Antarvasna Sex Story - जादुई लकड़ी
04-30-2022, 11:55 AM,
#34
RE: Antarvasna Sex Story - जादुई लकड़ी
अध्याय 32

हम अपने प्यार में मस्त थे वही दो आंखे हमें घूरे जा रही थी ,जब हवस का तूफ़ान शांत हुआ तो मैंने कमरे की और देखा ,वो आंखे लाल थी और गुस्से में लग रही थी ,वो मुझे देखते ही तेजी से बाहर की और चले गयी ……..

मैं तुरत ही उठा और उसके पीछे चले गया

"दीदी सुनो तो "

वो निकिता दीदी थी

"मुझे कुछ भी नहीं सुनना मैं तो सोच भी नहीं सकती थी की ये सब छी ………”

वो आगे जाने लगी ,और ऐसे कॉम्प्लिकेटेड सिचुएशन में भी मेरा ध्यान उनके टाइट सलवार में कसे हुए चूतड़ों पर चला गया ,वो किसी मटके की भांति लग रहे थे और बड़े ही मस्ती में झूल से रहे थे ,दीदी अपने कमरे में गई और दरवाजा जोर से बंद होने की आवाज आई…

वही मेरा लिंग जो की अभी अभी एक यौवन को भोग चुका था वो फिर से तन कर सलामी देने लगा था ,

जब मैंने उसे अपने हाथो से मसाला तो मुझे ध्यान आया की मैं तो नंगा ही घूम रहा हु.

मुझे खुद पर विस्वाश नही हुआ लेकिन फिर मेरे दिमाग में एक बात आयी..

गो विथ वाइंड ...मतलब की हवा के साथ चलो ,जीवन अगर इधर ही ले जा रहा है तो उसके साथ ही बहो और मुझे भी अब अपने दिमाग में चल रहे द्वंद को भूलकर अपनी शैतानी शक्तियों के साथ ही चलना चाहिए ...मेरे अंदर दो दो शक्तियां थी ..

और दोनो ही बड़ी ही ताकतवर थी तो मैं उनसे क्यो लडू जैसा वो मुझे चलाना चाहते है मुझे वैसे ही बहना चाहिए …

मेरा दिमाग क्लियर हो चुका था ऐसा लगा जैसे कोई बड़ा बोझ सर से उतर गया हो …

मैं तुरंत दीदी के कमरे के सामने खड़ा हो गया और दरवाजे को पीटा…

“चले जाओ यंहा से ..”

अंदर से रोने की आवाज आयी

“दीदी एक बात प्लीज् मैं समझा सकता हु “

थोड़ी देर तक दरवाजा नही खुला

“अगर आप दरवाजा नही खोलोगी तो मैं यही खड़ा रहूंगा रात भर “

थोड़े देर बाद दरवाजा खुल गया और मैं जल्दी से अंदर आया ,उन्होंने दरवाजा लगा लिया ,

“छि तुझे इतनी भी शर्म नही है की तू नंगा ही यंहा चला आया “

उन्होंने एक बार मुझे घूर कर देखा और तुरत ही अपनी आंखे मुझसे हटा ली..”

“दीदी “

मैं उनके नजदीक आकर उनके कमर को पकड़ चुका था

“मुझे माफ कर दो “

उन्होंने मुझे अपने से दूर करने के लिए धक्का लगाया

“दूर हट मुझसे “

और आगे जाने लगी लेकिन मैंने उन्हें पीछे से जकड़ लिया,वही हुआ जो होना था,मेरे लोहे जैसा लिंग जो की तन कर किसी खड़ा था जाकर सीधे दीदी के नर्म नर्म चूतड़ों से रगड़ खा गए ऐसा लगा जैसे मुझे जन्नत मिल गई वही दीदी की सांसे भी जैसे रुक सी गई ,वो शांत हो गई थी ..

“भाई हट यंहा से “

उनकी आवाज कमजोर थी जो की ये बता रही थी की वो बेहद ही नर्भस है लेकिन एक सदमे भी है ,मैंने अपने कमर को एक बार और चलाया और मेरा लिंग एक बार फिर से उनके चूतड़ों पर रगड़ खा गया ,दीदी जोरो से छूटने के लिए मचली लेकिन मेरी पकड़ बेहद ही मजबूत थी वो बस कसमसा कर रह गई ..

