Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-08-2017, 10:49 AM,
RE: चूतो का समुंदर
बस एक सवाल फिर से दिमाग़ मे खलबली मचा रहा है...कि मेरे डॅड और कामिनी की कौन सी बात पता चली...

साला अकरम को भी तभी आना था...2 मिनट बाद आता तो सब पता चल जाता...

वेल अब मौका मिलते ही पूछ लूँगा....

ये सब बाते...और कुछ प्लान सोचते-सोचते मैं सो गया....

पूरे सफ़र के दौरान हम सिर्फ़ एक जगह खाने के लिए रुके....वहाँ मैने अपने आदमी को कॉल किया बट उसने कॉल लिया ही नही...

बाद मे उसका कॉल भी आया..बट मैं बस मे था इसलिए नही लिया....क्योकि तभी जूही मेरे साथ थी...

फाइनली हम घर पहुच गये....सीधा अकरम के घर....

वहाँ मैने सबको बाइ बोला और संजू, पूनम के साथ घर के लिए निकल आया....

जब मैं संजू के घर पहुचा तो चोंक कर रह गया...

मुझे देखते ही रजनी आंटी लगभग भागते हुए मेरे सीने से चिपक गई....

मेरे साथ -साथ , वहाँ खड़े सब लोग रजनी आंटी की हरक़त से हैरान थे....

संजू और पूनम शायद यही सोच रहे होंगे कि माँ तो हमारी है और प्यार अंकित के लिए...

अनु, रक्षा, मेघा, विनोद और प्रमोद भी अजीब नज़रों से हमे देख रहे थे...

पर आंटी को किसी की परवाह नही थी...वो तो मुझे कस के अपने सीने से लगाए हुई थी...

रजनी- भगवान का सुक्र है कि तू ठीक है...

मैं- आंटी...क्या हुआ...आप...

रजनी- जबसे मैने सुना कि तुझ पर हमला हुआ...तबसे मैं...

और आंटी की आँखो से आँसू निकलने लगे....

आंटी के सुबकने की आवाज़ से तो मेरा माइंड ही हिल गया...मैं समझ ही नही पा रहा था कि बात क्या है...

आज आंटी के जिस्म की गर्मी कोई सेक्स की फीलिंग नही दे रही थी..बल्कि उनके बदन से प्यार टपक रहा था...

ये प्यार जिस्मानी नही था...ये तो दिल से दिल का रिश्ता था...पर मेरी समझ से परे था....


मैने वहाँ खड़े हर सक्श को देख कर जानने की कोसिस की पर कोई फायडा नही हुआ...

ना ही किसी ने कुछ बोला और ना ही किसी ने कोई इशारा किया....

मैं- आंटी...आख़िर बात क्या है...प्ल्ज़...चुप हो जाइए...

मैने थोड़ी देर तक आंटी को समझाया और फिर उन्हे ले जा कर सोफे पर बैठा दिया...आंटी अभी भी सिसक रही थी...

मैं- अब बोलिए...क्या बात है...

रजनी- बेटा..वो तुम पर हमला हुआ था ना....तुझे किसी ने मारने की कोसिस की...

मैं- हाँ...शायद धोखे से हो गया था...पर मुझे कुछ नही हुआ...मैं ठीक हूँ..

रजनी(मेरा हाथ देखती हुई)- और ये चोट...ये क्या है..

मैं- अरे...ये तो मामूली खरॉच है....बोला ना कि उसने धोखे से मार दिया था...

रजनी- पर बेटा ..

मैं(बीच मे)- बस आंटी...भूल जाइए...कुछ नही हुआ...अब रोना नही...प्ल्ज़्ज़...

फिर मैने आंटी को समझा कर चुप करा दिया और उनसे कॉफी बनाने का बोल कर संजू के रूम मे फ्रेश होने निकल गया....

बाथरूम मे आते ही मैं सोच मे पड़ गया....

मैं(मन मे)- क्या यार...ये आंटी भी ना...समझ मे ही नही आती...

एक तरफ तो मेरे दुश्मनो का हाथ पकड़ रखा है और दूसरी तरफ इतना प्यार....

मुझ पर हमले की खबर सुन कर ये हाल हो गया....अगर मुझे कुछ ज़्यादा चोट लग जाती तो...

क्या ये सही मे परेसान है या फिर ये भी ड्रामा है...

वेल...अब ये पता करने मे ज़्यादा टाइम नही है....जल्दी ही आंटी को अकेले मे घेरता हूँ...फिर सारा सच सामने आ जायगा...

फिर रेडी हो कर हम ने कॉफी पी और मैं घर जाने लगा...

बट रजनी ने मुझे रोक लिया....उन्हे कुछ बात करनी थी...

मैं- हाँ आंटी...क्या बात है अब...

आंटी- वो...तू थोड़ा रेस्ट कर ले...फिर बताती हूँ...बस थोड़ा वेट कर...ओके...

मैने भी आंटी को फोर्स नही किया और उपेर आ गया...

उपेर आते ही मेरे सामने रक्षा आ गई...

रक्षा- क्या भैया...मुझसे नही मिलना क्या...भूल गये मुझे...??

मैं- नही बेटा...कुछ नही भूला...सब याद है..तुम भी और तुम्हारी...

मैने अपनी बात आधी छोड़ दी और रक्षा बुरी तरह शरमा गई...

मैं- हाँ तो...क्या हाल है...

रक्षा- ऐसे नही...आप खुद देख कर बताना...

मैं- पागल...तू भी ना...तेरे क्या हाल है...समझी..

रक्षा- ह्म्म...पर आप भी समझो ना...बहुत बुरा हाल है...

मैं- ओह्ह...कोई नही...मैं आ गया हूँ ना..सब ठीक कर दूँगा...

रक्षा- अभी ...

मैं- नही...अभी नही...सब है यहाँ...वेट कर...जल्दी ही करेंगे...

और फिर मैं संजू के रूम मे आ गया...

थोड़ी देर बाद मुझे आंटी ने नीचे बुलाया ....

मैं- हाँ आंटी ..अब बताइए...फिर मुझे घर जाना है..

आंटी के साथ प्रमोद अंकल भी खड़े थे...मेरी बात सुनकर दोनो एक-दूसरे को देखने लगे...

मैं- बोलिए...क्या हुआ...??

रजनी- बेटा वो...वो तुम्हारे डॅड का ऑफीस...

मैं- हाँ...ऑफीस का क्या...??

रजनी- वो बेटा..एक ऑफीस जल गया...किसी ने आग लगा दी...

मैं- क्या...कैसे...किसने...और क्यो...ये कब हुआ...??

रजनी- नही पता बेटा..बस ये पता है कि कुछ लोग आए और आग लगा गये...

मैं- पर गौर्ड़ क्या कर रहे थे और वहाँ काम करने वाले...

रजनी- उस दिन ऑफीस बंद था...कोई नही था वहाँ...

मैं- ओह माइ गॉड...ये क्या हुआ...आंटी...मैं चलता हूँ...

रजनी- बेटा...मेरी बात तो सुनो...

मैं(घर से निकलते हुए)- बाद मे आंटी...बाद मे आता हूँ...

और आंटी की बात सुने बिना कार से अपने घर की तरफ निकल गया...
Reply


Messages In This Thread
RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-08-2017, 10:49 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,450,944 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,725 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,211,898 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 916,157 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,624,035 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,056,514 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,910,797 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,923,813 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,979,964 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,187 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)