RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
उसने मुझको बोला “ग्रुप सेक्स में ऐसा होता हैं कि अनजान लोगो के साथ भी करना पड़ता हैं। तुम अब यहाँ से बिंदास निकलो तुमको अभी तक किसी ने पहचाना नहीं हैं।”
हम दोनों कमरे से बाहर निकले, बैडरूम के सामने से निकलते हुए अंदर से भाभी के चीखने चिल्लाने की आवाजे आ रही थी। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हँसे।
संजू बोला “आज तुम्हारी भाभी की हम लोग मिलकर अच्छे से लेंगे।”
मैं घर से बाहर आ कर रिक्शा पकड़ अपने घर की तरफ निकल पड़ी। पुरे रास्ते मैं ये ही सोचती रही कि संजू ने जो पहले बोला था वो सच था या वो जो उसने आखिर में बोला।
घर पहुंचने के एक घंटे बाद भाभी भी थकी हारी लुकी पीटी घर पहुंची। उसके आधे घंटे बाद पति भी घर पहुंचे, उनमे थकान कम और संतुष्टि ज्यादा नजर आ रही थी।
शाम को भैया घर आये, हम तीनो ही चोरो की तरह उनसे अपना मुंह छुपाये फिर रहे थे। भैया हमेशा की तरह एक दम नार्मल बीहेव कर रहे थे। मुझे बिलकुल नहीं लगा कि दोपहर वाला अमित ये ही था।
हालांकि संजू चाहता तो मुझे और भाभी को एक्सपोज़ कर सकता था, पर जिस तरह मैं एक बुरी स्तिथि फंसी थी मैंने सोच लिया था कि मुझे संजू और इस तरह की परिस्थितियों से हमेशा दूर ही रहना हैं।
मैं ये आपके विवेक पर छोड़ती हूँ कि आपको क्या लगता हैं, संजू ने जो पहले कहा वो सच था या वो जो उसने बाद में कहा। मैंने उसके बाद वाले कथन को ही सच माना हैं।
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