“छोड़ मुझे तू शैतान हो गया है ,अब तू वो भोला भाला लड़का नही रह गया “

दीदी रूवासु हो गई थी जिसे देखकर मुझे दुख हुआ और मैंने उन्हें पलटकर अपने सीने से लगा लिया ,उनके बड़े बड़े वक्ष मेरे छातियों में धंस गए थे वही मेरा लिंग अब उनके जांघो के बीच तो कभी पेट पर रगड़ खा रहा था नर्भसनेस के कारण वो पसीने से भीगने लगी थी …

“दीदी मुझे भोला भाला बनकर कुछ भी हासिल नही हुआ ,अब तो मैं एक शैतान ही हु ,लेकिन यकीन मानो मैं अपनी बहनो से बहुत प्यार करता हु “

दीदी ने मुझे देखा

“प्यार करने का ये तरीका नही होता राज ये हवस है “

“हा दीदी ये हवस है ,लेकिन इसमे भी प्यार छिपा हुआ है,एक भाई का प्यार अपनी बहन के लिए “

ये कहकर मैंने दीदी के मलाईदार चूतड़ों को सहला दिया और चटाक

एक जोरदार थप्पड़ मेरे गालो में आ पड़ा

“इसे तू प्यार कहता है ,तू सच में शैतान ही है हट जा मुझसे दूर “

वो रोने लगी थी ,मुझे समझ नही आया की मैं क्या करू ,

मुझे वो बात याद आई जो कभी बाबा जी और काजल ने कहा था की मुझे अपनी शक्तियों का ही अंदाज नही है ,और ये भी की मैं किसी भी को खुद की ओर आकर्षित कर सकता हु ,

मैंने खुद कोई शान्त किया और दीदी के गले में पूरे शिद्दत से एक चुम्मन कर दिया ,मेरे होठ उनके गले में जा लगे उनमे मेरे पूरे जस्बात थे ..

उनका रोना बंद हो चुका था वो मुझे ही देख रही थी

“तू मुझसे क्या चाहता है भाई …??”

उनकी आंखों में कुछ बदल सा गया था ,वो शांत हो चुकी थी

“प्यार ...मैं आपको प्यार देना चाहता हु ऐसा जैसा आपको कोई दूसरा नही दे सकता ..”

मैंने उनके बालो में अपनी उंगलिया फ़साई और उन्हें अपनी ओर खीच लिया वो बिल्कुल ही आश्चर्यचकित थी शायद वो एक सम्मोहन में फंस चुकी थी ,उस दिन मुझे समझ आया की किसी को कैसे सम्मोहित किया जाता है,मैंने अपनी पूरी एनर्जी फिर से अपने होठो तक लाई और उनके होठो से मिला दिया ..

“उह “

वो उस अजीब से अहसास से मचल सी गई ,वो टूटने लगी और मेरे होठो को चूसने लगी,उन्होंने मुह खोलकर मेरे जीभ को अपने मुह के अंदर आने दिया ..

मैं उस रस से भरे होठो को बेहद ही इत्मीनान और प्यार से भरकर चूस रहा था ,वो भी मेरी बांहो में मचल रही थी और मेरे सर को अपने हाथो से पकड़े कर उसे अपनी ओर खीच रही थी .मुझे लग रहा था जैसे वो किसी जादू के नशे में चूर हो गई है जैसे वो खुद को भूल ही गई हो……

मैं उनके मुह के अंदर तक अपने जीभ को ले जा रहा था मैं जितना हो सके उतना उनके अंदर तक पहुचना चाहता था ,मेरा लिंग उनके जांघो के बीच घिस रहा था अब मुझे लगा की ये ही समय है दीदी पूरी तरह से मेरे वश में थी ..

मैंने हाथ आगे बढ़कर उनके सलवार का नाडा खोल दिया वो टाइट था इसलिए जल्दी से नीचे नही गिरा ,मैंने उन्हें अपने हाथो से उठाकर बिस्तर में लिटा दिया था ,मैं अपने हाथो को आगे बढ़कर उनके सलवार को निकाल रहा था वो भी अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दे रही थी ,मैंने बिना देर किये ही उनकी पेंटी भी निकाल कर फेक दी ...और फिर से उनके ऊपर लेट गया,हमारे होठ अभी भी मिले हुए थे वही मेरे हाथ अब दीदी की योनि पर थे जो हल्के हल्के बालो से भरी हुई थी और काम के रस से गीली भी हो चुकी थी ,उनपर हाथ चलाना भी किसी जन्नत से कम नही था,मेरी एक उंगली उस रस से भीगकर उनके योनि में फिसल गई

“आह..भाई “

वो मचली लेकिन मुझे उनके योनि के कसावट का अंदाजा लग गया ,मुझे समझ आ चुका था की मेरा लिंग ही उनकी योनि में जाने वाला पहला लिंग होने वाला था ….

