RE: Indian Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल (माँ-बेटा:-एक सच्ची घटना)
ऑफिस में दिन भर मन नही लग रहा था बार बार मन भटक रहा था मैंने क्या क्या सोचा था और क्या हो गया था शायद बहोत दिनों से मैने हस्तमैथुन नही किया था इसलिए मेरे साथ यह हो गया
अगर मैं हस्तमैथुन करता तो शायद मेरे अंदर इतनी उत्तेजना ना पैदा होती
और मेरे साथ यह नही होता मुझे मालूम है मैं पूरी तरह नॉर्मल हु मुझमे कोई दोष नही है
सिर्फ बहोत दिनों की दबाई उत्तेजना के कारण मेरा इतनी जल्दी वीर्यपात हो गया माँ न जाने मेरे बारे में क्या सोच रही होगी
उनके हमारे मिलन को लेकर न जाने कितने सपने देखे होंगे उसने क्या क्या सोच होगा
मैंने उनके सारे अरमानो पर पाणी फेर दिया
मैने सबसे बड़ी गलती यह कि के मै बहोत दिनों से अपने ऊपर काबू रखने की कोशिश कर रहा था
इसकी वजहसे मेरे अंदर लावा जमा होता गया और पहली रात को अति उत्तेजना की वजहसे मेरा कुछ करने से पहले स्खलन हो गया
और मैं माँ के सामने मुझे शर्मिंदा होना पड़ा पर आज ऐसा नही होगा
आज मैं माँ के साथ अपनी रियल सुहागरात मनाऊंगा
और माँ को वह खुशी दूँगा जिसके लिए वह नजाने कितने सालो से तरसी है
मैं अब उनका पति हु अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि मेरी पत्नी की तन मन से सेवा करु मैं ऐसे ही न जाने क्या क्या सोच रहा था
माँ के बारे मै सोच कर मेरा पेनिस सुबह से ही दर्द कर रहा था दिल कर रहा था कि अभी इसी पल माँ के पास उड़कर जाउ और उन्हें बाहो में लेकर अपनी सारी उत्तेजना उनके अंदर खाली कर दु
पर यह मुमकिन नही था आज मुझे अपनी साइट पर जाना था वहाँ कुछ प्रॉब्लम हो गई थी मेरे सीनियर दूसरे कामो में बिजी थे तो मुझे ही जाना पडेगा पर जाने से पहले टॉयलेट में जाकर मैंने अपनी पूरी उत्तेजना फ्लश कर दी
अब कुछ अच्छा फील हो रहा था मैं जब बाहर आया तब अचानक फोन बजने लगा
देखा तो चेहरे पर मुस्कान फैल गई मंजू का फोन था स्क्रीन पर उनका मुस्कुराता चेहरा देख कर फिर से उत्तेजना बढ़ने लगी
यह माँ भी ना उन्हें जब भी देखता हूं उनके बारे में सोचता हूं
मन उत्तेजना से भर जाता है मैंने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा
“हैल्लो जान कैसी हो”
उधर से माँ के हँसने की आवाज आई मानो कानो में शहद घुल गया
“अच्छी हु आप कैसे है” ?
मैं ने कहा “मैं ठीक हु”
माँ ने कहा “आप दोपहर खाना खाने आएंगे ना”
मैंने कहा “नही जान आज मैं बहुत बिजी हु मुझे अभी साइट पर जाना पड़ रहा है”
माँ ने कहा “क्यों”
मैने माँ को सब बता दिया क्यों जाना जरूरी है माँ की आवाज में चिंता साफ दिख रही थी उन्हीने कहा
“फिर दोपहर के खाने के बारे मैं क्या सोचा है”
मैंने कहा “मैं वही कुछ खा लूंगा आप चिंता मत करे दोपहर की कसर रात को निकाल लूंगा”
मेरी बात का मतलब समझ कर माँ बुरी तरह शर्मा गई और कहा
“धत आप बहुत बदमाश हो गए है”
“अरे मैं खाने की बात कर रहा हु”
माँ ने कहा “मैं सब समझ गई हूं किस बारे में बात कर रहे है”
ऐसी ही मीठी मीठी बाते करते रहे और फोन कट कर दिया और अपने काम में बिजी हो गया
मैंने अभी तक ऑफिस में किसी को नही बताया है कि मेरी शादी हो गई है.
और मैं अपनी पत्नी को अपने साथ लेकर आया हु.
पर बताना तो पड़ेगा पर आज काम की अधिकता के कारण नही बता पाया.
पर जल्द ही बताऊंगा और एक शादी की छोटी पार्टी भी दूँगा अपनी खुशी में सबको शामिल करूँगा.
पूरे दिन काम करते करते निकल गया आज का काम पूरी तरह थकाऊ था आखिर कार काम खतम हुआ.
अब मैं घर की और आ रहा था जहाँ मेरी मंजू मेरा इंतजार कर रही थी.
कुछ दिनों से बहुत गर्मी बढ़ गई थी पर आज आसमान पर काले बादल छा गए थे शायद आज रात जोरोसे बारिश होंगी.
इस बेमौसम की बारिश की प्यासी धरती को बहुत जरूरत थी
मैं बारिश से पहले घर पहुचना चाहता था आखिर मैं घर पहुच ही गया.
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