर आ गया था और मैंने अपने दोस्त से कहा था कि कि वो किसी तरह उस नौज्वान का नाम-पता वगैरह बता दे। वो मुझे साथ लेकर होटल के दफ्तर में गया और क्लर्क से उसकी गहरी जान-पहचान लगती थी, क्योंकि वो उससे हंस-हंस कर बातें करता रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने आकर मुझे बताया था कि उसे नौज्वान का नाम सलीम अनवर है। वो कलकत्ता के एक दौलतमंद खानदान से सम्बंध रखता है। पता है सिकन्दर विला, चौरंगी कलकत्ता। मैंने जल्दी-जल्दी नाम पता नोट करलिया। उसकी वक्त मैंने दूर से उस औरत को आते देखा और जल्दी-जल्दी वेटर से विदा लेकर बाहर आ गया। बस यही है सारा मामला।” उसने रुक कर गहीर सांस ली।
"काफी अक्मलंद आदमी नजर आते हो।" डॉक्टर सावंत ने पूरी बात सुनकर मुस्कराते हुए कहा तो वो झेंप गया। राज ने किराये के अलावा दो सौ रुपए और दिए और उसे भेज दिया। और सावधानी के तौर पर उसका पता नोट बुक में नोट कर लिया, ताकि कभी जरूरत पड़े तो आसानी से उसे तलाश कर सके।
ड्राईवर के जाने के बाद डॉक्टर सावंत ने कहा
"आज तो तुमने बहुत काम कर दिए....।"
"जी हां। लेकिन संयोग से चालू ड्राईवर न मिल पाता तो कुछ भी न हो पाता। सिर्फ उसकी कोठी का पता चला लेना कोई अहम काम नहीं था। अहम बातें तो वो है है जो टैक्सी ड्राईवर प्लाजा होटल में मालूम करके आया था।"
"इसमें कोई शक नहीं कि तुम्हारा ड्राईवर बड़ी कामयाब जासूसी करके आया है।" डाक्टर सबांत ने मुस्कराकर कहा, "लेकिन अब देखना यह है कि इन घटनाओं से हम किस नतीजे पर पहुंचते हैं और अब हमें क्या करना है? या इन घटनाओं से हमें क्या फायदा पहुंचा सकता हैं"
"यही तो हमें सोचना हैं" राज बोला, "हमें इन घटनाओं से हमें कोई मदद नहीं मिल सकती। सिवाय इसके कि उस रहस्यमयी औरत की निली जिन्दगी के कुछ हालता हमें मालूम हो चुके हैं। एक सवाल मेरे जेहन में और पैदा होता है कि क्या शिंगूरा वाकई उस सलीम नाम के दौलतमंद नौजवान से शादी कर रही हैं। हो सकता है वो उसे बेवकूफ बना रही हो?"
"नहीं। ऐसा नहीं हो सकता।" डॉक्टर सावंत ने कहा-''शिंगूरा खुद भी काफी मालदार है, उसका भाई मिस्त्री और इण्डियन सामानों का इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट करता है। हो सकता है वो उस नौजवान से सच्चा प्यार करती हो और वाकई उससे शादी करना चाहती हो?"
"लेकिन फिर भी मैं उस नौजवान के बारे में कुछ खोजबीन करना चाहता हूं।"
"कैसे?" डॉक्टर सावंत ने हैरत से पूछा।
"उसका नाम और पता मुझे मालूम हो गया है। मैं कलकत्ते में अपने एक दोस्त को आज ही फोन करता हूं कि वो उसके बारे में हमें आज ही सूचना दे दे। खासतौर पर मालूम करे कि बम्बई के इस लम्बे प्रवास में उसने कितना रुपया मंगवाया है या अपने बैंक से निकाला है।"
"इससे क्या हासिल होगा?' डाक्टर सावंत ने पूछा।
"इससे हमें यह मालूम हो जाएगा कि शिंगूरा उस नौजवान से वाकई प्यार करती है या फिर उसे बेवकूफ ही बना रही है।"
"खैर....यह भी करके देख लो।" डॉक्टर सावंत ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा, "चलो छोड़ो! कुछ देर काम कर लेते हैं।
आज एक नए सांप का जहर निकालना है।"
"चलिए।" राज ने कहा और वो दोनों लेब्रॉटरी में हर रोज की तरह काम में व्यस्त हो गए।
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