ये मेरा नशीब ही था की मेरी इतनी सुंदर बहनो की अनछुई योनियों को मैं ही पहला हकदार था ,

मैं हल्के हल्के से अपनी उंगलि से उनके योनि को सहला रहा था ,वो कसमसा रही थी ,मैंने उनकी कमीज भी ऊपर से हटा दी ,मेरे सामने उनके दो बड़े बड़े आम झूल रहे थे जिन्हें मैं इत्मीनान से चूसना चाहता था ,मैंने बड़े ही आराम से उन्हें अपने मुह में भरा ..

“भाई ..आराम से काटना मत “

वो मगन हो चुकी थी और मैंने अपने दांत से उनके वक्ष को हल्के से काट लिया

“आउच ..”

उनका हाथ मेरे बालो को जोरो से जकड़ लिया वो मुझे खुद की ओर खीच रही थी ,वो पूरी तरह से नग्न थी और मैं भी ,मेरा लिंग अब उनकी अनछुई योनि में जाने को तैयार था ..

मैं जानता था की मेरी प्यारी बहन को इसमे दर्द होने वाला है इसलिए मैंने उनके ड्रेसिंग से एक तेल निकालकर पहले उनके योनि और अपने लिंग को अच्छे से तेल से भिगो दिया …

वो आंखे फाडे हुए मेरे लिंग को देख रही थी ,उनकी आंखों में आश्चर्य था,होता भी क्यो नही क्योकि ये लिंग एक आम लिंग था भी नही जो की पोर्न वगेरह में दिखाया जाता है ,ये किसी मूसल से कम नही था ,जो की तेल लगने से और भी ज्यादा चमकदार हो गया था ..

मैंने पहले दीदी के होठो को अपने होठो में भर लिया फिर आराम से अपने लिंग को उनकी योनि में सरकाया ,वो धीरे धीरे उनकी योनि में समाता गया…

“आह मेरे भाई ,मेरे प्यारे भाई आई लव यू “

दीदी के दिल में मेरे लिए अचानक से प्यार उमड़ आया था अब ये हवस था या प्यार मैं इसमे नही पड़ना चाहता था ,अभी तो मजे से मेरा भी हाल बुरा हो रहा था ,अब तो हर चीज ही सही लग रही थी …

“लव यू दीदी ,आज आपको इतना प्यार दूंगा की आप दुनिया को भूल जाओगी ,मेरी प्यारी दीदी को मैं अब जन्नत की सैर करवाऊंगा “

उन्होंने मुझे जोरो से पकड़ लिया ,मैंने एक धक्का जोर से दिया वो चीखी लेकिन उनकी आवाज मेरे होठो में ही दफन हो गई ..

मेरे एक ही धक्के में वो बेसुध सी हो गई थी .लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें थोड़ा होश आया ,उन्होंने मेरी आंखों में देखा उसमे आंसू की एक बून्द थी ……

“मुझे प्यार कर भाई ,मुझे अपना बना ले ,”वो रोते हुए बोली और अपने होठो को मेरे होठो में धंसा दिया..

मैं उनके होठो को चूसे जा रहा था वही अब मेरी कमर हल्के हल्के चलनी शुरू हो गई थी ,

वो आनद से आहे भर रही थी ,वो बार बार मुझे चुम रही थी ,उनका चहरा देखकर लगता था की उन्हें बेहद ही मजा रहा है..


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मैं भी एक स्वर्ग में पहुच चुका था,ऐसा मजा तो मुझे निशा के साथ भी नही आया था ,जो अपनी बड़ी बहन को चोद कर मिल रहा था ..

मैंने उन्हें पलट दिया और उनकी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के देने लगा ,मेरा लिंग अब तक पूरी तरह से भीग चुका था और बेहद ही आसानी से उनके योनि में जा आ रहा था ..


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वो बेसुध ही हो गई थी उनका शरीर अकड़ कर झरने लगा था लेकिन मैंने धक्के जारी रखे और फिर वो दूसरी बार भी झर गई,इस बार मैंने उनकी पेंटी से उनकी योनि को पोछा और फिर मैं फिर से शुरू हो गया ..

