RE: Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड
ऑटो में बैठकर उर्मिला, पायल, कम्मो और खुशबू एक छोटे से बाज़ार में पहुँच जाते है जहाँ छोटी-छोटी दुकानों में बहुत सी औरतें और लडकियां अपने भाइयों के लिए राखी खरीद रहीं थी. ऑटो से उतरकर सभी एक दूकान के पास पहुँच जातीं है. दूकान में बहुत सी रंग-बिरंगी, बड़ी-छोटी राखियाँ और रेशमी धागे लटक रहे थे. सभी एक नज़र आस-पास डालते है तो लडकियां अपने हाथ में राखी ले कर देख रही थी और उनके चेहरे पर हलकी मुस्कान भी थी. उनकी मुस्कान के पीछे का रहस्य समझते ही उर्मिला, पायल और खुशबू एक दुसरे की ओर देखकर मुस्कुरा देती है. कम्मो उनके चेहरे की मुस्कान को देखकर समझने का प्रयत्न करती है पर कुछ समझ नहीं पाती है.
उर्मिला: अच्छा चलो, अब अपने-अपने भाइयों के लिए सभी राखी और रेशमी धागे पसंद कर लो.
सभी राखी और रेशमी धागे देखने में व्यस्थ हो जाते हैं. कम्मो दूकान में टंगी राखियाँ और धागे देखते हुए आस-पास भी नज़र दौड़ा रही थी. तभी उसकी नज़र कुछ दूर खड़ी एक २०-२१ साल की लड़की पर पड़ती है जो किसी १८-१९ साल के लड़के के साथ खड़ी थी और राखियाँ देख रही थी. वो लड़का देखने में उसका छोटा भाई लग रहा था. कम्मो गौर से देखती है तो वो लड़की एक बड़ी सी राखी उठाती है, कुछ सोचती है और फिर दुकानदार से उसका दाम पूछती है. कम्मो उस बड़ी सी राखी को देखती है और जोर-जोर से हँसने लगती है. साथ खड़ी उर्मिला, पायल और खुशबू जब उसे इस तरह से हँसते हुए देखती है तो वो सभी हैरान हो जाती है.
उर्मिला: क्या हुआ री कम्मो? ऐसे क्यूँ हँस रही है?
कम्मो: (अपनी हँसी पर काबू पाते हुए, धीरे से) भाभी, वो पास वाली लड़की को देख रहे हो? वही जो पीले रंग की सलवार में है.
उर्मिला: (देखते हुए) हाँ देख रही हूँ. तो क्या हुआ?
कम्मो: भाभी वो पतला सा लड़का जो उसके साथ खड़ा है वो शायद उसका भाई है.
उर्मिला: हाँ तो होगा उसका भाई. तुझे क्या हुआ?
कम्मो: भाभी, उस लड़की ने अपने भाई के लिए देखिये कितनी बड़ी राखी ली है, और उसके भाई की कलाई देखिये कितनी पतली है.
ये कहकर कम्मो फिर से अपने मुहँ पर हाथ रखे जोर-जोर से हँसने लगती है. उसकी बात सुनकर उर्मिला, पायल और खुशबू एक दुसरे की तरफ देखकर धीरे से मुस्कुरा देते है. उर्मिला कम्मो के कान में धीरे से कहती है.
उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) तुझे कैसे पता की वो लड़की उस बड़ी राखी को अपने भाई की पतली कलाई में ही बाँधेगी?
कम्मो: (हँसना बंद कर देती है और आश्चर्य के साथ उर्मिला को देखते हुए) राखी भाई की कलाई पर नहीं तो और कहाँ बाँधते है भाभी?
उर्मिला: होती है कुछ बहने तेरे जैसे बेवकूफ जो रक्षाबंधन जैसे भाई-बहन के पवित्र त्यौहार पर राखी भाइयों की कलाई पर बाँधती है.
कम्मो: (आँखे और भी ज्यादा बड़ी करते हुए) तो फिर राखी कहाँ बाँधनी चाहिए भाभी?
उर्मिला: (धीरे से कम्मो के कान में) भाइयों के लंड पर....!!
उर्मिला की बात सुनकर कम्मो सट्टे में आ जाती है. हालाकीं वो कई सालों से गोलू के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मना रही थी पर लंड पर राखी बाँधना ये वो पहली बार सुन रही थी.
कम्मो: (धीमी आवाज़ में) ये आप क्या कह रहे हो भाभी? भाई के लंड पर भला कोई बहन राखी बाँधती है क्या?
उर्मिला: (धीरे से कम्मो के कान में) क्यूँ? जब बहन दो भाइयों का लंड अपनी बूर और गांड में एक साथ ले सकती है तो लंड पर राखी बाँधने में क्या हर्ज़ है?
उर्मिला की बात सुनकर कम्मो शर्मा जाती है. कम्मो को शर्माता देख सभी हँस पड़ते है.
उर्मिला: चल अब जल्दी से गोलू के मोटे लंड को याद कर और एक अच्छी सी राखी देख.
सभी अपने-अपने भाइयों के लिए राखी और रेशम की डोर खरीद लेते है. दूकान वाले को पैसे दे कर सभी थोडा आगे जाते है. उर्मिला उन्हें एक रेडीमेड कपड़ो की दूकान में ले जाती है. उर्मिला ने पहले से ही सब कुछ सोच रखा था. अपने प्लान के मुताबीक सभी कपडे खरीद लेते है. दूकान से निकलकर सभी कुल्फी लेते है और पास ही एक पेड़ की छाओं में बैठ जाते है. सभी आपस में बातें करने लगती है.
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