बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:09 AM,
#40
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
अब शिवा ने मालिनी के होंठ का एक हल्के से चुम्बन लिया। मालिनी हँसकर बोली: चलो हो गया आज का कोटा और मेरी रिटर्न गिफ़्ट भी आपको मिल गयी। यह कहकर वह पलटी और उसके बग़ल में लेट गयी। अब शिवा ने उसको अपनी बाहों में भरा और उसको अपने से चिपका लिया। 

फिर दोनों ने ख़ूब सारी बातें की। स्कूल , कॉलेज , दोस्तों और रिश्तेदारों के बारे में भी एक दूसरे से बहुत कुछ शेयर किया। इस बीच में दोनों एक दूसरे के बदन पर हाथ भी फेर रहे थे। शिवा के हाथ उसकी नरम कलाइयों और पीठ पर थे। मालिनी के हाथ शिवा की बाहों की मछलियों पर और उसकी छाती पर थे। 

बातें करते हुए ११ बज गए और मालिनी ने एक उबासी ली। शिवा: नींद आ रही है जानू? 

मालिनी: आ रही है तो क्या सोने दोगे?

शिवा: सोना चाहोगी तो ज़रूर सोने दूँगा। 

मालिनी: और सुबह सब पूछेंगे कि सुहागरत कैसी रही तो क्या बोलेंगे? 

शिवा : कह देंगे मस्त रही और क्या? 

मालिनी: याने कि झूठ बोलेंगे? 

शिवा: इसमें झूठ क्या है। मुझे तो तुमसे बात करके बहुत मज़ा आया। तुम्हारी तुम जानो। 

मालिनी: मुझे भी बहुत अच्छा लगा। फिर वह आँखें मटका कर के बोली: वैसे अभी नींद नहीं आ रही है। आप चाहो तो कल आपको झूठ नहीं बोलना पड़ेगा। 

शिवा हंस पड़ा और उसको अपनी बाहों में भर कर उसके गाल चूम लिया। वह भी अब मज़े के मूड में आ चुकी थी सो उसने भी उसके गाल चूम लिए। अब शिवा उसके गाल, आँखें, और नाक भी चूमा। फिर उसने अपने होंठ उसके होंठ पर रखे और चूमने लगा। जल्दी ही दोनों गरम होने लगे। अब उसने मालिनी की गरदन भी चुमी और नीचे आकर उसके पल्लू को हटाया और ब्लाउस में कसे उसके कबूतरों के बाहर निकले हुए हिस्से को चूमने लगा। 

मालिनी भी मस्ती से उसके गरदन को चूम रही थी। अब उसे अपनी जाँघ पर उसका डंडा गड़ रहा था। उसकी बुर गीली होने लगी और ब्रा के अंदर उसके निपल तन कर खड़े हो गए। वह अब उससे ज़ोर से चिपकने लगी। अब शिवा बोला: जानू, ब्लाउस उतार दूँ। 

मालिनी हँसकर: अगर नहीं कहूँगी तो नहीं उतारेंगे? 

शिवा हँसते हुए उसके ब्लाउस का हुक खोला। और अब ब्रा में कसे हुए दूध उसके सामने थे । वह उनको चूमता चला गया। उधर मालिनी उसकी क़मीज़ के बटन खोल रही थी। अब उसके हाथ उसकी बालों से भारी मर्दानी छाती को सहला रहे थे। शिवा उठा और अपनी क़मीज़ उतार दिया। फिर वह उसकी साड़ी को पेट के पास से ढीला किया और मालिनी ने अपनी कमर उठाकर उसको साड़ी निकालने में मदद की। अब वह सिर्फ़ पेटिकोट और ब्रा में थी। उसका दूधिया गोरा जवान बदन हल्की रौशनी में चमक रहा था। अब शिवा उसके पेट को चूमने हुए उसकी कमर तक आया और फिर उसने उसके पेटिकोट का भी नाड़ा खोल दिया।अब फिर से मालिनी ने अपनी कमर उठाई और पेटिकोट भी उतर गया। अब मालिनी की गोरी गदराई हुई मस्त गोल भरी हुई जाँघें उसकी आँखों के सामने थे। उफ़ क्या चिकनी जाँघें थीं। उनके बीच में पतली सी गुलाबी पैंटी जैसे ग़ज़ब ढा रही थी। पैंटी में से उसकी फूली हुई बुर बहुत मस्त नज़र आ रही थी। अब शिवा बिस्तर से उठकर नीचे आया और अपनी पैंट भी उतार दिया। चड्डी में उसका फूला हुआ लौड़ा बहुत ही बड़ा और एक तरफ़ को डंडे की तरह अकड़ा हुआ दिख रहा था। मालिनी अब उसे देखकर डर भी गयी थी और उत्तेजित भी हो रही थी। 

