XXX Kahani छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता
04-11-2022, 02:15 PM,
#28
RE: XXX Kahani छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता
भाग 11
छाया की भाभी सीमा
[ मैं छाया]
सामाजिक मजबूरियों की वजह से मां ने मेरे और मानस के रिश्ते को अब एक नया रूप दे दिया था. अब हम प्रेमी प्रेमिका नहीं रहे थे. हम दोनों इस बात से बहुत दुखी थे. पर हमारे बीच भाई बहन जैसे कोई संबंध नहीं बन सकते थे. हम दोनों ने इतनी राते एक साथ नग्न गुजारी थी की इस बात की परिकल्पना भी बेमानी थी.
पर परिस्थितियां बदल चुकी थी कुछ ही दिनों में मैंने और मानस में बदली हुई परिस्थितियों को स्वीकार कर लिया था. मैं घर में और सबके सामने मानस को “मानस भैया” ही कहती आखिर में यही सच हो रहा था पर मुझे अच्छा नहीं लगता था. अकेले में हमारी बात लगभग नहीं होती थी. यही मेरे लिए अच्छा था. जिस दिन मेरी नौकरी लगी थी उस दिन हमने एक दुसरे को कई दिनों बाद स्खलित भी कर दिया था. अब हम फिर से बातें करने लगे थे. मेरे मन में वो अब मेरे दोस्त बन चुके थे.
मेरी मां भी अब सामान्य हो गई थी. मैं और मेरी मां मानस के लिए एक उपयुक्त लड़की की तलाश करने लगे. मेरे मन में अचानक सीमा का ख्याल आया मैंने बिना किसी को बताए सीमा से बात करने की सोची.
अगले दिन में सीमा के घर पर थी. मैंने सीमा दीदी के लिए सुंदर फूलों का गुलदस्ता लिया और खूब सज धज कर उनके घर पहुंची. उन्होंने मुझे देखते ही बोला आ गई मेरी रानी और मुझे बाहों में भर लिया. कुछ ही देर में हम दोनों तरह- तरह की बातें करते हुए बिस्तर पर आ गए. हमें एक दूसरे के साथ नग्न होकर प्रेम करना बहुत अच्छा लगता था. हमें लगता था जैसे हम दोनों एक साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं. सीमा दीदी के स्खलित होने के पश्चात मैंने उन्हें बाहों में भरते हुए बोला.
“आजकल मानस भैया बहुत दुखी रहते हैं”
“ क्यों क्या हो गया”
“अरे उनका अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया है पिछले दो-तीन महीनों में वह एकदम गुमसुम हो गए हैं “
सीमा दीदी ने कहा.
“मानस तो बहुत ही अच्छा है मैंने तो उसे चार-पांच साल पहले देखा था तब से अब तो वह काफी बदल गया होगा”
मैं समझ चुकी थी की सीमा के मन में अभी भी कहीं न कहीं मानस के लिए कोई जगह खाली थी.
मैंने सीमा दीदी को अपने घर पर बुला लिया यह मानस के लिए मेरी तरफ से एक उपहार जैसा था. शाम को सीमा दीदी हमारे घर पर आ गयीं. वह मानस भैया के घर आने से पहले पहुंच चुकी थी. शाम को ऑफिस से आने के बाद रोज की तरह मानस भैया अपने कमरे में चले गए. अक्सर उनके कमरे में चाय लेकर मां जाया करती थी पर आज सीमा चाय लेकर उनके कमरे में गई. सीमा बहुत सुंदर लग रही थी .


[मैं मानस]
“आप कौन”
“ अरे चाय तो ले लीजिए.बताती हूं.”
“मैं सच में आपको नहीं पहचान पा रहा हूं”
“हां हम बहुत पहले मिले थे और आपने मुझे पढ़ाया भी है.”
“सीमा”
“हां मैं ही हूं”
“ आओ बैठो कितने दिनों बाद तुम्हें देख रहा हूं इसलिए नहीं पहचान पाया और तुम भी तो काफी बदल गई हो”
सीमा ने चुटकी ली
“क्या बदल गया है”
मैं निरुत्तर था.
मैंने सोमिल के बारे में पूछा
“ मेरा सोमिल से पिछले दो-तीन सालों से मिलना नहीं हो पा रहा है वह पता नहीं कहां होगा. मैंने उसे ढूंढने की बहुत कोशिश की पर सफल नहीं हुई. हो सकता है वह भी मुझे ढूंढ रहा हो पर शायद अब उससे मिलना न हो पाए.”
कुछ देर में छाया भी वहां आ गयी और बोली आज यहीं रुक जाओ हम सब रात में खूब सारी बातें करेंगे.