“आह बस कर ना भाई मार ही डालेगा क्या ,आज के लिए काफी है “

“दीदी तुम्हे चोदने में बहुत मजा आ रहा है ,पता नही मेरा कब निकलेगा “

मैं जोरो से धकके मार रहा था उन्होंने मेरे सर को पकड़ लिया

“आह आह नही भाई ऐसा नही बोलते ,हम तो प्यार कर रहे है इसे चोदना नही बोलते आई आह धीरे भाई “

“इसे चोदना ही बोलते है दीदी,मैं अपनी प्यारी बड़ी बहन को चोद रहा हु और तुम अपने भाई से चुदवा रही हो “

“नही नही आह नही भाई नही प्लीज् हम प्यार कर रहे है चुदाई नही ये गंदा होता है ,हम प्यार कर रहे है ना भाई ..आह मैं मर जाऊंगी आआआआ हहहह “

वो फिर से जोरो से झड़ गई ,मैं भी बुरी तरह से हांफ रहा था लेकिन साला लिंग तो ठंडा होने का नाम ही नही ले रहा था

वो थोड़े देर बाद सामान्य हुई

“भाई अब बस मैं बुरी तरह से थक चुकी हु अब जाकर निशा को प्यार कर “

वो अब भी चोदना जैसे शब्द का उपयोग नही कर पा रही थी

“दीदी प्यार नही चोदना “

उन्होंने मेरे गालो में एक हल्की सी चपत लगा दी

“तेरे लिए होगा वो सब मेरे लिए तो ये प्यार ही है ,जो मेरा भाई मुझे दे रहा है “

उनकी इस बात से सच में मुझे उनपर बेहद ही प्यार आया और मैंने उन्हें होठो को चुम लिया

“आई लव यू भाई “

“आई लव यू दीदी लेकिन आज तो मैं आपको रात भर प्यार करूँगा ,जब तक मेरा नही गिरता “

उनका मुह खुला का खुला रह गया

“तू सच में शैतान बन गया है ,पूरा जानवर “

उन्होंने मेरे चहरे को बहुत ही प्यार से सहलाया

कितनी अजीब बात थी की मेरे इस बर्ताव के बाद भी वो मुझपर अपना प्रेम ही दिखा रही थी ,मुझे सच में लगा की मैं बहुत भाग्यशाली हु ,मेरी बहने किसी रंडियों जैसी नही है बल्कि वो सेक्स के बाद भी मुझे बेहद प्यार करती है ,और शायद सेक्स के बाद ही बेहद प्यार करती है ,मेरे होठो में मुस्कान आ गई ..

“चलो थोड़ा दारू पीते है फिर स्टार्ट करेंगे “

मैं उनके ऊपर से उठ गया ,और आलमारी से एक महंगी शराब की बोतल निकाली और दो पैक बना दिया

वो मुझे आश्चर्य से देख रही थी

“तुझे कैसे पता की मैं शराब पीती हु और इस अलमारी में बोतल रखी है “

“अरे दीदी आप मेरी दीदी हो ,आपके बारे में मुझे सब कुछ पता है “

वो आश्चर्य से देखने लगी

“सब??”
“हा सब”

“रोहित के बारे में भी ??”
रोहित?? लेकिन फिर मेरे दिमाग में वो नाम क्लिक कर गया और होठो में एक मुस्कान आ गई

“हा रोहित के बारे में भी ..”

वो घबरा सी गई लेकिन मैंने उनके गालो को प्यार से सहलाया और जाकर कमरे में लगे बड़े बड़े कांच की खिड़कियों से पर्दा हटा लिया

“भाई ये क्या कर रहा है कोई देख लेगा “
“कोन रोहित??? देखने दो उस मादरचोद को “

दीदी ने मुझे फिर से आश्चर्य से देखा और मैंने अपने मुह में थोड़ी शराब भरकर उनके होठो में मिला दिया,मेरे मुह से शराब उनके मुह में चली गई ,वो मुस्कुराने लगी …

“अब मैं उस कमीने को सबक सिखाऊंगी ,”

वो रोहित के बारे में बोल रही थी

“वो सब बाद में पहले मेरे इसके तो ख्याल करो “

मैंने अपने लिंग की तरफ इशारा किया और उन्होंने प्यार से मेरे लिंग को अपने हाथो में ले लिया ,वो हल्के हाथो से इसे सहलाने लगी ,फिर उसमे थोड़ी शराब डालकर उन्होंने उसे अपने मुह में समा लिया ..

मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो ,मैं अपनी बहन के मुख का चोदन कर रहा था ..

वो फिर से गीली हो चुकी थी

वो बिस्तर में लेट गई और अपने पैरो को फैला दिया ..

“भाई आ जाओ न “

हम फिर से शुरू हो चुके थे फिर तो ना जाने कब तक और कितनी बार वो झड़ी हो …..
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RE: Antarvasna Sex Story - जादुई लकड़ी - by desiaks - 04-30-2022, 11:55 AM

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