बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:12 AM,
#57
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
मालिनी एक पल के लिए हड़बड़ा गयी। तभी राजीव के फ़ोन की घंटी बजी। फ़ोन श्याम ने किया था। वह मन ही मन मुस्कुराया क्योंकि ये फ़ोन उसकी योजना के अनुसार ही आया था। वह मोबाइल मालिनी को दिखाकर बोला: तुम्हारे ताऊजी का फ़ोन है। 

मालिनी थोड़ी परेशान होकर बोली: ओह, भगवान करे वहाँ सब ठीक हो। ताऊजी ने आपको क्यों फ़ोन किया है? 

राजीव फ़ोन को स्पीकर मोड में रखा और बोला: लो तुम भी सुन लो , जो भी बात होगी। 

मालिनी ध्यान से सुनने लगी। 

श्याम:नमस्कार भाई साब कैसे हैं ? 

राजीव: सब बढ़िया है आप सुनाओ। 

श्याम: अरे भाई साब , मैंने फ़ोन स्पीकर मोड में रखा है और साथ ही सरला भी है। 

सरला: नमस्ते भाई साब , आप कैसे हैं? 

राजीव ने मालिनी को आँख मारी और चुप रहने का इशारा किया और बोला: अरे जान, आज बहुत दिन बाद हमारी याद आइ। हम तो धन्य हो गए। 

सरला: हमारी रानी बेटी कैसी है? ख़ुश तो है ना? 

राजीव मालिनी को आँख मारते हुए: अरे बहुत ख़ुश है और बहुत मस्त हो गयी है। उसका बदन मस्त ग़दरा गया है। देखते ही बनती है। 

सरला: छी अपनी बहू के बारे में कुछ भी बोलते हो। कहीं उस पर भी बुरी नज़र तो नहीं डाल रहे हो? 

मालिनी अपनी माँ की इस बात से बुरी तरह से चौकी। पर राजीव को मानो कुछ फ़र्क़ ही नहीं पड़ा और वह बोला: अरे नहीं नहीं, वो तो मेरी प्यारी बेटी है। उसपर कैसे बुरी नज़र डालूँगा। ये कहते हुए उसने मालिनी की एक जाँघ दबा दी। 

मालिनी ने उसका हाथ वहाँ से हटा दिया। 

श्याम: अच्छा हम दोनों कल आपके घर आने का प्रोग्राम बना रहे हैं। सरला का बहुत मन है मालिनी से मिलने का। 

राजीव: सिर्फ़ उसी से मिलने का? और मुझसे मिलने का मन नहीं है? 

सरला: अरे आपसे भी मिलने का मन है। असल में मैं श्याम जी से बोली हूँ कि हम कल शाम को आएँगे और बेटी और दामाद से मिल लेंगे, फिर रात में रुक जाते हैं। आप कोई ना कोई जुगाड़ तो बना ही लोगे रात में मज़ा करने का। ठीक बोली ना मैं? 

मालिनी का चेहरा सफ़ेद पड़ गया और वह वहाँ से जाने के लिए उठने लगी। पर राजीव ने उसके हाथ को पकड़कर उसे ज़बरदस्ती वहाँ बिठा दिया और उसके हाथ को पकड़े ही रखा।

राजीव: अरे क्यों नहीं मेरी जान, रात को तो चुदाई का मस्त जुगाड़ हो जाएगा। शिवा और बहु भी रात को १० बजे अपने कमरे में जाकर चुदाई में लग जाते हैं। हम तीनों भी मस्त चुदाई करेंगे रात भर। 

सरला: छी अपने बेटे और बहु के बारे में ऐसी बात क्यों कर रहे हो। क्या उनको देखते रहते हो कि वो कमरे में क्या कर रहे हैं। 

राजीव: अरे जवान जोड़ा अपने कमरे में और क्या करेगा। ये कहते हुए वह मालिनी को देखा और हंस दिया। अभी भी वो उसकी बाँह पकड़ा हुआ था और उसे सहला रहा था। मालिनी भी चुपचाप मजबूरी में अपनी माँ , ताऊजी और राजीव की बातें सुन रही थी। पर उसे एक अजीब सी उत्तेजना होने लगी थी और उसके निपल्ज़ कड़े हो गए थे ब्रा के अंदर।

श्याम: चलो फिर पक्का हुआ ना कल शाम को हम आ रहे हैं। 

राजीव: पक्का हुआ और मेरी जान कल कुछ सेक्सी पहनना । 

सरला: अरे मैं बेटी और दामाद के घर सेक्सी कपड़े पहन कर आऊँगी क्या? 

