Sex Vasna चोरी का माल
02-12-2022, 02:20 PM,
#28
RE: Sex Vasna चोरी का माल
तीन पत्ती गुलाब
भाग -14
मुझे ध्यान आता है पिछले 15-20 दिनों में तो मधुर से ज्यादा कोई बात ही नहीं हो पाती है। ऐसा लगता है जैसे उसके पास मेरे लिए समय ही नहीं है। सुबह वह स्कूल में जल्दी चली जाती है और साम को या तो मंदिर में पूजा पाठ में लगी रहती है या फिर गौरी के साथ रसोई में लगी रहती है। और आप तो जानते ही हैं शुद्धता को लेकर रात को तो वह अलग सोने लगी है इसलिए रात वाली बातें तो आजकल वर्जित हैं।
अरे भई! मैं चुदाई की बात कर रहा हूँ।

आज रात को जब हम सोने का उपक्रम कर रहे थे तो मधुर ने कहा- प्रेम! ये गौरी है ना?
“हम्म?”
ये साली मधुर भी एकबार में सीधी तरह कोई बात करती ही नहीं। किसी छोटी सी बात को भी इतना घुमाफिरा कर सनसनी पूर्ण बनाकर करती है कि लगता है अभी कोई बम फोड़ देगी। मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा था।

“आजकल पता नहीं इसका ध्यान किधर रहता है।”
“क… कैसे… ऐसा क्या हुआ?” मैंने हकलाते हुए पूछा। हे लिंग देव ! प्लीज लौड़े मत लगा देना।
“पढ़ाई में इसका मन ही नहीं लगता और पहले दिन जो पढ़ाओ वो दूसरे दिन भूल जाती है। किसी विषय पर पकड़ ही नहीं है इसकी!”
“अच्छा?”
“अंग्रेजी तो इसके पल्ले ही नहीं पड़ती?”

“मुझे लगता है इसका ऊपर का माला खाली होगा?” मैंने हंसते हुए कहा।
“नहीं जी… और दूसरी बातें तो जी में आये उतनी किये जाओ बस पढ़ाई से जी चुराती रहती है।”
मैंने मन में सोचा ‘इस बेचारी की चूत और गांड अब एक अदद लंड माँगने लगी है पढ़ाई-लिखाई में अब इसका मन कहाँ लगेगा। इसे तो अब कलम-किताब के बजाय लंड पकड़ना और प्रेमग्रन्थ पढ़ना सिखाओ।’

“प्रेम, क्या तुम एक काम कर सकते हो?”
“हाँ कर दूंगा.” मेरे मुंह से अचानक निकल गया।
पता नहीं मधुर क्या सोच ले तो मैंने तुरंत बात को संवारते हुए कहा- हां … हाँ … बोलो क्या करना है?
“तुम इसे रोज थोड़ी देर अंग्रेजी पढ़ा दिया करो.”
“पर … मेरे पास कहाँ समय होता है? सुबह तो ऑफिस जाना होता है और …” मैंने जानबूझ कर बहाना बनाया।
मधुर मेरी बात को बीच में ही काटते हुए बोली- प्लीज रात को 9 के बाद पढ़ा दिया करो.
“लगता तो मुश्किल ही है पर मैं कोशिश करूँगा?”

अब मैं सोच रहा था अब तो रात में भी गौरी के साथ 2-3 घंटे का समय आराम से बिताया जा सकता है। सुबह तो ऑफिस जाने की जल्दी रहती है तो ज्यादा बातें नहीं हो पाती पर अब तो शाम को भी अच्छा समय मिल जाएगा। अब तो अंग्रेजी के साथ में इसे जोड़-घटा और गुणा-भाग भी सिखा दूंगा।

“और अगर यह पढ़ने में जी चुराए तो मास्टरजी की तरह इसके कान भी खींच देना!” कहकर मधुर हँसने लगी।
“अरे नहीं … अभी छोटी है … सीख लेगी धीरे धीरे।” मैंने मधुर को दिलासा दिलाया।
मैं सोच रहा था ‘मेरी जान तुम चिंता मत करो बस तुम देखती जाओ कान ही नहीं इसकी तो और भी बहुत सी चीजें पकड़नी और खींचनी हैं।’

