महारानी देवरानी
09-09-2023, 09:27 PM,
RE: महारानी देवरानी
महारानी देवरानी


अपडेट 52 A

पारस  जाने की अनुमति



बलदेव को सीमा पार भेज कर राजपाल अपने कक्ष में जा कर आज की हुई घटना के बारे में सोचता है और देवरानी की बढ़ती हुई हिम्मत राजपाल को गहरी सोच में डूबो देती है।


[Image: rajpal.jpg]

इधर बलदेव अपने घोड़े पर बैठ के जाता है और सोच रहा था। के क्या युक्ति निकली जाए जिस से माँ को मैं पारस ले जा सकूँ। बलदेव कुछ समय सोचने के बाद अपना घोड़ा फिर महल की ओर घुमा देता है।

बलदेव मन में: मेरे पिता राजपाल अपने ऊपर या राष्ट्र पर हमले के डर से पारस जाना नहीं चाहते अगर मुझे बड़ी माँ सृष्टि के कानो में ये बात डाल दू की माँ पारस जाना चाहती है और अकेली जाने को भी त्यार है तो-तो वह पक्की चाहेगी के अपने जान जोखिम में डाल कर देवरानी पारस जाए क्यू के हमें पारस जाने के लिए दिल्ली के रास्ते से जाना होगा जहाँ हमारा दुश्मन बादशाह शाहजेब है।

यहीं सब बातें सोचते हुए बलदेव महल में आता है और सीधे अपनी बड़ी माँ को ढूँढने लगता है।

"बड़ी माँ...बड़ी माँ कहा हो आप?"


[Image: horse1.gif]

"सुनो लगता है। बलदेव आ गया है।"

"तुम जाओ यहाँ से"

बलदेव जैसा कक्ष में प्रवेश करता है तो देखता है। की महारानी रहृष्टि किसी पुरुष से बात कर रही थी और उसके आते ही वह चुप हो गई.

"बड़ी माँ आप यहाँ हो।"

"आओ बलदेव क्या हुआ बेटा?"


[Image: shr-gupt.jpg]

बलदेव जाते हुए पुरुष को ऊपर से नीचे तक देखता है।

"बड़ी माँ ये कौन था। इसे घटराष्ट्र में आज से पहले कभी नहीं देखा।"

"बलदेव ये हमारे घटराष्ट्र के पुराने गुप्तचर है।"

"अच्छा बड़ी माँ आपसे कुछ बात करनी थी।"


[Image: bal-shr1.jpg]

"तो कहो क्या बात है।"

"बड़ी माँ वह मामा देवराज ने हमें पत्र लिख कर न्योता दिया है, पारस आने का और मुझे भी बुलाया है । मेरा भी ननिहाल देखने का जी चाह रहा था।"

"तो समस्या क्या है, बलदेव?"

"वो बड़ी माँ आप ही हैं। जो मेरी मदद कर सकती हो।"

"वो कैसे बलदेव?"

"बड़ी माँ पिता जी पारस नहीं जाना चाहते क्यू के उनको डर है कोई हम पर या उनकी अनुपस्थिति में राष्ट्र पर हमला ना कर दे, क्यू के दिल्ली से बादशाह शाहजेब सैनिकों को उत्तर की ओर आने की सूचना मिली है।"

"पर बड़ी माँ मैं चाहता हूँ कि आप पिता जी को मनाएँ और वह कम से कम मुझे और माँ को जाने की आज्ञा दे-दे ।"


"अच्छा तो बलदेव ये बात है।"

शुरष्टि (मन में-में तो मनाऊंगी राजपाल को इस के लिए की वह तुम दोनों को जाने की आज्ञा दे ताकि जब तुम दोनों घटराष्ट्र से बाहर जाओ और तुम दोनों पारस पहुँचने से पहले स्वर्ग लोक पहुँच जाओ । ")

"बड़ी माँ कृपा कर के मेरे लिए इतना कर दीजिये"

बलदेव (मन में-महारानी सृष्टि तुम यही सोच रही हो ना की हम बहार जाए और शत्रु हम पर हमला कर दे और हम रास्ते में ही मर जाए.")

"ठीक है बलदेव। सिर्फ तुम्हारे लिए मैं महराज से बात करती हूँ क्यू के तुम मेरे सब से दुलारे पुत्र हो।" 


सृष्टि मन में अगर मेरा शक ठीक है और उस दिन जो घुसपैठिया चादर छौड कर भागा था, वह चादर देवरानी की ही थी। तो बेटा बलदेव देवरानी का इतनी बरस बाद खुशी और हंसी का राज तुम हो।)


[Image: dev-sad.jpg]

सृष्टि मुस्कुराति है। और बलदेव को देखती है। और ये सोच कर मन में कहती है।

"देवरानी तुम्हें भी अपनी आग बुझाने के लिए अपना बेटा ही मिला । तुम दोनों जाओ तो सही, पारस से वापस लौट के नहीं आओगे।"

"बलदेव अब तुम जाओ खड़े क्यू हो मैं तुम्हारा काम करवा दूंगी।"

बलदेव: "जी बड़ी माँ आप बहुत अच्छी हैं ।"

