Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
02-23-2021, 07:31 AM,
#3
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath- 3
मेरा निकाह मेरी कज़िन के साथ-3

दोस्तों  मैं सलमान मेरी पहली कहानी भाग १-२  में आपने मेरे ज़ीनत आपा के साथ निकाह के बाद सुहागरात की दास्तान पढ़ी अब आगे
जैसा की मैंने पहले कहानी में बताया मेरे मामू के बेटे रिज़वान का निकाह मेरी  आपा  रुकसाना के साथ हुआ लगभग एक महीने पहले ही हुआ था .. मैं थोड़ा सा रुकसाना के बारे में बताता हूँ .. उसकी उम्र २३ साल की है रंग गोरा  बाल सुनहरी और फिगर मस्त ३६ २४ ३६ है  वह इतनी गोरी है के अँगरेज़  मेम जैसी लगती है.. उसकी कमर बेहद पतली और नाज़ुक है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला  तिल !और आवाज़ बहुत मीठी है .. उसकी एक झलक जो देख ले वह दीवाना हो जाता है  देखने में बिलकुल मुमताज़ लगती है
 
जब लेडी डॉक्टर ने मेरी शादी के दुसरे  दिन बाद  सलमा  और  ज़ीनत  के  लिए  3 दिन  चुदाई  बंद  का  हुकम  दे  दिया . तो मैं और रिज़वान दोनों  जल बिन मछली की तरह तड़पने लगे  ज़ीनत और सलमा को डॉक्टर से दिखने के बाद हम दोनों बैठक में बैठ कर बात कर रहे थे .. मैंने रिज़वान से कहा भाई रुकसाना कह रही थी के आप ने रात भर  सलमा आपा  को बेदर्दी से चोदा  क्योंकि मैंने  आपा  ज़ीनत  की बुरी तरह से  चोदा है और आपने सलमा से  चुदाई कर  बदला  लिया .. रिज़वान बोला भाई सलमा आपा है ही इतनी हसीं कमसिन के उसको कस कर चोदे बिना अब रहना मुश्किल है  मैंने भी कहा हाँ भाई हमारी बहने और कजिन इतनी मस्त हैं की जो भी उनको एक बार देख ले वो  पागल  हो  जाये.. फिर मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारी तो रुकसाना से शादी पहले हो गयी थी तुम तो आज रात उसको चोद कर काम चला लोगो  मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा.  क्योंकि आरसी, रुक्सर और ज़ूनी के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है.
 
इस पर रिज़वान बोला भाई सलमा जो की २१ साल की थी वह भी बला की  ख़ूबसूरत है. उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गया. सलमा का भी रंग दूध जैसा गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए .  बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे   गुलाबी  होंठ  हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्स. नरम चूतड़,  पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ था. कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी  जैसी थी  आवाज़ मीठी कोयल  जैसी .. मेरा तो मन ही नहीं लगता अब उसके बिना

 फिर मैंने कहा रिज़वान भाई कम तो रुखसाना आपा भी नहीं है  पर उसके साथ निकाह के बाद तो आपका ऐसा हाल नहीं था..

तो रिज़वान ने कहा मेरे हाल तो रुकसाना से निकाह के बाद भी ऐसा ही था और कल तो सलमा के साथ मेरा लंड शांत  होने का नाम ही नहीं ले रहा था.. रिज़वान  जो मेरी हमउम्र था बोला सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना  सलमा और फातिमा मेरी ही होंगी. क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन  का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं  कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था  फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देता.  फिर बोला मुझे ये भी पता था की ज़ीनत और आरसी का निकाह सलमान तुमसे ही होगा .. सिर्फ मन में यही संशय था के रुक्सार और जून किसको मिलती हैं   तुम्हे या फिर मुझे.  तुम यार किस्मत वाले हो तुम्हे चारो मिली.  मुझे तुमसे कोई गिला नहीं है  और उसने मुझे मुबारकबाद दी  . .   फिर रिज़वान मुझे रुकसाना आपा के साथ अपनी  सुहागरात का किस्सा सुनाने लगा
 
रिज़वान बोला "  मैं निकाह में  सजी धजी रुकसाना को निकाह के जोड़े में देख कर दीवाना हो गया था. और उसकी एक झलक के लिए बेकरार था.  मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था के कब रुकसाना मेरे पास आएगी.  थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे मेरी बहने ज़ीनत और आरसी गहनों और  फूलों से सजी धजी रुकसाना को मेरे फूलों से सजे कमरे में ले हमारी सुहागरात के लिए आयी और मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैं.  वह हँसते हुए रुखसार को मेरे पास छोड  कर दरवाजा बंद कर बहार चली गयी.
 