शिवा अब फिर से उसके ऊपर आया और उसके होंठ चूमने लगा। तभी उसे याद आया कि अशोक कैसे पिंकी के मुँह में अपनी जीभ डाल रहा था। उसने भी अपनी जीभ मालिनी के मुँह में डाली और मालिनी को भी अपनी मम्मी की याद आयी कि कैसे वो ताऊजी की जीभ चूस रही थीं। वह भी वैसे ही शिवा की जीभ चूसने लगी। अब शिवा ने अपना मुँह खोला। मालिनी समझ गई कि वह उसकी जीभ माँग रहा है। उसने थोड़ा सा झिझकते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी और शिवा उसकी जीभ चूसने लगा। उफफफफ क्या फ़ीलिंग़स थी। मालिनी पूरी गीली हो चुकी थी। 

अब शिवा ने उसकी ब्रा खोलने की कोशिश की, पर खोल नहीं पाया। वह बोला: ये कैसे खुलता है? मुझसे तो खुल ही नहीं रहा है। 

मालिनी मुस्कुराती हुई बोली: सीख जाएँगे आप जल्दी ही। चलिए मैं खोल देती हूँ। फिर वह अपना हाथ पीछे लेज़ाकर ब्रा खोली और लेट गयी। अभी भी ब्रा उसकी छातियों पर ही थीं। शिवा बे ब्रा हटाया और उसकी चूचियों की सुंदरता देखकर जैसे मुग्ध सा रह गया। आऽऽऽहहह क्या चूचियाँ थीं। बिलकुल बड़े अनारों की तरह सख़्त और नरम भी। निपल्ज़ एकदम तने हुए। एकदम गोरे बड़े बड़े तने हुए दूध उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़। 

शिवा उनको पंजों में दबाकर बोला: उफफफफ जानू क्या मस्त चूचियाँ हैं। आऽऽऽह क्या बड़ी बड़ी हैं। 

मालिनी हँसकर बोली: आऽऽऽह बस आपके लिए ही इतने दिन सम्भाल के रखे हैं और इतने बड़े किए हैं। 

शिवा मुस्कुराकर: थैंक्स जानू, आह क्या मस्त चूचियाँ हैं। मज़ा आ रहा है दबाने में। अब चूसने का मन कर रहा है। 

मालिनी: आऽऽऽह चूसिए ना , आपका माल है, जो करना है करिए। हाऽऽय्यय मस्त लग रहा है जी। 

अब शिवा एक चूची दबा रहा था और एक मुँह में लेकर चूस रहा था। मालिनी अब खुलकर आऽऽह चिल्ला रही थी।
शिवा भी मस्ती से बारी बारी से चूचि चूसे जा रहा था। अब वो अपना लौड़ा चड्डी के ऊपर से उसकी जाँघ से रगड़ रहा था। मालिनी के हाथ उसकी पीठ पर थे। अब शिवा उसके पेट को चूमते हुए उसकी गहरी नाभि में जीभ घुमाने लगा। फिर नीचे जाकर उसकी पैंटी को धीरे से नीचे खिसकाने लगा। मालिनी की चिकनी फूली हुई बुर उसके सामने थी और अब मालिनी ने भी अपनी कमर उठाकर शिवा को पैंटी निकालने में सहायता की। शिवा बुर को पास से देखते हुए वहाँ हथेली रखकर सहलाने लगा। बुर पनियायी हुई थी। यह उसकी ज़िन्दगी की पहली बुर थी जिसे वो सहला रहा था। 

