RE: Hindi Antarvasna - एक कायर भाई
उई माँ , ओह्ह्ह आह्ह ,उईईईईई , उई माँ ,'...
इधर मेरी प्रियंका दीदी की दर्द के मारे जान निकल रही थी, दूसरी तरफ असलम " जो मेरी रुपाली दीदी को कुत्तिया बनाकर उनकी गांड में धीरे-धीरे लोड़ा अंदर बाहर कर रहा था और मेरी रूपाली दीदी की पीठ के ऊपर दारू का बोतल रखा हुआ था जिसे वह पी रहा था" मेरी तरह मुस्कुरा कर बोला..
साले तेरी बहना तो अपनी मम्मी को याद कर रही है..उन्हु क गांड मरवाने का मन है , ले आना अगली बार , उन्हु के ओखली में धान कुट देंगे हम दोनों...
हम तीनों ही शर्मिंदा हो गए असलम की बात सुनकर..
जुनैद ने एक बार फिर अपना मोटा मूसल ऑलमोस्ट एकदम बाहर निकाला धीमे धीमे, मेरी कोमल रंगीली छम्मक छल्लो प्रियंका दीदी की गांड के छल्ले के बाहर और मेरी तरफ कुटिल मुस्कान के साथ बोला....
" एकदम , अरे जिस भोसडे से ये मस्त सोने की गुड़िया , मक्खन की पुड़िया निकली है ,वो भोसड़ा कितना मस्त होगा। उसको तो एक बार चोदना ही होगा...
और ये कह के उन्होंने पहली बार से भी करारा धक्का मारा। दर्द से मेरी प्रियंका दीदी की जोर से चीख निकल गई...
हाय मां मर गई रे.... बड़ा दुखता है ...
जवाब असलम ने दिया..., " अरे बिचारी कह रही है , तो सिर्फ एक बार क्यों , उस छिनार की जिसकी बुर से ये जनी है एक लण्ड से और एक बार से काम नहीं चलता। फिर सिर्फ भोसड़े से काम थोड़े ही चलेगा , हचक हचक के उसकी गांड भी कूटनी होगी। "
जुनैद के धक्कों की रफ़्तार अब बढ़ गयी थी , और साथ में वो बोल भी रहे थे , ...
" एकदम सही बोल रही है , और जब इस नयी कच्ची बछेड़ी के साथ इतना मजा मिल रहा है तो घाट घाट का पानी पी , न जाने कितने लौंडे घोंटी , उस के भोसड़े में कितना रस होगा। एक बार क्यों बार बार , ...और गांड भी ,... एक बार आएँगी न, तो बस अपने सारे पुराने यारों को भूल जाएंगी। "
दोनों गुंडे मेरी मम्मी के बारे में गंदी गंदी बातें कर रहे थे... मुझे बड़ा ही अजीब लग रहा था... पर मेरा लौड़ा बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
जुनैद के इन झटकों के कारण मेरी प्रियंका दीदी की दर्द के मारे जान निकल जा रही थी.
लेकिन एक अलग ढंग की मजे की लहर मेरी बहन की देह में दौड़ रही थी , मेरी प्रियंका दीदी की चूत बार बार सिकुड़ रही थी ,अपने आप। अच्छी तरह पनिया गयी थी। बस जैसे झड़ते समय होता है ,वैसे ही , मुझे लग रहा था मेरी दीदी अब गयी तब गयी ..
मेरी बहना की गांड में जुनैद के न धक्के कम हुए न उनका जोर। दर्द ,छरछराहट भी वैसी ही थी , लेकिन मुझे बड़ा मजा आ रहा था मन ही मन.. बड़ी शर्मिंदगी की बात है दोस्तों पर मुझे आपको बताना ही पड़ेगा.... उनका सगा भाई होने के बावजूद भी मैं इस दृश्य को देखना चाहता था और देख भी रहा था... बड़ा ही अजीबोगरीब अनुभव रहा है यह मेरे लिए..
, मन कर रहा था और जोर से , और जोर से ,... मेरे प्रियंका दीदी की गांड मारे जुनैद.. कितनी अजीब बात है... मैं खुद ही मन ही मन सोच रहा था कि मेरी बहन की गांड एक गुंडा जोर जोर से मारे... और वह मार भी रहा था मेरी उम्मीदों से काफी बढ़ कर...
जुनेद ने लण्ड बाहर निकाला , लेकिन अबकी अंदर नहीं घुसेड़ा ,रुक गए।
मेरी प्रियंका दीदी ने पीछे मुड़कर देखा अपनी आंखों में हवस लिए हुए.... जैसे पूछ रही हो "क्यों रुक गए".
थोड़ी देर बाद जुनैद ने दुबारा लौड़ा घुसा दिया मगर इस बार बहुत धीरे-धीरे मेरी बहन की गांड में...
मेरी प्रियंका दीदी के पैरों को उन्होंने अपने पैरों के बीच डालकर जोर से सिकोड़ लिया और अब मेरी दीदी की गांड और भिंच गयी। और आधा लण्ड घुसेड़ के वो रुक गए ,
फिर एक हाथ से अपने खूंटे के बेस को पकड़ के गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया , पहले धीमे धीमे , फिर जोर जोर चार पांच बार क्लाक वाइज , फिर एंटी क्लाक वाइज ,...
उन्होंने फिर गोल गोल घुमाना रोक के मेरी प्रियंका दीदी की फिर से रगड़ रगड़ रगड़ के गांड मारना शुरू कर दिया। मेरी दीदी की देह बिस्तर से रगड़ रही थी ,मेरी दीदी एकदम झड़ने के करीब थी।
बीच बीच में वो रोक के जैसे कोई मथानी से माखन मथे ,उसी तरह से अपने हाथ से पकड़ के मेरी बहना की गांड में अपना लौड़ा घुमा रहे थे...
मेरी प्रियंका दीदी की हालत खराब थी, मेरी दीदी भी उनका लण्ड निचोड़ रही थी ,दबा रही थी।
और कुछ देर में मेरी दीदी की चूत को बिना कुछ किये मेरी बहन झड़ने लगी, इतना तो मेरी दीदी चुदते समय भी नहीं झड़ थी।
मेरी नाजुक प्रियंका दीदी की देह काँप रही थी ,जोर जोर से बोल रही थी , हाँ सैंया जी हाँ मार लो मेरी चोद दो मेरी , मार लो गांड ,... हो हो उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्..
मेरी प्रियंका दीदी पलंग पर ढेर हो गई, साथ में मेरी दीदी की गांड भी अपने सैया जी का लण्ड निचोड़ रही थी ,दबा रही थी और उसका असर उन पर भी पड़ा , दो चार धक्के पूरी ताकत से मा
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