आज सुबह भी जब तक मैं फ्रेश होकर बाहर हॉल में आया मधुर स्कूल जा चुकी थी।

मेरे बाहर आते ही गौरी रसोई से बाहर आ गई और मंद-मंद मुस्कुराते हुए बोली- गुड मोल्निंग सल!
“वेरी गुड मोर्निंग डार्लिंग!” मैंने उसे ऊपर से नीचे देखते और हंसते हुए जवाब दिया।
आजकल मेरे डार्लिंग बोलने पर गौरी ने शर्माना छोड़ दिया है।

गौरी ने आज काली पैंट और लाल रंग की चोखाने वाली डिजाइन की कमीज (शर्ट) पहन रखी थी जिसकी आस्तीन (बाहें) उसने फोल्ड कर रखी थी और ऊपर के दो बटन खुले थे। लगता है उसने आज भी ब्रा पैंटी नहीं पहनी है। अब पता नहीं उसे ब्रा पैंटी पहनना अच्छा नहीं लगता या वह जानकर ऐसा करती है?

उसके उरोजों के कंगूरे आगे से बहुत नुकीले लग रहे थे। मैं उस दिन तो जी भर कर इन्हें चूस ही नहीं पाया था। अब पता नहीं दुबारा कुच मर्दन और चूसन का मौक़ा कब मिलेगा? मैंने ध्यान दिया उसके गालों पर 2-3 छोटी-छोटी लाल रंग की फुंसियां सी हो रही थी जिनपर उसने कोई क्रीम सी लगा रखी थी। उसकी आँखें कुछ लाल सी लग रही थी अब यह नींद की खुमारी थी या उफनती, बलखाती, अल्हड़ जवानी का असर था या कोई और बात थी पता नहीं।

“आपते लिए चाय बनाऊं या तोफी?”
“अ… हाँ … चाय ही बना लो।” कहकर मैं अखबार पढ़ने लगा और गौरी चाय बनाने रसोई में चली गई।

थोड़ी देर में गौरी चाय बनाकर ले आई और अब हम दोनों सुड़का लगाकर चाय पीने लगे।
“आपतो एक पहेली पूछूं?” अचानक गौरी ने पूछा।
“हओ” आजकल मैंने भी गौरी के सामने उसी की तरह ‘किच्च’ औए ‘हओ’ बोलना शुरू कर दिया है।

“वो त्या चीज है जो हम एत हाथ से तो पतड़ सतते हैं पल दूसले हाथ से नहीं?”
“हम्म … कोशिश करता हूँ।”

मैंने पहले चाय का गिलास अपने दोनों हाथों से पकड़कर देखा और फिर अपनी नाक, कान, ठोड़ी, गला, पैर, पेट, घुटने और होंठ आदि सभी अंगों को पकड़ कर देखा। सभी तो दोनों हाथों से पकड़े जा सकते हैं फिर ऐसा क्या है जो एक हाथ से तो पकड़ा जा सकता है पर दूसरे हाथ से नहीं?

इसी दौरान मैंने एकबार गौरी के घुटनों और जाँघों पर भी दोनों हाथ लगा कर देख लिए थे पर बात बनती नज़र नहीं आई। मेरी इस हालत पर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी। फिर मैंने अपने खड़े पप्पू को भी पायजामे के ऊपर से पकड़ ट्राई किया तो मेरी इस हरकत पर गौरी और जोर-जोर से हंसने लगी थी।
“यार कमाल है?… तुम बताओ?”
“आपने हाल मान ली?”
“हओ” मैंने अपनी हार की हामी भरी।

“अच्छा अब आप अपने एत हाथ से अपने दूसरे हाथ ता अंगूठा पतड़ो।”
मैंने गौरी के कहे अनुसार किया पर बात अभी भी पल्ले नहीं पड़ी।
“अच्छा अब इसी अंगूठे को इसी हाथ से पतड़ो?”
“ओह… कमाल है … मेरे दिमाग में तो यह बात आई ही नहीं?” मैंने हंसते हुए कहा।