बलदेव (मन में-बड़ी माँ तुम्हारी मनो कामना कभी पूरी नहीं होगी कभी। मैं मेरी माँ के ऊपर, आंच भी नहीं आने दूंगा।)


[Image: shr-bal.jpg]

बलदेव प्रणाम कर उसके कक्ष से निकल जाता है।

शुरष्टि जाते हुए बलदेव को देख मन में

"देवरानी आखिर कैसे ना अपने पुत्र पर मोहित होती, इतने लंबे चौड़े कद काठी का जो है। ऊपर से महाराज ने पिछले 17 साल से देवरानी को छुए भी नहीं है।"

और हसती है। हाहाहा देवरानी तुम्हें तो मैं तड़पा-तड़पा के मारूंगी, अगर तुम्हें घातराष्ट्र के शत्रु नहीं मार पाएंगे तो मैं मारूंगी। "

इधर बलदेव कक्ष से निकल कर जा रहा था। की उसे कुछ याद आता है और वह वापस अपनी बड़ी माँ सृष्टि के कक्ष की ओर आता है और उसकी हंसी सुन कर वही छिप कर सब देखने लगता है।

जल्दबाजी में सृष्टि पास रखी एक पेटारी को खोलती है और हमसे सांप निकाल कर बोलती है ।



[Image: sh-snak.jpg]
"ये सांप तुम्हारे जीवन का अंत करेगा देवरानी, महल में तो इसके उपयोग करने से लोग तुम्हें बचा लेते पर अब ये तुम्हारे समान के साथ पारस जाएगा और रास्ते में तुम्हें ये डसेगा और वहाँ पर तुम्हें बचाने वाला कोई नहीं होगा ना कोई वैध ना कोई जड़ी।"

बलदेव तो ये देख और सृष्टि की बात सुन कर हैरान और परेशान हो जाता है और उसके माथे पर पसीना आने लगता है।

शुरष्टि: "पिछली काई बार तू बच गई है। इस बार मैं तेरे प्राण ले कर रहूंगी देवरानी।"

बलदेव दबे पाँव वहाँ से खिसक जाता है।

सृष्टि वापस से सांप को पेटारे में रख कर मुस्कुराती है।


[Image: DEVRANI-KHUSH.jpg]

"बेचारी देवरानी जीवन में खुशियाँ ढूँढने लगी हुई थी और बलदेव के साथ रंगरेलियाँ भी मनाने लगी थी, तुम्हे जीवन भर तड़पने का मेरा सपना पूरा हुआ और अब तुम्हें मरना होगा देवरानी, तुम्हारी हर एक हंसी हर खुशी मेरे जिस्म पर कांटे की तरह चुभती है। मैं नहीं चाहती कि तुम एक पल भी खुशी से जियो और जब तुम ने अपनी खुशी खोज निकली है बलदेव में तो अब तुम्हें मरना होगा और साथ में मैं बलदेव को भी नहीं छोड़ूंगी।"

ये सब सोचते हुए शुरू हुई महाराज राजपाल की कक्षा में आती है।

"आओ महारानी आप को ही याद कर रहा था।"

"महाराज आप की याद में हम यहाँ आये पर आप हमारी याद में हम कभी हमारी कक्ष में नहीं आते।"

"कहो महारानी श्रुष्टि आप की हम क्या सेवा कर सकते हैं?"

[Image: raj-dev1.jpg]


"महाराज हमने सुना है के देवराज का पत्र आया है।"

"हाँ महारानी हमारे साले साहब का पत्र आया है और उन्होंने हमें और देवरानी को पारस आने के लिए अमंत्रित किया है। पर हम ऐसी स्थिति में नहीं जा पाएंगे ।"

शुरष्टि (मन में आपका साला नहीं देवराज अब बलदेव का साला हो गया है। ") और एक मुस्कान के साथ-" महाराज हम समझ सकते हैं कि युद्ध कभी भी हो सकता है और आप अगर जाएंगे तो आप पर हमारे शत्रु से आक्रमण का भी खतरा है। "

"आप बिलकुल ठीक समझी महारानी"

"पर महाराज आप ना जा कर बलदेव और देवरानी को भेज सकते हैं ना।"

ये सब बात अपना कान लगाए बलदेव सुन रहा था। क्यू के वह अपनी माँ के ऊपर हमले के योजना जानना चाहता था और वह सृष्टि का पीछा करते हुए आ गया था।

"पर महारानी हमारे पास पहले ही कम सैनिक है। ये दोनों गए तो हम इनकी सुरक्षा के लिए इन्हें सैनिक कहाँ से देंगे?"

"बिना सैनिक के भी जा सकते हैं वह दोनों तो ।"

"पर महारानी उनकी जान को खतरा हो सकता है।"

"महाराज अब उन्हें अपनी जान जोखिम में डालनी है तो हमें क्या और वैसे भी आपको उनकी चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।"


[Image: shr-int.jpg]


सृष्टि ये बोल कर राजपाल के पास आती है और उससे चिपक कर गले लग जाती है।

"महाराज अगर वह दोनों मर भी जाये तो ठीक होगा झंझट ख़तम हो जाएगा ।"

कहानी जारी रहेगी
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RE: महारानी देवरानी - by aamirhydkhan - 09-09-2023, 09:27 PM

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