शिवा ने उसकी फाँकों को अलग किया और अंदर की गुलाबी बुर देखकर मस्त हो गया और बोला : आऽऽह क्या मस्त बुर है जानू तुम्हारी। फिर वह झुककर एक पप्पी ले लिया उसके बुर की। मालिनी सिहर उठी।वह नीचे झुक कर शिवा को देखी जो उसकी बुर को चूम रहा था। अब शिवा ने उसकी बुर में ऊँगली डाली और मालिनी का पूरा बदन सिहर उठा। वह उइइइइइइ कर उठी। अब शिवा उठा और अपनी चड्डी भी उतारकर अपना लौड़ा सहलाया। मालिनी की आँखें उसको देखकर फट सी गयीं थीं। बाप रे कितना मोटा और लम्बा है -वो सोची। अब शिवा ने उसका हाथ पकड़ा और अपना लौड़ा उसके हाथ में दे दिया। मालिनी चुपचाप उसको पकड़कर सहलाने लगी। उफफफ कितना गरम और कड़ा था वो- उसने सोचा। मालिनी ने अपनी ज़िन्दगी में पहली बार लौड़ा पकड़ा था। उसे बहुत अच्छा लगा। शिवा भी अब उसे लिटा कर उसकी जाँघें फैलाकर उनके बीच में आकर बैठा और अपना लौड़ा उसकी बुर में दबाने लगा। वह उइइइइइइ माँआऽऽऽ कह उठी। वह लौड़े को हाथ में लेकर उसकी बुर के ऊपर रगड़ने लगा। वह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कर उठी। अब शिवा ने उसकी फाँकों को फैलाया और उसने अपना मोटा सुपाड़ा फंसा दिया और अब हल्के से एक धक्का मारा। लौड़ा उसकी बुर की झिल्ली फाड़ता हुआ अंदर धँस गया। 

मालिनी चीख़ उठी: हाय्य्य्य्य मरीइइइइइइइ। 

शिवा ने फिर से धक्का मारा और अबके आधे से भी ज़्यादा लौड़ा अंदर चला गया। अब मालिनी चिल्लाई: हाऽऽऽऽऽय निकाआऽऽऽऽऽऽलो प्लीज़ निकाऽऽऽऽऽऽलो। 

शिवा उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा और उसकी चूचियाँ भी दबाने लगा। अभी वो रुका हुआ था और उसका थोड़ा सा ही लौड़ा बाहर था बाक़ी अंदर जा चुका था। जब मालिनी थोड़ा शांत हुई और मज़े में आने लगी। तब शिवा ने आख़री धक्के से अपना पूरा लौड़ा पेल दिया। मालिनी फिर से चिहूंक उठी: उइइइइइइइइ आऽऽहहह। 
शिवा अब हल्के हल्के धक्के मारने लगा जैसा उसने अशोक को करते हुए देखा था पिंकी के साथ। जल्दी ही मालिनी भी मस्ती में आ गयी और उन्न्न्न्न्न्न्न उन्न्न्न्न करके अपनी ख़ुशी का इजहार करने लगी। शिवा अभी भी उसके निपल और दूध को प्यार किए जा रहा था।

अब मालिनी भी अपनी टाँगे उठाकर शिवा के चूतरों के ऊपर रख दी और पूरे मज़े से चुदाई का आनंद लेने लगी। क़रीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मालिनी चिल्लाई: उइइइइइइइ मैं तोओओओओओओओओ गयीइइइइइइइइइ। अब शिवा भी ह्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। दोनों अब भी एक दूसरे से चिपके हुए थे। शिवा अभी भी मालिनी को चूमे जा रहा था। वह भी उसके चुम्बन का बराबरी से जवाब दे रही थी। फिर मालिनी उठी और अपनी बुर को ध्यान से देखकर बोली: देखिए फाड़ ही दी आपने मेरी। 

शिवा उठकर उसकी बुर का मुआयना किया और बोला: मेरी जान, थोड़ा सा ही ख़ून निकला है। अभी ठीक हो जाएगा। चलो बाथरूम में ,में साफ़ कर देता हूँ। 

मालिनी: वाह पहले फाड़ेंगे, फिर इलाज करेंगे। मैं ख़ुद साफ़ कर लूँगी। यह कह कर वो बाथरूम गयी और सफ़ाई करके वापस आ गयी। फिर शिवा भी फ़्रेश होकर आया और मालिनी ने उसके लटके हुए लौड़े को पकड़कर कहा: बाप रे कितना बड़ा है। पूरी फाड़ दी इसने तो मेरी। 

शिवा: बेचारे ने तुम्हारी इतनी सेवा की और तुम इसे प्यार ही नहीं कर रही हो। 

मालिनी को याद आया कि उसकी मम्मी कैसे ताऊजी का लौड़ा चूस रही थीं। वो शिवा के लौड़े को देखी और झुककर उसकी एक पप्पी ले ली। फिर उसने उसके सुपाडे को भी चूम लिया। शिवा का पूरा बदन जैसे सिहर उठा। आह क्या मस्त लगा था। उसे दीदी की कही हुई बात याद आ गयी कि ओरल सेक्स तो लड़का और लड़की की मर्ज़ी पर निर्भर करता है। यहाँ तो लगता है कि इसमें कोई दिक़्क़त नहीं होगी। थोड़ी देर आराम करने के बाद वो दोनों एक दूसरे से नंगे ही चिपके रहे। मालिनी ने शर्म के मारे चद्दर ढाक ली थी। शिवा के हाथ अब उसके चूतरों पर फिर रहे थे। 
वह बोला: आह कितने मस्त चिकने चूतर हैं तुम्हारे? दबाने में बहुत मज़ा आ रहा है। 