गौरी तो अब हंस-हंस कर जैसे दोहरी ही होने लगी थी। आज तो वह अपनी विजय-पताका फहराकर बहुत खुश लग रही थी। हंसते हुए उसके गालों पर पड़ने वाले डिम्पल तो लगता है आज कलेजा ही चीर देंगे।
“लगता है तुमने यह सब यू ट्यूब पर देखा होगा?”
“हओ”
“अरे… गौरी!”
“हम?” गौरी ने आश्चर्य से मेरी ओर देखा।

“ये तुम्हारे चहरे पर क्या हुआ है? कहीं किसी दिलजले आशिक मच्छर ने तो नहीं काट लिया?” मैंने हंसते हुए पूछा।
“नहीं… पिम्पल्स (मुंहासे) हो गए हैं?” गौरी अब थोड़ी गंभीर हो गयी थी।
“इन पर कुछ लगाया या नहीं?”
“दीदी ने पतंजलि फेसवाश बताया था पल फलक नहीं पड़ा.” गौरी अचानक उदास हो गई।
“ओह… अक्सर रात को देर से सोने पर या खाने-पीने में असावधानी रखने से भी ऐसा हो जाता है?”

मैंने एक बार गौरी से उसकी खाने-पीने की पसंद के बारे में पूछा था तो उसने बताया था कि उसे नूडल्स, डोसा, बर्गर, पेस्ट्री, पकोड़े आदि तैलीय चटपटी चीजें और मिठाई में रसमलाई और आइस-क्रीम बहुत पसंद है। फलों में उसे आम और लीची बहुत अच्छे लगते हैं। मुझे लगता है इस चौमासे (बारिश) की सीजन में यहाँ आने के बाद उसने यही सब खूब जी भर के खाया होगा उसके कारण भी और रात को देर से सोने के कारण भी पेट की गड़बड़ से यह मुंहासे हुए है। कई बार सेक्स का दमन करने से भी ऐसा हो सकता है।

“पता है दीदी त्या बोलती है?”
“क्या?” गौरी की बात संकर मैं चौंका।
“वो बोलती हैं- तुम्हारी जवानी फूट रही है? शादी के बाद ही ठीक होगी.”
“तो कर लो शादी?” मैंने हंसते हुए उसे छेड़ा।
“हट… आपतो मजात सूझ लहा है और मेली डल ते माले जान नितल लही है?”

“शादी में डरने वाली क्या बात है?”
“अले… शादी से नहीं?”
“तो?”
“मुझे डल है वो गुप्ताजी ती लड़ती ती तलह मेला चेहला तो खलाब नहीं हो जाएगा?”
“अरे हाँ… उसका तो मुहांसों के कारण पूरा चेहरा ही छेदवाली फटी बनियान जैसा हो गया है।” कह कर मैं हंसने लगा।

अलबत्ता गौरी की शक्ल रोने जैसी हो गयी थी।
“पर उसकी समस्या तो अब जल्दी ही ठीक हो जायेगी.”
“तैसे?”
“जल्दी ही उसकी शादी होने वाली है ना?” मैंने हंसते हुए कहा।
“हम्म …” गौरी उदास सी हो गई थी।

“गौरी, यह अक्सर हारमोंस में बदलाव के कारण होता है। और उभरती जवानी में तो खूबसूरत लड़कियों के साथ अक्सर ऐसा होता है। हमारे एक जानकार की लड़की थी। पता है उसकी सगाई हो चुकी थी और शादी होने वाली थी.”
“फिल?”
“फिर उसके चहरे पर मुंहासे हो गए जिसके कारण उसका चेहरा खराब हो गया तो उस बेचारी की तो सगाई ही टूट गई थी और फिर बहुत दिनों तक उसकी शादी नहीं हो पाई तो उस बेचारी ने आत्महत्या कर ली।”
“ओह… अब त्या होगा? मेला भी चेहला खलाब हो जाएगा त्या? हे मातालानी! मेले मुंहासे ठीक तल दो मैं आपतो नौमी ते दिन गुलगुले चढ़ाऊँगी” गौरी हाथ जोड़कर मन्नत सी माँगने लगी। उसे अपनी सुन्दरता खोने का डर सताने लगा था। मुझे लगा गौरी अब रोने ही लगेगी।

“गौरी इधर आओ! मैं देखता हूँ किस प्रकार के मुंहासे हैं? उभरती जवानी वाले या हारमोंस वाले?”