रुकसाना ने लाल लेहंगा चोली चुनरी और ढेर सारे गहणे पहने हुए थे. और साथ में गजरा और फूलों से श्रृंगार  किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी. मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी.  रुकसाना बिस्तर  के पास शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ देख रही थी.  उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था.  उसका चेहरा शर्म  और आगे जो होने वाला था वह सोच कर  लाल हो रहा था. वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.. मैं थोड़ा सा आगे होकर  और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया .. या खुदा !! उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड  सनसनाता  हुआ पूरा १० इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

बेड पर बैठ कर हमने अपनी शादी की बात करि और अपने आगे के सपनो के बारे में बाते करि .. वह पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ था. रुकसाना के आने से मानो कमरा पूरा रोशन हो गया था.  हमारी बातो में लगभग एक बज गए. और रुकसाना आपा मेरे साथ थोड़ा सहज हो गयी थी.
 मैंने रुकसाना आपा  की तारीफ  करना शुरू कर दिया.मैंने  कहा रुकसाना आपा  बहुत सुन्दर हो आप मेरे सपनो की रानी हो जब से मैं जवान हुआ हूँ और आप को देखा है तब से आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप  को पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं. .. वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी जब से जवान हुई हूँ तब से आप को प्यार करती हूँ.  फिर मैंने  अपनी जेब  से निकाल  कर एक हीरे का हार उनको अपनी  शादीशुदा  जिंदगी  के पहले नज़राने के तौर  पर दिया. वह बोली  आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगे.
 
मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल ! नाक पर बड़ी  नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो  क़यामत हो मेरी जान मेरा लंड फुफकारने लगा...  मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया रुकसाना आपा की आँखे बंद थी .. इतनी सुन्दर दुल्हन मुझे अता फरमाने के लिए मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा  किया और बोला  मेरी जान अपनी आँखे खोलो और अपने दूल्हे को देखो  उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी  मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया  .. ये उसका पहला चुम्बन था  वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी. मैंने रुकसाना को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत चिकनी थी मैंने पुछा क्या तुम्हे मालूम है शोहर बीबी सुहागरात में क्या करते है?. उसने अपना सर हाँ मे हिलाया और  मुझसे और कस का लिपट गयी. मेरे हाथ ने महसूस किया  उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ  की कमर तक पहुँच गए थे.. क्या चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी  मैंने फिर  पुछा क्या तुम थकी हुई तो नहीं हो सोना तो नहीं चाहती? उसने न में सर हिलाया . मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे उसने लेहंगा अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहना हुआ था उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया.आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी . मैंने फिर पुछा क्या तुम त्यार हो उसने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली इस रात का इंतज़ार तो हर लड़की करती है. मेरे सपनो की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने  को त्यार मैंने फिर आपा से कहा  आप  सबसे  सुन्दर ,गोरी    मस्त  माल  हो . आपको  देखकर  मैं तो दीवाना हो गया हूँ  मैंने हल्की सी आवाज में ‘ आई लव यू  आपा ‘ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो..मैं उनको बोला आपके गुलाबी नरम गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी !
 
 
मैंने फिर उसको अपने से हल्का सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी  मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो आपा ने आँखे खोली और मुस्करायी मैं  फिर मैं उसके होंठो  को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी  फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ  को चूसने लगी. फिर मैंने  भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे  और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी

और उनके होटों के नीचे वाले काले तिल को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। आपा को दर्द हो रहा था मगर आपा  मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था। हम लोग एक दुसरे को किस करने लगे थे. मैंने आपा की  मेरी पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी.

मैंने महसूस किया की आपा की जीभ मेरे होंठों में से मेरे मुह में अन्दर जाना चाह रही थी. मेरे होंठों को खोलती हुयी जीभ मेरे मुह में चली गयी और उसी बीच मेरे  हाथ उनके चोली  पर से होते हुए आपा की पीठ  कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया. मेरा  हाथ  चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था. आपा की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे  हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी.
 