राजीव: अरे उनके सामने तो साड़ी ही पहन कर आना, पर रात को एक मस्त सेक्सी नायटी में अपना मस्त बदन दिखाना। और हाँ घर से पैंटी पहन कर मत आना। 

श्याम: अरे भाई , अब इसने पैंटी पहनना बंद कर दिया है। मैंने आपकी इच्छा के मुताबिक़ इसकी पैंटी छुड़वा दी है। हा हा।

मालिनी सोचने लगी कि कितना खुलके ये सब गंदी बातें कर रहे है और अचानक ही उसे अपनी बुर गीली होती हुई महसूस हुई। उसे अपने आप पर खीज हुई कि वो इन बातों से गरम कैसे हो रही है!! छि ।

सरला: और अब ये जब चाहे साड़ी उठाकर सीधे टार्गट तक पहुँच जाते हैं। कहते हुए वह हँसने लगी और दोनों मर्द भी हंस पड़े। 

श्याम: फिर भाई साब फ़ोन रखूँ? 

राजीव: अरे यार इतनी जल्दी क्या है, इतने दिनों बाद तो फ़ोन किया है। आप दोनों लास्ट कब चुदाई किए? 

सरला: अरे भाई साब , आजकल तो इनको रोज़ चाहिए। कल भी किए थे। आपने इनको बिगाड़ दिया है। 

राजीव: हा हा अरे इसमें श्याम की कोई ग़लती नहीं है। तुम हो ही इतनी क़ातिल चीज़ जो देखकर ही लौड़ा हिलने लगता है। मेरा भी खड़ा हो गया है, तुमसे बात करके ही। 

यह कहते हुए राजीव ने हद कर दी। उसने अपनी लूँगी एक साइड में की और चड्डी तो वो पहनता ही नहीं है घर में, इसलिए उसका लम्बा मोटा साँवला सा लौड़ा बाहर आ गया और वो उसे बेशर्मी से सहलाने लगा। मालिनी को बहुत ज़बरदस्त शॉक लगा और वह भौंचाक्की सी उसके लौड़े को देखती रह गयी। उसका साइज़ भी शिवा जैसा ही था और सुपाड़ा शिवा से भी ज़्यादा ही बहुत मोटा था। राजीव ने उसको अपने लौड़े को एकटक देखते हुए पाया और फ़ोन के स्पीकर पर हाथ रख के बोला: बहु पसंद आया हमारा? शिवा का भी ऐसा ही होगा। हमारा बेटा जो है। सही कहा ना?

मालिनी की तो जैसे साँस ही रुक गयी। पर उसकी बुर अब पानी छोड़ने लगी।

तभी सरला बोली: क्या हुआ भाई साब हिला रहे हैं क्या? जो अपनी आवाज़ आनी बंद हो गयी। और सरला और श्याम के हँसने की आवाज़ आने लगी। 

मालिनी के कान में माँ की अश्लील बातें गूँज रही थी।और आँखों के सामने ससुर का नंगा लौड़ा था जिसे वो हिला रहे थे। उसकी तो जैसे बोलती ही बंद हो गयी थी। 

राजीव अपना लौड़ा हिलाते हुए बोला: अरे हिलाते हुए भी तो बात कर सकता हूँ। मेरे मुँह में कौन से तुम्हारी चूचि घुसी हुई है जो बात नहीं कर पाउँगा। हा हा ।

सरला: कल आऊँगी तो कल वो भी आपके मुँह में घुसेड़ दूँगी।फिर देखती हूँ आपकी बोलती कैसे बन्द नहीं होती। 

राजीव: सच जान, बहुत दिन हो गए तुम्हारी चूचि चूसे हुए। कल तो रात भर चूसूँगा। 

सरला हँसते हुए: रात को मुँह में लेकर सो जाईएगा। 

मालिनी की हालत अब ख़राब होने लगी थी।उसकी माँ ने इतनी अश्लील बातें करके उसे दुखी कर दिया था।

श्याम: कल रात तो मैं भी मुँह में लेकर सो गया था। हा हा ।

सरला: अरे तो क्या हुआ, मेरे पास दो दो हैं, एक एक आप दोनों मुँह में लेकर सो जाईएगा। 

मालिनी अपनी माँ की इतनी अश्लील बातों से एकदम सन्न रह गयी थी और ऊपर से पापा जी अपना लौड़ा हिलाए जा रहे थे। राजीव ये सोचकर कि वो बहु की माँ से अश्लील बातें कर रहा है और बहु उसे सुन भी रही है और उसके लौड़े को भी देख रही है , वह बहुत उत्तेजित हो गया। फिर अचानक वह आऽऽऽऽहहह कहकर झड़ने लगा। उसका पानी दूर तक ज़मीन में गिरे जा रहा था और वह ह्म्म्म्म्म्म आऽऽऽऽह कहकर मज़े से मालिनी को देख रहा था, जिसकी आँखें उसके लौड़े और उसमें से गिर रहे सफ़ेद गाढ़े वीर्य पर थीं। 