गौरी बिना किसी शर्म और हील-हुज्जत के मेरे बगल में सोफे पर आकर बैठ गई। उसकी जांघ अब मेरी जांघ से सट गयी थी। चूत की खुशबू से मेरा लंड एकबार फिर से किलकारी मारने लगा था। जैसे कह रहा था ‘गुरु आज मौक़ा भी है और बहाना भी अच्छा है साली का सोफे पर ही गेम बजा डालो।’

मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में पकड़ लिया। आह… रेशम के फोहों जैसे स्पंजी और गुलाबी गाल तो ऐसे लग रहे थे जैसे कह रहे हों ‘हमें चूमोगे नहीं?’ उसके होंठ काँप से रहे थे और सांसें बहुत तेज़ चलने लगी थी। उसकी साँसों के साथ उरोजों का उतार-चढ़ाव उसकी घबराहट दिखा रहा था। गौरी की आँखें बंद थी। मेरा मन तो सब कुछ भूलकर उसके गालों और अधरों को फिर से चूम लेने को करने लगा था पर मैंने अपने आप को बड़ी मुश्किल से रोक रखा था। लंड तो साला फिर से ख़ुदकुशी की धमकी ही देने लगा था।

फिर मैंने उन मुहांसों पर अपनी अंगुली फिराई। राई के दाने जितने 2-3 मुंहासे किसी खलनायक की तरह वहाँ खड़े मेरी ‘तोते जान’ को जैसे डरा-धमका रहे थे।
“थीत हो जायेंगे ना?”
“ओह… हाँ…” गौरी की आवाज सुनकर मैं चोंका।
“गौरी यह सब हारमोंस की गड़बड़ी से हुए लगते हैं.”
“तैसे? मैं समझी नहीं?”

मेरा मन तो कर रहा था साफ़ साफ़ बता दूं कि ‘मेरी तोते जान अब तुम अपने आशिकों को चु…ग्गा (चूत-गांड) देना शुरू करो तुम्हारी चूत और गांड को मेरे जैसे एक अदद लंड की जरूरत है। दोनों तरफ से खूब चुदाई का मज़ा लो ये कील मुंहासे सब ख़त्म हो जायेंगे।’

पर मैंने कुछ सोचते हुए कहा- देखो! किशोरावस्था के बाद उभरती जवानी में अक्सर ऐसा होता है। वैसे तो एलोपेथी में बहुत सी दवाइयां हैं पर इनका दुष्प्रभाव (साइड इफ़ेक्ट) भी होता है। आयुर्वेद में भी इसका इलाज़ तो है।
“प्लीज बताओ ना?” गौरी को कुछ आशा बंधी।

“चरक संहिता में 8 घटकों के मिश्रण से अष्टावहेल (एक लेप) बनाया जाता है। जिसमें नीम गिलोय और गुलाब की पत्तियाँ, एलोविरा का रस, बबूल का गोंद, हल्दी, एक चम्मच ताज़ा कच्चा दूध और शहद शामिल हैं। फिर इस अष्टावहेल में एक और चीज भी मिलाकर चहरे पर लगाया जाता है.”
“वो त्या चीज होती है?” गौरी ने अधीरता से पूछा।
“ओह… कैसे समझाऊं?”
“त्या हुआ बताओ ना?”
“ओह… यार मुझे शर्म भी आ रही है और झिझक सी भी हो रही है.” मैंने शर्माने का नाटक किया।
“ओहो… प्लीज बताओ ना? इसमें शल्म ती त्या बात है?”

“वो… वो… शादी के बाद ठीक हो जायंगे तुम चिंता मत करो.” मैंने एक बार फिर से उसे टालने का नाटक किया।
“नहीं… नहीं … मुझे अभी 5-7 साल शादी-वादी बिलतुल नहीं तलानी? आप इलाज़ बताओ ना?”
“यार… आज तो तुमने मुझे ही फंसा लिया… कैसे बताऊँ?”
“अच्छाजी… जब मुझे शल्म आती है तो आप मजात समझते हैं अब अपनी बाली (टर्न) आई तो जनाब तो शल्म आती है? मुझे पता है आप जानतल नहीं बताना चाहते?”

