RE: Indian Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल (माँ-बेटा:-एक सच्ची घटना)
बाहर आज जोर से बारिश हो रही थी तूफानी हवा के साथ जोरदार बारिश की आवाज से एक अलग ही माहौल बन गया था वैसे यह बारिश का सीजन नही था पर बेमौसम बारिश हो रही थी जैसे कुदरत भी हमारे मिलन को और रंगीन बनाने में लगी थी मेरा दाया हाथ उनकि पीठ पर घुमाते घुमाते अंजाने में माँ के दाएं स्तन के ऊपर ले आया और कुछ पल बाहे ढीली कर के उनकि तरफ देखा माँ भी अपनी नशीली नजरो से मुझे देख रही थी उनकि आंखें गुलाबी हो गई थी वह साक्षात कामदेव की रति दिख रही थी मैंने फिरसे उनको अपनी बाहों में पकड़ लिया और उनके रसभरे होंठों पर अपने होठ रख कर उनके होठो को हल्का खोलकर अपनी जीभ उनके मुंह मे डाल कर किस करने लगा इधर मेरा बाया हाथ बेरोक टोक उनके स्तन के ऊपर घूम रहा था
वह बड़े बड़े गर्म स्तन मेरी हथेलियों में नही आ रहे थे मैं किस करते करते धीरे धीरे उन्हें प्रेस कर रहा था फिर मैंने अपने बाये हाथ की उंगलियां पीछे से गाउन के उपरसे उनकी पेन्टी के अंदर डालने का प्रयास कर ने लगा माँ ने भी अपनी थाइस जरासी अलग करके उनके लिए रास्ता बना दिया फिर मैने भी निचेसे दो उंगलिया उनकी पेन्टी में डालकर उस रेशम पथ पर पहला कदम रख दिया जिसपे चलने के लिए न जाने कब से बैचेन था कितने दिनों के बाद वह घड़ी आज आई है माँ ने भी अब अपनी शर्म को त्याग दिया था वह भी अब इस राह पर अपने पति के साथ आगे बढ़ ना चाहती थी अपना पत्नी धर्म निभाना चाहती थी इतने सालों के बाद वह भी अपनी सालो की प्यास मिटाना चाहती थी इसके लिए अब थोड़ा बेशर्म बनना होगा यह वह भी जानती थी जब मैंने अपनी दो उंगलिया उनकी पेन्टी में डाली तो उन्हीने अपनी थाइस अलग जरके मुझे इशारा दिया कि मैं इस राह में आगे बढ़ सकता हु वह मेरी हमसफ़र बनने को तैयार है आह वह रेशमी अहसास क्या बताऊँ मैं एक हाथ से उनके स्तन प्रेस कर रहा था दूसरा हाथ उनके योनि पर घुम रहा था वहा अब गीलापन महसूस हो रहा था
वह एकदम सिहर उठी और मुझसे अलग हो कर अपनी नशीली आंखों से मुझे देखती रही
बाहर अब अंधेरा गहरा गया था और उसमें तूफानी बारिश आजकी रात हमारे जिंदगी की सबसे खुशी भरी रात थी हमारे रिश्ते में नई खुशी ला रही थी कुदरत भी हमारे मिलन को और यादगार बना रहा था बाहर और अंदर दोनो तरफ तूफान आया था
आज की रात सिर्फ हमारी थी हमारे बीच कोई नही आनेवाला माँ आज रात पत्नी बनकर मेरी शेज पर आने वाली थी उनकि नाजुक कमसिन भरी हुई काया आज मेरे नीचे आनेवाली थी यह सोचकर मेरे बदन मे सिरसिरी शुरू हो गई थी मेरा पेनिस हार्ड होकर दर्द करने लगा था अब उन्हें मेरे उतेजना का अहसास दिलाने के लिए मैंने घुमाकर पीछे से कमर में दोनों हाथ डालकर अपनी बाहों में ले लिया मैन उन्हें इतना टाइट हग किया कि हमारे बीच मे से हवा भी नही जा सकती उनकी सुराहीदार गर्दन पर पेशिनीयटली किस करते करते मैंने अपना कड़क पेनिस उनके एप्पल शेप नितंबों में दबा दिया मुझे उनको सेक्स करने की कितनी प्रबल इच्छा हुई है यह उन्हें बताना था वह पेनिस का अहसास होते ही माँ के मुह से सिसकारियां शुरू ही गई “ओह आ आ सीस सी”! उनके बदन की वह मादक गंद मुझे पागल बना रही थी मैं पूरी तरह मदहोश होकर पीछे से धक्के लगा रहा था मेरी गर्म सांसे उनकी गर्दन पर उनको अहसास दिला रही थी. उन्होंने मदहोशी में अपना सर पीछे मेरे खंदे पर रखकर अपनी आंखें बंद कर ली अब मेरे दोनो हाथ उनके स्तन पर लेजाकर मैं बिनधास्त होकर उनके दोनो मस्त गोल कड़क स्तन को प्यार से दबाने लगा आह वह प्यारा अहसास उनका मुँह वैसेही दीवार की तरफ करके मैं उन्हें जोरसे रगड़ने लगा उनके बाल हटाकर उनके मखमली गाल काटने लगा उनकी सुराहीदार गर्दन पर चुम्बन करता रहा और दोनो गोल गोल स्तन मसल मसलकर गुलाबी से लाल कर दी वह दीवार पकड़कर खड़ी थी मैं लगभग उनके ऊपर चढ़ ही गया था मुझे माँ के साथ फोरप्ले करने में बहोत मजा आरहा था थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मुझे लगा कि माँ अब बहुत गरम हो गई है मुझसे भी अब रहा नही जा रहा था अब कब उनके सारे कपड़े निकाल कर पूरी निर्वस्त्र देखु ऐसा हुआ था फिर मैंने एक प्यार भरा किस करके उनके कान में कहा
"जान बेडरूम में चले"
|