मालिनी: आप उनको दबा रहे हो या आटा गूंद रहे हो? वो हँसने लगी। 

शिवा: आह कितने बड़े हैं और मस्त चिकने हैं। उसकी उँगलियाँ अब चूतरों के दरार में जाने लगीं। अब शिवा उसकी गाँड़ और बुर के छेद को सहलाए जा रहा था। वह भी आऽऽहहह कहे जा रही थी । अब वह भी उसका लौड़ा सहलाने लगी। उसका लौड़ा उसके हाथ में बड़ा ही हुए जा रहा था। अब वह अपने अंगूठे से उसके चिकने सुपाडे को सहला कर मस्ती से भर उठी। शिवा का मुँह अब उसकी चूचियों को चूसने में व्यस्त थे। शीघ्र ही वह फिर से उसके ऊपर आकर उसके बुर में अपना लौड़ा डालकर उसकी चुदाई करने लगा। अब मालिनी की भी शर्म थोड़ी सी कम हो गयी थी। वह भी अब मज़े से उउउउउम्मम उम्म्म्म्म्म करके चुदवाने लगी। 

शिवा: जानू, फ़िल्मों में लड़कियाँ अपनी कमर उठाकर चुदवाती है। तुम भी नीचे से उठाकर धक्का मारो ना। 

मालिनी मस्त होकर अपनी गाँड़ उचकाइ और बोली: ऐसे?

शिवा: हाँ जानू ऐसे ही। लगातार उछालो ना। 

मालिनी ने अब अपनी कमर उछाल कर चुदवाना शुरू किया। शिवा: मज़ा आ रहा है जानू? 

मालिनी: हाँ जी बहुत मज़ा आ रहा है। और ज़ोर से करिए। 

शिवा: क्या करूँ? बोलो ना? 

मालिनी हँसकर: वही जो कर रहे हो। 

शिवा: बोलो ना ज़ोर से चोदो। 

मालिनी: मुझसे गंदी बात क्यों बुलवा रहे हैं आप? 

शिवा: इसमें गंदा क्या है? चुदाई को चुदाई ही तो कहेंगे ना? 

मालिनी: ठीक है आप चाहते हो तो यही सही। अब वह अपनी गाँड़ और ज़ोर से उछालके चुदवाने लगी और बड़बड़ाने लगी: आऽऽऽऽऽहहह और ज़ोर से चोदिए ।हाय्य्य्य्य्य कितना अच्छा लग रहा है उइओइइइइइइइ माँआऽऽऽऽ । अब वह ज़ोर ज़ोर से बड़बड़ाने लगी: उम्म्म्म्म्म्म मैं गईइइइइइइइ। अब शिवा भी ह्न्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। 

जब दोनों फ़्रेश होकर लेटे थे तब शिवा बोला: जानू तुम्हें प्रेगनैन्सी का तो डर नहीं है? वरना पिल्ज़ वगेरह लेना पड़ेगा। 

मालिनी: मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं , भगवान अगर देंगे तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी। आपका क्या ख़याल है? 

शिवा: जानू जो तुमको पसंद है वो मुझे भी पसंद है। फिर वह उसे चूम लिया। 

मालिनी: अब मैं कपड़े पहन लूँ? नींद आ रही है। 

शिवा: एक राउंड और नहीं करोगी? 

मालिनी: जी नीचे बहुत दुःख रहा है। आज अब रहने दीजिए। 

शिवा: मैं दवाई लगा दूँ वहाँ नीचे। वैसे उस जगह को बुर बोलते हैं। और इसे लौड़ा कहते हैं। उसने अपना लौड़ा दिखाकर कहा। 

मालिनी: आपका ये बहुत बड़ा है ना, इसीलिए इतना दुखा है मुझे। चलिए अभी सो जाते हैं। 

दिर दोनों ने कपड़े पहने और एक दूसरे को किस करके सो गए।
[url=http://rajsharmastories.com/viewtopic.php?f=12&t=7668#top][/url]
Reply


Messages In This Thread
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:09 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,434,131 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 536,796 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,205,058 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 910,995 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,614,990 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,048,658 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,896,963 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,879,011 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,963,349 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 278,644 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)