“ओह… अच्छा… रुको मैं बताने की कोशिश करता हूँ…” मैंने एक बार फिर से शर्माने और झिझकने का नाटक किया ताकि अब मैं उसे जो भी बताऊँ गौरी को सौ फ़ीसदी (प्रतिशत) यकीन हो जाए कि मैं जो भी बता रहा हूँ बिलकुल सच है और उसे ज़रा भी यह नहीं लगे कि मैं उसके साथ कोई छल कपट कर रहा हूँ।

फिर मैंने अपना गला खंखारते हुए कहा- दरअसल शादी होने के बाद दोनों पति पत्नी सेक्स का खूब आनन्द लेते हैं। इससे उनके शरीर में रक्त का संचार बहुत तेजी से होने लगता है जिसके कारण हारमोंस में बदलाव आ जाता है।
इतना कहकर मैं थोड़ी देर रुक गया।

मैं देखना चाहता था कि मेरी बात पर गौरी की क्या प्रतिक्रया होती है। वह ध्यानपूर्वक मेरी बात सुन रही थी और कुछ सोचे भी जा रही थी। शायद उसे थोड़ी शर्म तो जरूर आ रही थी पर उसने कुछ बोला नहीं अलबत्ता उसके चहरे से लग रहा था वो आगे जानने की उत्सुक जरूर है। लगता है चिड़िया अब सब कुछ सुनने, समझने और करने के लिए अपने आप को तैयार कर रही है।

“और… एक और बात है?”
“त्या?” उसने अपनी मुंडी ऊपर करते हुए पूछा।
“देखो गौरी ! सेक्स ईश्वर द्वारा मानव को प्रदत्त आनन्दायक क्रिया है यह कोई पाप कर्म नहीं है। इसमें पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका को जिन क्रियाओं में आनन्द मिले वो सब प्राकृतिक और निष्पाप होती हैं। अब चाहे वो आलिंगन हो, चुम्बन हो, सम्भोग हो या फिर अपने साथी के कामांगों को चूमना हो या चूसना हो।”

मैंने अपनी भाषा पर पूरा नियंत्रण रखा था। मेरी कोशिश थी कि किसी भी प्रकार का कोई अभद्र या अश्लील शब्द अभी मेरे मुंह से नहीं निकले। बाद में तो इसे चूत, गांड, लंड और चुदाई सब स्पष्ट शब्दों में बता भी दूंगा और सिखा भी दूंगा।

“गौरी एक बात तुम्हें और भी बताता हूँ?”
“त्या?”
“जब मधुर की शादी हुई थी तब मधुर को भी पिम्पल्स हो रहे थे.”
“अच्छा? फिल तैसे थीत हुए?” गौरी की आँखें जैसे चमक ही उठी। उसे लगने लगा था अब तो उसकी समस्या का समाधान अवश्य ही मिल जाएगा।
“यार प्राइवेट बात है.” मैंने फिर से थोड़ा शर्माने की एक्टिंग की।
“मैं भी तो अपनी साली बातें आपतो बताती हूँ आप त्यों नहीं बता लहे?”
“पता नहीं तुम क्या सोचोगी और विश्वास करोगी या नहीं?”
“तलुंगी… प्लीज बताओ?”

“मधुर ने अपने मुंहासों के लिए मेरे वीर्य का पान किया था? और तुम्हें विश्वास नहीं होगा उसके मुहांसे तो 15-20 दिनों में ही बिलकुल ठीक हो गए थे।”
“अच्छा?” गौरी आश्चर्य से मेरी ओर देखने लगी। वह कुछ सोचने लगी थी मुझे लगा उसके मन में अभी थोड़ा संशय है।
“वो… आप दवाई ते बाले में बता रहे थे ना?” साली दिखने में लोल लगती है पर कितनी सफाई से बात का रुख मोड़ दिया है।

