RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
पति ने पूछा नींद कैसी आयी, मैंने कहा ठीक। रंजन के धीरे धीरे ही सही, अंदर बाहर लंड के रगड़ने से मैं अब चरम की तरफ बढ़ने लगी, रंजन की भी यही हालत थी।
पति के इन्ही सवालों जवाबो के बीच रंजन छूट गया और साथ में मैं भी। उसने तो अपनी आवाज़ दबा ली, पर मेरे मुँह से एक जोर की आह निकल ही गयी।
अगले ही क्षण मैंने अपनी आह को चालाकी से उबासी में तब्दील कर दिया और पति को शक न होने दिया कि पीछे से रंजन मेरे साथ क्या कर रहा हैं।
रंजन ने मेरे अंदर से अपना सामान बाहर निकाला और बिना ज्यादा हिले चद्दर के अंदर ही अपनी जीन्स ऊपर खिसका के पहन ली।
मैंने भी हाथ नीचे ले जाकर अपनी पैंट ऊपर खिंच कर पहन ली। रात को ही उसने अपना बहुत सारा पानी निकाल दिया था तो अभी सुबह ज्यादा पानी नहीं निकला, जिससे साफ़ सफाई की ज्यादा चिंता नहीं थी।
थोड़ी देर ऐसे ही लेटे लेटे बात करने के बाद हम सब उठ बैठे। थोड़ी ही देर में मंजिल आने वाली थी तो अपने आप को व्यवस्थित कर तैयार होंने लगे।
पता नहीं पति को मेरे और रंजन के बीच सुबह बने सम्बन्धो का पता चला कि नहीं, मैंने भी आगे बढ़कर कभी पूछा नहीं। बस से उतर कर हमने रंजन से विदा ली, उसके बाद उससे कभी मिलना नहीं हुआ वह बहुत दूर जा चूका था।
इस तरह हमारी साजिश का आखिरी पड़ाव ख़त्म हुआ। इसके बाद हमको इसकी जरुरत नहीं पड़ी। मेरे अगले पीरियड नहीं आये, और प्रेग्नेंसी टेस्ट भी पॉजिटिव आया।
मुझे आज तक नहीं पता कि उसका असली जैविक पिता कौन हैं संजीव, रौनक या रंजन। क्या फर्क पड़ता हैं, बच्चे की माँ तो मैं ही थी।
पति और मैंने शपथ ले ली थी की अब हम कभी ये साजिश नहीं रचेंगे और एक ही बच्चा काफी हैं।
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