RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
"चलिए।" राज ने कहा और वो दोनों लेब्रॉटरी में हर रोज की तरह काम में व्यस्त हो गए।
राज ने अपने एक दोस्त को कलकत्ता फोन कर दिया कि वो सलीम अनवर की बैकग्राउंड मालूम करके उसी दिन उसे सूचना दे।
सतीश से भी उसने नई जानकारी का जिक्र कर दिया था। सतीश का सुझाव यह था कि टैक्सी ड्राईवर को उचित मुआवजा देकर शिंगूरा के पीछे लगा दिया जाए। वो आदमी क्योंकि चतुर दिखाई देता था, इसलिए बढ़िया तरीके से काम कर दिखाएगा।
लेकिन डॉक्टर सावंत इस सुझाव का विरोधी था। उसका कहना था, खामखां एक आदमी उसके पीछे लगाना ठीक नहीं है। उसकी गतिविधियां गुप्त नहीं हैं। कोठी से बाहर वो अपना हर काम इस तरह करती है कि किसी को उस पर किसी किस्म का सन्देह न होने पाए।
फिलहाल राज भी उसे मुनासिब नहीं समझता था। क्योंकि टैक्सी ड्राईवर का क्या भरोसा था? आज अगर वो इनके लिए काम करता हो सकता है, किसी तरह शिंगूरा को मालूम हो जाता तो वह ज्यादा पैसा देकर ड्राईवर को खरीद कर इन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल करने लगती।
उसके बाद चार-पांच दिन और इसी तरह गुजर गए। राज के कलकत्ते वाले दोस्त सुधीर की तरफ से उसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला था। उसने एक-दो बार फोन करके सिर्फ इतना कहा था कि जानकारी हासलि कर रहा हूं, जरा देर लग सकती है।
सुधीर की तरफ से राज को सन्तोष था कि वो हर किस्म की जानकारी हासिल करने में कोई कसर न उठा रखेगा। वो क्योंकि किसी वक्त सीक्रआईक्रडीक में नौकरी कर चुका था, इसलिए इस तरह के काम करने उसे आते थे। फिर भी राज बेसब्री से सुधीर की तरफ से किसी बढ़िया जवाब का इन्तजार कर रहा था।
लेकिन उसका जवाब आने से पहले एक अजीब घटना घट गई।
करीब एक हफ्ता गुजर गया था कि एक दिन सतीश और राज सुबह-सुबह नाश्ता को रहे थे जब अखबार वाला अखबारें दे गया। नीलकण्ठे हर रोज की तरह नाश्ते को भी भूलकर एक नजर अखबार की सुर्खियों पर डालने लगा।
जब वो दूसरे पन्ने को देख चुका तो तीसरे पर उसकी नजर पड़ी। यह काले हाशिये में एक मोटी सी सुर्सी थी
कलकत्ता के अमीरजादे की दर्दनाक मौत।
शादी से एक सप्ताह पहले सांप ने डस लिया।
खबर की दूसरी सुर्थी पढ़कर राज के जिस्म में सनसनी की लरह दौड़ गई और चेहरे पर हवाईया सी उड़ने लगीं। सतीश ने भी शायद उसके चेहरे के बदलते रंग देख लिए थे। वो फौरन उठ कर राज के पीछे आ खड़ा हुआ और अखबार की सुर्खियों पढ़ने लगा।
"ओह....।" अखबार की सुर्शियां पढ़कर उसके मुंह से एक तेज सांस निकल गई, जैसे वो सब समझ गया हो। उसके बाद उन्होंने खबर विस्तार से पढ़नी शुरू कर दी।
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