“वो दरअसल उस लेप (मिश्रण) में चिकनाई के लिए अपने पति का ताज़ा वीर्य मिलाया जाता है। अगर शादी नहीं हुई हो तो फिर अपने प्रेमी या किसी नजदीकी मित्र से सहायता ली जा सकती है।”
“ओह…”
“गौरी ! दरअसल दवाई तीन तरह से प्रयोग में लाई जाती है?”
“?” गौरी ने फिर आश्चर्य से मेरी ओर देखा।
“एक तो लगाई जाती है दूसरी खाई या पी जाती है और तीसरी इंजेक्ट (सुई लगाना) की जाती है। मधुर ने लेप-वेप का झमेला ही नहीं किया उसने तो सीधे ही वीर्य-पान करके अपनी समस्या से छुटकारा पा लिया था।” कहकर मैं हंसने लगा।

गौरी भी थोड़ा शर्मा तो जरूर रही थी पर कुछ गंभीरतापूर्वक सोचती भी जा रही थी। मुझे लगता है उसे भी यह आईडिया जच तो रहा था। हे लिंग देव… बस थोड़ी सी मदद कर दे। मेरा लंड तो अब डंडे की तरह खड़ा हो गया था। उसे भी अब चुग्गे की उम्मीद और स्वाद की खुशबु नज़र आने लगी थी।

मैंने अपना प्रवचन जारी रखते हुए उसे आगे बताया-
“गौरी सुनने और देखने में यह थोड़ा गंदा सा काम लगता है पर विदेशों में तो वीर्यपान आम बात हैं। बहुत सी विदेशी फिल्म हिरोइनें तो ताज़ा वीर्य को अपने चेहरे पर लगाती भी हैं और शहद के साथ पीती भी हैं इससे उनकी सुन्दरता बढ़ती है और चहरे पर निखार आने लगता है। जानकारों के अनुसार चेहरे पर वीर्य लगाने से यह किसी एंटी-एजिंग (Anti-aging) उत्पाद की तरह काम करता है। 40 साल की औरत भी 25-26 की लगती है। वीर्य में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद रहते हैं जो त्वचा की झुर्री और त्वीचा के लचीनेपन जैसे विकारों को दूर करने में मदद करता है। चेहरे के लिए वीर्य बहुत ही फायदेमंद होता है इसलिए इसे आजकल अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बेचा भी जा रहा है।

वीर्य का सेवन करने से तंत्रिका विकास फैक्टर, ऑक्सीटोसिन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन, कोर्टिसोल और कुछ प्रोस्टाग्लैंडिन जैसे इंफ्लेमेटरी गुण प्राप्त होते हैं। वीर्य हमारे शरीर में मौजूद टीजीएफ-बीटा प्रोटीन की सहनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। यह चिंता और तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं। यह प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। अब कोई इसे पीने के लिए तैयार हैं या नहीं इसका निर्णय उसे खुद लेना होता है।

आज तो मैंने भारी भरकम ज्ञान गौरी को दे डाला था। अब पता नहीं उसे क्या और कितना समझ आया पर वह लोटन कबूतरी की तरह मुंह बाए बस सुनती ही रही।
“गौरी शायद तुम्हें मेरी बात पर विश्वास नहीं हो तो तुम यू ट्यूब पर भी वीर्यपान के लाभ देख सकती हो.” मैंने गौरी फ़तेह अभियान के ताबूत में एक और कील ठोक दी।

“पल… एत बात मेली समझ में नहीं आई?”
“क्या?”
“यह लेप वाली बात मुझे दीदी ने त्यों नहीं बताई?” गौरी ने कुछ सोचते हुए कहा।
“भई! अब यह मियाँ-बीवी की निजी बातें होती हैं। खूबसूरत औरतों को तुम्हारी तरह शर्म बहुत आती है ना? इसलिए नहीं बताई होगी.” कहकर मैं हंसने लगा। अब तो गौरी के चेहरे पर भी मुस्कराहट ऐसे फ़ैल गई जैसे रात को चांदनी फ़ैल जाती है।

प्यारे पाठको और पाठिकाओ! आज का सबक मैंने जानबूझ कर अधूरा छोड़ा था। बस थोड़ा सा इंतज़ार कीजिये हमारी तोतेजान खुद ही वीर्यपान की इच्छा जाहिर करने वाली है।

कहानी जारी रहेगी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Vasna चोरी का माल - by desiaks - 02-12-2022, 02:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,496,699 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,898 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,229,811 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 930,253 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,651,072 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,078,282 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,947,301 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,043,431 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,027,017 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,481 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)