[मैं छाया]
सीमा दीदी अब मेरे कमरे में आ गई थी. मैंने उन्हें अपने कपड़े दे दिए जिसे पहन कर वह आराम कर सके मैंने उन्हें अपनी वही नाइटी दे दी जिसे पहनकर मैंने पहली बार इस घर में मानस का मुखमैथुन किया था. वह इसे बहुत पसंद करते थे . जब भी मेरा मन कामुकता से भरता मैं वह नाइटी पहन लेती मानस उसे देखते ही मेरे मन की बात समझ जाते और कुछ ही घंटों में हम बिस्तर पर एक दूसरे की काम पिपासा बुझा रहे होते. अब परिस्थितियां बदल गई थी. आज जब सीमा दीदी वही नाइटी पहन कर डाइनिंग टेबल पर खाना खा रही थी तो मैं मानस भैया का चेहरा ध्यान से देख रही थी. वह टकटकी लगाकर सीमा को देख रहे थे. मैं समझ रही थी. आज फिर उनमे कामुकता भरी हुई थी . पर आज उनका साथ देने के लिए कोई नहीं था कम से कम मैं तो नहीं थी. मुझे उन पर थोडी दया भी आई. खाना खाने के पश्चात हम बालकनी में आ गए थे. बेंगलुरु शहर का सुंदर नजारा मन मोहने वाला था. मानस की स्थिति का आकलन करना इतना कठिन भी नहीं था. मुझे पूरा विश्वास था की राजकुमार आज पूरी तरह तना होगा उसके पास दो- दो राजकुमारियां थी जिनके साथ उसने अठखेलियां की थी. दोनों ही राजकुमारियां अब रानी बनने के लिए तैयार थी और अपने यौवन के चरम पर थी. मैंने सीमा दीदी और मानस को मिलाने के लिए वापस गांव की बातें शुरू कर दीं. मैंने उन्हें छुपन छुपाई खेल की याद दिलाई और बोला
“ रोहन और साहिल को छुपन छुपाई में बहुत आनंद आता था” मानस और सीमा हँस पड़े.
“ आनंद तो आप दोनों को भी आता होगा तभी आप लोग हमेशा खेलने के लिए तैयार रहते थे”
मानस और सीमा मेरी इस छेड़छाड़ पर मुस्कुरा रहे थे. मैंने कहा
“मुझे बहुत नींद आ रही है मैं चली सोने” यह कहकर कुछ समय के लिए वहां से हट ली. जाने से पहले मैंने मानस भैया को अंदर बुलाया और उन्हें बोला
“सीमा को हमारे संबंधों के बारे में कुछ भी नहीं पता और आप भी नहीं बताइएगा. मैंने उसे सिर्फ इतना बताया है कि आपका किसी के साथ प्रेम संबंध था पर उससे आपका ब्रेकअप हो गया है.” मैंने कई दिनों से उनसे हक़ से कोई बात नहीं की थी. मेरी यह हिदायत भरी बातें सुनकर वो बहुत खुश हो गए. और उन्होंने एक बार फिर बिना मुझसे कुछ कहे मुझे अपने आलिंगन में भरकर माथे पर चूम लिया और बोले
“छाया तुम बहुत अच्छी हो” उनके इस आलिंगन के दौरान मैंने उनके लिंग का तनाव महसूस कर लिया था.


[ मैं मानस]
वापस बालकनी में आने पर बातों ही बातों में सीमा ने पूछा
“आप शादी कब कर रहे हैं “
“जब कोई तुम्हारे जैसी अप्सरा मिल जाए” वह हंसने लगी.

हम रात लगभग 2:00 बजे तक बातें करते रहे. मुझे यह एहसास हो रहा था की वो मेरे करीब आना चाह रही है. सोमिल के मिलने की उम्मीद उसके मन में धीरे धीरे काम हो रही थी. छाया भी जगी हुई थी पर हमारे पास नहीं थी. अचानक उसने सीमा के मोबाइल पर मैसेज किया और सीमा ने मुझसे इजाजत ली. सीमा छाया के कमरे में जा चुकी थी और मैं बिस्तर पर अकेला बैठा सीमा को याद कर रहा था.

आज परिस्थितियां कितनी बदली हुई थी. सीक्रेट सुपरस्टार की तरह दिखने वाली सीमा आज एक अप्सरा जैसी सुंदर हो गई थी. छाया और सीमा दोनों ऐसी नवयुवतियां थी जिनमें खूबसूरती के लिए होड़ लगी थी. दोनों की जवानी अपने उफान पर थी सीमा जहां हष्ट पुष्ट और कसरत करके बनाया हुआ शरीर था वही छाया का शरीर अत्यंत कोमल था पर सुडोल था. दोनों के स्तन और नितंब भरे हुए थे.
उन दोनों का ख्याल करते हुए मेरा हाथ मेरे राजकुमार पर चला गया और उसे सहलाने लगा जितना ही मैं उन दोनों को याद करता उतना ही तनाव बढ़ता जाता मुझे यह नहीं समझ आ रहा था की राजकुमार किसके लिए ज्यादा बेचैन था. मैंने अपने आप को इस दुविधा से दूर करते हुए सिर्फ राजकुमारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया. राजकुमारी छाया की हो या सीमा की दोनों का स्वरूप लगभग एक ही था. मेरा राजकुमार यह जानता था राजकुमारी का मुख ध्यान आते ही राजकुमार लावा उगलने के लिए तैयार हो गया .
अगले दिन सीमा वापस जा रही थी. माया आंटी ने जाते समय सीमा के लिए दोपहर का खाना बना कर दे दिया था. वह बहुत खुश थी माया आंटी ने कहा
“सीमा बेटी छुट्टियों में यही आ जाया करो. तुम्हारा मन भी लगेगा और हम लोग भी तुमसे मिल लेंगे”
मैं और छाया सीमा को छोड़ने नीचे तक आए जाते समय मैंने भी सीमा से कहा
“तुम्हारे आने से बहुत अच्छा लगा हम तुम्हारा अगले वीकेंड पर भी इंतजार करेंगे”
वह खुश हो गई चली गई.
मैं और छाया दोनों एक दूसरे को देखते रहे. छाया ने सीमा को वापस लाकर मेरे लिए आगे की राह आसान कर दी थी.
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Kahani छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता - by desiaks - 04-11-2022, 02:15 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,457,916 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,515 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,214,657 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,496 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,116 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,060,418 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,916,139 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,941,912 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,987,371 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,755 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)