RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
भाग 45
बेऔलाद रुखसाना की समस्या
ज़ीनत का अच्छी तरह मुआयना करने के बाद जब लेडी डॉक्टर कहा कि "मुबारक हो ज़ीनत माँ बनने वाली हैं"। तो ये खबर सुन कर ज़ीनत का दिल बाग-बाग हो गया और उस की अपनी चूत भी इस ख्याल से पानी-पानी होने लगी। कि उस के शौहर के मोटे ताज़े लंड से निकलने वाला गाढ़ा पानी आख़िर अपनी उसकी बच्चे दानी में जा कर अपना काम दिखा चुका है। चूँकि जीनत जिंदगी में पहली बार प्रेग्नेंट हुई थी इसीलिए लेडी डॉक्टर ने चेक अप के बाद जीनत को कुछ खास हदायत दीं।
अपने चेक अप के बाद ज्यों ही जीनत डॉक्टर के कमरे से बाहर आई। तो उसे अब शरम के मारे हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह अपनी बहनो से अपनी नज़रें मिला सके। डॉक्टर से पूरी बात जानने के बाद रुखसार उनसे और मेरे से गले मिली और मुबारकबाद दी । घर आकर मेरी बाकी दोनी बेगमो अर्शी और जूनि ने भी हमे मुबारकबाद दी ।
फिर जीनत के पैर भारी होने की इत्तला अम्मी अब्बा और सब बड़ो को दे दी गयी और जब रुखसाना आपा ने पुछा क्या बात है तो जूनि ने रुखसाना को मुबारकबाद दी की वह अब जल्द ही फूफी बनने वाली है । रुखसाना आपा ने मेरे और जीनत आपा को मुबरकबाद दी पर फिर कुछ उदास हो गयी क्योंकि मेरी और जीनत आप से पहले निकाह होने के बाबजूद वह अभी तक माँ नहीं बन पायी थी। अम्मी जो फोन पर पास ही कड़ी थी ये बात फौरन भांप गयी और उनके गले लग वह उनसे फुसफुसाई रुखसाना आप फिक मत करो आप भी जल्द ही खुश खबरि सुनाओगी ।
आप जानते ही हैं मेरी बहन रुखसाना आपा मुझसे बड़ी है उसकी शादी मेरे कजिन रिजवान के साथ चुकी है। मेरी बहन रुखसाना की शादी को लगभग 2 साल हो गए थे लेकिन वह अभी भी बेऔलाद है। मेरी बहन बहुत खूबसूरत, बहुत शांत और अच्छी है और अपने ससुराल में उसे बहुत पसंद किया जाता है और प्यार किया जाता है, लेकिन उसके बेऔलाद होने के कारण पारिवारिक समस्याएँ पैदा हो रही थी और इस खबर से वह बहुत परेशान हो गयी थी की उनके बाद मेरा निकाह मेरी कजिन आपा जीनत से हुआ था और वह उनसे पहले पेट से हो गयी थी।
हमे मुबारकबाद देने सब घर वाले आये लखनऊ से आये पर उनके साथ रुखसाना आपा नहीं आयी और अम्मी ज्यादातर हमारे साथ रहने लगी । मेरी जीनत आपा के साथ चुदाई बंद हो गयी क्योंकि अम्मी जीनत आप के साथ सोने लगी । मेरी बाकी तीनो के साथ चुदाई जारी रही पर मैंने माहवारी के दिनों का ख़याल रखते हुए उन तीनो की चुदाई इस हिसाब से जारी रखी ताकि वह जल्द ही पेट-सा ना हो जाए ।
कई बार मैंने अपनी अम्मी को मेरी बहन रुखसाना आपा से मोबाइल पर देर तक बातें करते देखा था। मैं जानता था कि पारिवारिक समस्याएँ हैं क्योंकि उसने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया था। चूँकि मैं उसका भाई हूँ और हम रूढ़िवादी मुसलमान हैं और हमारे समाज में परिवार में माँ-बेटे या भाई-बहन के बीच ऐसे मुद्दों पर बात करने के बारे में सोचा भी नहीं जाता है। लेकिन मैंने कभी-कभी सुना था और जानता था कि मेरी बहन की सास या मेरी खाला पोता न होने से बहुत परेशान थी और इसलिए वह मेरे कजिन रिजवान की एक और शादी करने की सोच रही थी हालाँकि रिजवान की मेरे दो अन्य बहनो सलमा और फातिमा से शादिया और हो चुकी थी पर उसे उन से भी कोई खुश खबरि सुनने को नहीं मिली थी। खाला रिजवान की एक शादी और करवाने के बारे में सोच रही थी, क्योंकि हम मुसलमानों को चार बार शादी करने की इजाजत है।
यह सब हमारे लिए बहुत निराशाजनक और चौंकाने वाला था। मैं जानता था कि मेरा जीजा या मेरा कजिन रिजवान एक अच्छा आदमी है और वह मेरी आपा से बहुत प्यार करता है लेकिन परिवार और समाज के दबाव के कारण शायद वह भी हार मान लेगा।
खाला और अम्मी रुखसाना आपा और मेरी बाकी दोनों बहनो के ले कर कई बार शहर में कई दरगाहें पर उसे गर्भवती करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न तीर्थस्थलों पर भी ले जा रही थी लेकिन अब तक सब व्यर्थ रहा।