जब मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किये तो आपा बहुत उत्तेजित थी, कि आज वह पहली बार किसी लड़के के सामने बिना कपडों के होने वाली थी. और तो और आज एक पुरुष को पूर्ण नग्न देखने का मौका मिलने वाला था.

फिर धीरे  से  मैंने  उसकी  गोरी  पेशानी  चुम  ली  और धीरे से उसकी चुनरी हटाने लगा . उसने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद करि   उसका रूप धीरे धीरे मेरे सामने आने लगा था.  वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गया ..गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श. मुमताज़ का चेहरा. ..मेरा लंड तो फुफकारने लगा ..  मैंने रुकसाना को कहा रुकसाना आपा आप मुझे बिलकुल मुमताज लगती हैं  तो वह बोली मेरे शाहजहां  मैं आपकी मुमताज ही हूँ   आप आगे से मुझे मुमताज ही कहें ..

अब मैंने  उसका मांग  टिका हटा दिया और  धीरे  से  मैंने  उसकी  गोरी  पेशानी  चुम  ली . उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों  नशीली आँखों पर एक चूमा दिया. फिर मुमताज का नाक को चूमा तो वह सिहर उठी .. फिर मैंने उसके गालो पर चुम्बन  किया वह हलके हलके खुलने और मुस्कराने लगी  मैंने फिर उसके गालो को चाटा. बहुत मोठा स्वाद था  फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे धीरे चूसा  आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा  और चूसा. फिर मैं उसके होंठो  को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी  . और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ  को चूसने लगी. फिर मैंने  भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा. आपा मुझसे कस कर लिपट गयी.. मेरे हाथ अब उनके  मोमो पर जा चुके थे  मैंने ऊके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया.  मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे.. तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और लगा कबूतर आज़ाद होना चाहते हैं   मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स  को चूमा और निप्पल्स को चूसा और उसके गले में पहने गहनों को उतार  दिया. जहाँ जहाँ के गहने उतरे मैंने वहां किस किया. बिच बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों  में देकता  था तो वह मुस्करा देती थी  मेरे एक हाथ  उसकी पीठ पर था  ..
 
मैंने चुनरी के एक पल्लू को लहंगे और एक कंधे  से हटाया और वो एक तरफ गिर गया, अब चुनरी  एक कंधे पर थी साथ ही चुनरी का दूसरा हिस्सा जो लहंगे में घुसा हुआ था होता है, वह मेरे सामने लहंगे और चोली में थी.और चुनरी आधे बदन पर थी क्या क़यामत का नज़ारा था. लंड फिर संसानने लगा मैंने आपा को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देखने लगे
 
उनकी चोली  जिसमे उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे.  उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली   के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों  पर किस करने लगा. उसके बाद नीचे की भी डोरी खिंच कर चोली की अलग कर दिया और कबूतर अज़्ज़ाद कर दिए . रुकसाना आपा शर्मा कर बाहों से छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी . मैंने धीरे से उसको अलग किया अभी भी उनके स्तन लाल चुनरी से ढके हुए थे मैंने धीरे उनके हाथ हटाए और चुनरी कंधे से हटाई  और छातियों को हाथो  से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा  दोनों बूब्स  एक दम लाल हो गए ..  फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों  बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे  रुखसाना के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे  हाथों ने उनके  स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा . मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया. हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगी.
 
मैंने अपना कुत्ता उतार दिया और रुकसाना को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया  उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती  से दबने लगे  मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता ,, मैंने रुकसाना  का मुँह चूमा और  लिप किस करि. फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था . मैं उसके  स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा . अल्लाह ….नहीं बता सकता  की उस पल क्या अनुभूति हुयी. फिर उन्होंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया. उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी. मैंने चूचियों को दांतो से काटा  आपा कराह उठी
 
मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो .. मैंने चूचियों को दांतो से काटा  आपा कराह उठी  आह यह आह आपा  कह रही थी धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे
 
मैं बार बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहे जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग सी न लग गयी. पहली बार कोई ऐसा उसके साथ सम्भोग कर रहा था. तभी पता नहीं क्या हुआ, उसके  शरीर में एक उफान सा आया और वह  निढाल सी हो गयी और मैंने पहली बार उसकी छूट को छूआ मुझे  योनी में गीलापन सा महसूस हुआ. वो उसका पहला ओर्गास्म था उस सुहागरात में और उसे लगा कि उसने  पैंटी में पेशाब कर लिया है. आपा बहुत शर्मिंदगी महसूस करने लगी.