राजीव ने फ़ोन पर हाँफते हुए कहा: आऽऽऽह मैं झड़ गया। अच्छा अब रखता हूँ। 

सरला की भी हाऽऽय्यय की आवाज़ें आ रही थीं। वह बोली: ठीक है ये भी गरम हो गए हैं, मेरी साड़ी उठाकर अपना डालने जा रहे हैं। आऽऽऽऽऽह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ । रखती हूँ बाअअअअअअअइइइइ । 

मालिनी समझ गयी कि ताऊजी ने माँ को चोदना शुरू कर दिया है। अब तक राजीव भी अपनी पीठ टिकाकर सोफ़े पर झड़ा हुआ बैठा था। उसका लम्बा मोटा लौड़ा अभी भी आधा खड़ा हुआ था। अब उसने उसका हाथ छोड़ दिया था। मालिनी उठी और उसने महसूस किया कि उसके पैर काँप रहे हैं। वह ज़मीन पर गिरे हुए वीर्य से अपने पैरों को बचाते हुए अपने कमरे में पहुँची और बिस्तर पर गिर गयी। उसकी बुर पूरी गीली हो चुकी थी। उसने साड़ी और पेटिकोट उठाया और पैंटी में दो उँगलियाँ डालकर अपनी बुर को रगड़ने लगी। बुर के दाने को भी वो मसल देती थी ।बार बार उसकी आँखों के सामने पापा का लौड़ा आ जाता था। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कितने बड़े बॉल्ज़ थे पापा के। आऽऽह्ह्ह्ह्ह ।और क़रीब १० मिनट में वो बहुत ज़ोर से ऊँगली चलाते हुए झड़ने लगी। 

थोड़ी देर बाद वह फ़्रेश होकर बाहर आइ और देखा कि राजीव वहाँ नहीं है। वह भी अपने कमरे में जा चुका था। उसकी नज़र ज़मीन पर पड़े हुए सूखे हुए वीर्य पर पड़ी। वह नहीं चाहती थी की नौकरानी उसे देखे , इसलिए वो एक पोछा लायी और ज़मीन पर बैठकर उसे साफ़ करने लगी। अचानक पता नहीं उसके मन में क्या आया कि उसने एक धब्बे को अपनी एक ऊँगली से पोंछा और उसे नाक के पास लाकर सूँघने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त मादक ख़ुशबू थी। उसकी बुर फिर से गीली होने लगी। तभी उसे ख़याल आया कि वह ये क्या कर रही है, वो अपने आप से शर्मिंदा होने लगी और सफ़ाई करके अच्छी तरह से हाथ धोकर वापस खाना लगाने लगी। फिर उसने राजीव को आवाज़ लगाई: पापा जी खाना लगा दिया है। आ जाइए। 

राजीव के कमरे का दरवाज़ा खुला और वह बाहर आया।

राजीव और मालिनी चुपचाप खाना खा रहे थे। राजीव ने ख़ामोशी तोड़ी और बोला: तुमने देखा कि आदमी और औरत के बीच में सेक्स का रिश्ता ही सबसे बड़ा रिश्ता है। तुम्हारी मॉ मेरी समधन है पर उससे बड़ा रिश्ता है हमारे बीच सेक्स के रिश्ते का। वैसे ही तुम्हारे ताऊ जी सरला के जेठ हैं पर उनके बीच भी चुदाई का ही रिश्ता सबसे बड़ा है। इसी तरह हम दोनों में भी ससुर बहु का रिश्ता है पर मैं चाहता हूँ की हमारे बीच भी मर्द और औरत का यानी चुदाई का रिश्ता भी हो जाए। बस इतनी सी बात है बहु रानी। 

मालिनी: पापा जी, मैं नहीं जानती कि सच क्या है और क्या ग़लत , पर सच में मम्मी ने मुझे बहुत ठेस पहुँचाई है। मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि वह इस तरह का व्यवहार या बातें कर सकती हैं। और ताऊजी भी ऐसे कर सकते हैं। 

राजीव: बहु , जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे सेक्स की इच्छा भी बढ़ती है। यही हाल हम तीनों का है। अब कल हम दोनों तुम्हारी मम्मी को बहुत मज़ा देंगे। और वह भी हमें बहुत मज़ा देगी। इसी का नाम जीवन है बहु रानी। अब वह सोफ़े पर आकर बैठ गया। मालिनी टेबल से बर्तन हटा रही थी। जैसे ही वह उसके सामने से गुज़री , राजीव ने उसके हाथ को पकड़ा और बोला: जानती हो तुम्हारा सबसे सेक्सी अंग क्या है? 

मालिनी चुपचाप खड़ी रही और उसकी ओर देखती रही। वह उसके मस्त चूतरों पर हाथ फेरकर बोला: ये है तुम्हारे बदन का सबसे हॉट हिस्सा। पर बहु तुम भी अपनी मम्मी की तरह पैंटी पहनना बन्द कर दो। तभी इसको छूने से मस्त माँस का अहसास होगा। यह कहके उसने एक बार फिर से उसके चूतरों को दबाया और फिर उसे जाने दिया। 
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:12 AM

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