फिर एक दिन मैंने अपनी अम्मी और बड़ी आपा रुखसाना को बहुत उदास मूड में पाया था क्योंकि उन्हें पता चला था कि मेरी खाला ने रिजवान के लिए दूसरी लड़की की तलाश शुरू कर दी है। मैं भी इस घटनाक्रम से बहुत परेशान था लेकिन कुछ नहीं कर सका। मैंने पाया कि अब मेरी अम्मी और बहन के बीच मोबाइल पर बातें लंबी हो गई थीं और आम तौर पर वे दिन में कई बार भी बातें करने में मशगूल रहती थीं। उनकी बातचीत सुनकर मुझे पता चला था कि मेरी आपा रुखसाना और रिजवान के सारे मेडिकल टेस्ट कराए गए थे। मेरी बहन को कोई चिकित्सीय समस्या नहीं थी और वह एक बच्चे को जन्म दे सकती थी। रिजवान में कुछ दिक्क्त थी और उसका सिर्फ स्पर्म काउंट कम था, तो शायद अभी सही समय नहीं आया था। डॉक्टरों ने कहा था कि बस कुछ ही समय की बात है और मेरी बहन गर्भवती हो जाएगी।
एक दिन जब मेरी माँ ड्राइंग रूम में बैठी थी और कुछ विचारों में खोई हुई थी, तो मुझे उनके लिए बहुत बुरा लगा, क्योंकि वह बहुत परेशान लग रही थी। मैं जानता था कि उससे रुखसाना आपा के बारे में बात करना ठीक नहीं है लेकिन मैंने उससे बात करना अपना फर्ज समझा।
तो मैं चाय का कप लेकर उनके पास गया और उनके पास बैठ कर बात करने लगा, "अम्मीजान! मुझे आपकी बात बीच में कहने के लिए खेद है लेकिन मैं देख रहा हूँ कि आजकल आप बहुत उदास रहती हैं और हमेशा ख्यालों में खोई रहती हैं। क्या कुछ गड़बड़ है? अम्मीजान कृपया आप अपनी समस्या मुझ से साझा करें।" आपकी समस्याएँ हम मिल कर हल करेंगे। मैं बड़ा हो गया हूँऔर मैं आपकी समस्याओं को साझा करने और मदद करने के लिए यहाँ आपके पास ही हूँ। "
अम्मीजान मेरी तरफ घूमीं और ख्यालों में खोई रहीं जैसे सोच रही हों कि मुझसे रुखसाना आपा के बारे में बात करें या नहीं। फिर जैसे उसने कुछ तय कर लिया हो और बोली, "देखो सलमान! अब तुम बच्चे नहीं हो, बड़े हो गये हो। जल्द ही बाप बनने वाले हो और मुझे लगता है और कोई भी नहीं है जिसके साथ मैं अपनी समस्याएँ बाँट सकूँ। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है। कि आप भी परिवार में चल रही बातों को जानो और कुछ सुझाव दो क्योंकि आप पढ़े-लिखे हैं। सलमान! समस्या आपकी रुखसाना आपा के बारे में है। उसकी शादी को काफी समय हो गया है और अभी तक उसके कोई बच्चा नहीं हो रहा है। यही समस्या पैदा कर रही है उसके परिवार में और अब तुम्हारे खालू और खाला ने अपने बेटे के लिए दुल्हन की तलाश शुरू कर दी है।
हो सकता है वे या तो आपकी बहनो को तलाक दे देंगे या बस चौथी दुल्हन ले आएंगे। पर औलाद न होने के कारण तुम्हारी आपा और बाकी बहनो की उस घर में इज्जत खत्म हो जायेगी और दोनों ही मामलों में आपकी बहनो का जीवन बर्बाद हो जाएगा । परिवार में तुम्हारी बहनो की स्थिति साधारण घरेलू नौकरानीयो की तरह रह जाएगी, जो केवल भोजन के लिए परिवार के सभी काम करती है और उनका कोई पारिवारिक सम्मान नहीं रहेगा और उनको तुम्हारे कजिन रिजवान का और खाला और खालू का प्यार नहीं मिलेगा और यदि वह उन्हें तलाक दे देंगे, तो भी उनके जीवन बर्बाद हो जाएंगे ।
आप को मालूम ही है हमारे रुढ़िवादी मुस्लिम समाज में तलाकशुदा और बांझ महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है। लोग बस अपनी लड़कियों की शादी बूढ़ों या विधुरों से शादी करके और यहाँ तक कि तलाक देकर भी छुटकारा पाना चाहते हैं। आपकी बहने बांझ कहलाएगी और तलाकशुदा भी होगी, इसलिए उसका दोबारा निकाह भी नहीं हो सकेगा। उन्हें हमेशा के लिए हमारे पास रहना होगा, क्योंकि उनके पास जाने के लिए और कहीं नहीं है और वह तुम्हारे बच्चे और तुम्हे खुश देख कुढ़ती रहेगी और हमारे परिवार में भी दरार आ जायेगी। मैं तुम्हारी बहनो की जिंदगी को लेकर बहुत चिंतित हूँ और नहीं जानती कि क्या करूं? "
ये कह कर अम्मी सिसकने लगीं और रोने लगीं। मुझे अपनी बहनो और अपनी माँ के लिए भी बहुत बुरा लगा। मुझे अपनी खाला पर गुस्सा आ रहा था। मैंने गुस्से भरे लहजे में पूछा, "अम्मीजान! ये तो बहुत ग़लत है। ये कैसे हो सकता है।" ?
कहानी जारी रहेगी
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