मैं समझ गया  और  पुछा, “क्या हुआ, क्या तुम्हे ओर्गास्म हुआ ?”
 
“यह क्या था? मुझे लगा कि मेने पेशाब कर दिया.”, आपा के  पूछा.
 
“नहीं..तुम्हे जरूर ही ओर्गास्म हुआ होगा..”, मैंने  जवाब दिया.
 
 अब तो मेरे लिए रुकना असंभव हो गया मुझे जल्दी से जल्दी अपना वीर्य निकलना था. फिर सोचा रुकसाना मुँह में तो लेगी नहीं इसलिए इसे अब जल्द ही छोड़ कर इसका कुंवारा पण भंग करना पड़ेगा
 
फिर  मेरे हाथ  स्तनों पर से अपने हाथ नीचे की और बदाये और लहंगे पर पहुँच गए. मैंने लहंगे का  नाडा खोल दिया और  मेरी उँगलियों का उसकी पैंटी पर स्पर्श हुआ  वह गीली थी और मेरे बदन में सिरहन दौड़ गयी. मैं उसकी कमर पर किस करने लगा  और फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी  आपा मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी आपा का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक  मैंने उनके एक एक अंग  को चाट डाला और   उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस  कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था.  और फिर पैंटी पर भी किस किया. मैंने उसके  हिप्स को पकडा और अपने चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा . मैंने  धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया. और  पैंटी उतर फेंकी  उसकी चुत पर कोई बाल नहीं था अच्छी तरह से उसने अपने चूत साफ़ करि  थी . रुकसाना ने अपनी चूत से बाल साफ़ किये हुए थे वह थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन  की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी रुकसाना की कमसिन कमर बल खा रही थी .. मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी
 
अब आपा मेरे सामने बिलकुल नंगी थी सिर्फ उनके नाक में नथ थी, बालो में गजरा कमर में कमरघनी  हाथो में चुडिया  और पांव में पायल उनका एक एक अंग  बहुत सुन्दर है  फिर मैंने अपना  पायजामे का नाडा खोला और आपा ने  मेरा पायजामा अपने हाथों से निकाल दिया  फिर मेरे  कहने पर आपा ने अपना हाथ मेरे  अंडरवियर पर रखा और…और..आपा ने  मेरा कठोर लिंग पकडा.  अब मेरा १० इंची लम्बा ३ इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था।और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी  और अपनी उँगलियों में लपेट लिया. वो बहुत बड़ा था. आपा बोली रिज़वान क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा .ये मेरी चूत फाड्  तो नहीं देगा   मैं बोला नहीं मेरी रानी ये तो तुम्हारा आशिक़ है  और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है  इसी से तो हम दोनों के प्यार के मजे मिलिंगे.  मैंने उन्हें उसे प्यार करने को कहा  पहले तो वह घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि. फिर  मेरे  हिप्स भी हरकत करने लगे थे. मैं खड़ा हुआ और अपना अंडरवियर उतार दिया.
 
उसके बाद मैंने आपा को खड़ा किया और उनसे चिपट गया  मेरा लंड उनकी चुत ढूंढ़ने लगा और उनकी  छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उन्हें लिप किस करने लगा मेरे हाथ उनके पीठ और चूतड़ दबाने लगे उसके बाद मैंने अपनी मुमताज को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ रुखसाना  की पीठ लगने लगी . मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और एक दुसरे के शरीर कि महसूस कर रहे थे. मेरा लंड उनकी चूतड़ों की दरार में
 
उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस  कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. उनकी  चूत गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है  उन्हों ने कहा तुम खुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने देखा चुत एक दम लाल हो रही थी. मानो मुझे आवाज दे रही हो जल्दी चोदो मुझे..  मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया  मैं उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था,  आपा  बोली बहुत अच्छा लग रहा है .फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

मेरा निकाह मेरी कज़िन के साथ-3 कहानी जारी रहेगी


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Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath - by desiaks - 09-17-2016, 09:37 PM
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath- 3 - by aamirhydkhan - 02-23-2021, 07:31 AM
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath - by amant - 09-18-2021, 01:57 PM

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