RE: Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड
उर्मिला की इस बात पर तीनो जोर-जोर से हंसने लगती है. फिर खुशबू आगे कहती है.
खुशबू : क्या बताऊँ भाभी. भैया तो हमेशा ही मेरी बूर चोदने के चक्कर में रहते है. माँ को हर वक़्त किसी ना किसी बहाने से यहाँ-वहां ३-४ दिनों के लिए भेज देते है और फिर मेरी खूब बूर चुदाई करते है.
खुशबू की बात सुन कर उर्मिला और पायल की आँखे बड़ी और मुहँ खुला का खुला रह जाता है.
पायल : बापरे खुशबू...!! और जब माँ घर पर होती है तब क्या करते है तेरे भैया?
खुशबू : रात में जब माँ सो जाती है तो भैया देर रात कमरे में आ कर मुझे चुपके से जगा देते है और मुझे बाहर ले आते है. फिर कभी रसोई में तो कभी बाथरूम में तो कभी सोफे के पीछे मेरी पटक-पटक के लेते है.
उर्मिला : उफ़ खुशबू...!! तू अपने भैया का पूरा लेती है क्या?
खुशबू : हाँ भाभी...पहले तकलीफ होती थी पर अब तो भैया जब पूरा घुसा देते है तो बड़ा मजा आता है.
उर्मिला : तो क्या तेरे भैया आज तुझे ३ बजे इसलिए घर आने कह रहे थे की तेरी चुदाई कर सके?
खुशबू : हाँ भाभी. आज ६ बजे माँ आ जाएगी. तो भैया माँ के आने से पहले मुझे २-३ घंटे अच्छे से चोदेंगे.
उर्मिला : हाय खुशबू..!! तेरी बात सुन कर तो बदन में गर्मी चढ़ गई. लगता है घर जा कर बाबूजी के लंड से ही आग बुझानी पड़ेगी.
खुशबू : पायल दीदी आप भी पापा के लंड से अपनी बूर की आग बुझाओगे ना?
उर्मिला : नहीं रे खुशबू. इसकी तो अभी सील भी नही टूटी है. बेचारी कब से अपने पापा से सील तुड़वाने के चक्कर में है.
खुशबू : सच पायल दीदी? आपकी जवानी अब भी सील पैक है?
पायल : हाँ खुशबू. एक बार पापा ने कोशिश की थी लेकिन मुझे दर्द हुआ तो उन्होंने छोड़ दिया.
खुशबू : हाँ पायल दीदी. पहली बार तो थोडा दर्द होता ही है पर एक बार सील टूट गई और लंड अन्दर चला गया तो मजा भी बहुत आता है.
उर्मिला : मैं भी तो कब से इसे येही समझा रही हूँ.
पायल : भाभी अब तो मैं भी पापा का लंड अपनी बूर में लेने के लिए तड़प रही हूँ. आप करिए ना कोई उपाय.
उर्मिला : हाँ बाबा करती हूँ कुछ. अच्छा खुशबू तू मुझे और पायल को अपना नंबर दे दे. जब बात करनी हो तो हम एक दुसरे को कॉल कर लिया करेंगे.
खुशबू भी ख़ुशी-ख़ुशी अपना नंबर दे देती है. तभी खाना भी आ जाता है और तीनो बातें करते हुए खाने लगते है. खाना ख़तम कर के तीनो होटल से बाहर आते है और एक ऑटोरिक्शा में बैठ कर खुशबू के बताये पते पर जाने लगते है. ऑटोरिक्शा में बैठे हुए पायल खुशबू को देखती है. उसकी १८ साली की जवानी जो वो हर रोज अपने भैया से खुल कर लुटवाती है, पायल को अपने पापा से चुदने की प्रेरणा दे रही थी. वो खुशबू को अब अपनी एक पक्की सहेली के रूप में देख रही थी. उर्मिला भी पायल के दिल की बात भांप लेती है. पायल को एक नयी और अच्छी सहेली मिल जाने पर उर्मिला भी बहुत खुश होती है.
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