बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:17 AM,
#84
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
राजीव अब उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसके गाँड़ के छेद को सहला कर मज़े से बोला: उफफफ बेटी क्या मस्त गाँड़ है । अब इस कुँवारी गाँड़ का उद्घाटन करना ही पड़ेगा। वह उसमें एक ऊँगली डालते हुए बोला। 

मालिनी: उफफफ पापा जलन हो रही है ना। निकालिए बाहर, सूखे ही डाल रहे हो आप तो। 

राजीव हँसकर अपनी एक ऊँगली में थूक लगाया और फिर उसने उसकी गाँड़ में डाला और वो उफफफ कर उठी। 

राजीव ऊँगली अंदर बाहर करते हुए बोला: अभी मत बताओ शिवा को। रिपोर्ट आ जाएगी तब देखेंगे। 

मालिनी: आऽऽऽऽऽह पापा ठीक है अभी नहीं बताऊँगी। परसों का प्लान कर लो आप डॉक्टर का। आऽऽऽहव अब बस करो अब फिर से जलन हो रही है। निकाऽऽऽऽऽऽऽलो प्लीज़। 

राजीव ने अपनी ऊँगली निकाली और फिर उसको दिखाकर सूँघने लगा और बोला: आऽऽह बेटा क्या मस्त गंध है। 

मालिनी हँसती हुई उसकी छाती में एक मुक्का मारकर बोली: छी गंदे पापा। फिर वह उठकर अपनी नायटी नीचे की और बोली: चलिए अब नाश्ता बनाती हूँ। देखती हूँ कि शिवा का क्या प्रोग्राम है। फिर वह झुक कर उनसे होंठ चुमी और बाहर चली गयी।
वह जब अपने कमरे में जा रही थी तो उसकी गाँड़ में थोड़ी सी जलन हुई। वो सोची कि पापा की ऊँगली से जलन हो रही है तो जब उनका मोटा मूसल अंदर जाएगा तो मेरा क्या हाल होगा। फिर कमरे में पहुँची तो देखा कि शिवा बाथरूम में था और पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी। तभी शिवा पूरा नंगा बाहर आया और तौलिए से मुँह पोंछ रहा था। मालिनी को देखकर वह बोला: वाह जान कहाँ थी? 

मालिनी थोड़ी सी हड़बड़ा कर बोली: वो वो किचन में थी। आपके लिए चाय लाती हूँ। तभी शिवा ने उसको जकड़ लिया और बोला: अरे चाय के पहले शहद तो पिला दो । वो अब उसके होंठ चूसने लगा। मालिनी भी उससे लिपट कर होंठ चूसने लगी । मालिनी ने महसूस किया कि उसका लौड़ा खड़ा होने लगा है। अब वह हाथ बढ़ा के उसके लौड़े को सहला दी। शिवा उसकी क़मर सहला कर बोला: उफफफ क्या माल हो जान। क्या रेड सिग्नल करके बैठी हो बहुत मन कर रहा है चोदने को।

मालिनी: बस करिए ना । अब चाय पीजिए फिर तय्यार होकर मम्मी के घर भी जाना है ना। 

शिवा: हाँ वो तो जाना है पर थोड़ा इसको शांत कर दो ना। 

मालिनी: रात को चूसा था ना। अब फिर रात को चुसवा लेना। 
मालिनी सोची कि अभी तो पापा का चूसीं हूँ। अब इनका भी चूसूँ क्या। उसके हाथ में अभी भी उसका लौड़ा था जो कि तना हुआ था। 

शिवा: जान एक बार और चूस दो ना, जैसे रात को चूसा था। 

मालिनी: आप ज़िद करोगे तो चूस लूँगी। पर ज़्यादा मज़ा आएगा जब रात को आराम से चूसूँगी। 

शिवा: ऐसा? चलो ठीक है रात को ही चूस लेना। जाओ अब चाय लाओ। तब तक मैं लूँगी पहनकर बाहर आता हूँ। 

मालिनी झुकी और उसके लौड़े का एक चुम्बन ली। फिर वह बाहर चली गयी। 

चाय और नाश्ता करके शिवा और मालिनी एक छोटा सा बैग लेकर बाहर जाने को तय्यार हुए। 

शिवा: मैं पापा को बोल देता हूँ कि हम निकल रहे हैं। यह कहकर वो आवाज़ लगाया: पापा हम जा रहे हैं। 

राजीव बाहर आया और बोला: अच्छा बेटा ध्यान से जाना। फिर मालिनी से बोला: वाह बेटा आज साड़ी में बहुत प्यारी लग रही हो। शिवा इसका ख़याल रखना । 

शिवा: ज़रूर पापा जी। अब चलो देर हो रही है। 

दोनों बाहर आए और कार में बैग रखा और अचानक मालिनी बोली: मैं अभी आइ। मैं अपना धूप का चश्मा लेकर आती हूँ। आपको भी चाहिए क्या? 

शिवा: हाँ मेरा भी लेते आना। तब तक मैं कार पोंछ लेता हूँ। 

मालिनी अंदर आइ और अपने कमरे में जाकर अपना और शिवा का चश्मा ले लिया और जब बाहर आइ तो पापा खड़े थे और उसको बड़े प्यार से देख रहे थे। वो बोला: बेटा मुझसे प्यार करने और बाई करने आइ हो ना? चश्मा तो एक बहाना था ना? 

मालिनी आइ और उससे लिपट गई और बोली: हाँ पापा सच में आपको बाई करने ही आयी हूँ। फिर दोनों के होंठ चिपक गए। राजीव के हाथ उसकी नंगी कमर पर चलने लगे थे। फिर वह उसके चूतरों को दबाकर मस्त होकर बोला: बेटी सच में तुमसे दिन भर अलग रहने की कल्पना से ही ख़राब लग रहा है। 

मालिनी: पापा मैं भी आपसे अलग नहीं होना चाहती । कोशिश करूँगी कि शाम तक वापस आ जाऊँ। 

राजीव: ठीक है बेटा , जाओ पर पहुँच कर फ़ोन करना फिर वह उसको छोड़ा और वो जब दरवाज़े तक पहुँची तो राजीव बोला: बेटी एक बार दिखा दो ना? 

मालिनी दरवाज़े तक पहुँच चुकी थी। वो मुड़ी और बोली: पापा क्या दिखाऊँ? 

राजीव: बेटा अपनी साड़ी उठा कर एक बार दिखा दो ना? प्लीज़। तुम्हारी छवि मेरी आँखों में बस जाएगी। 

मालिनी हँसकर: पापा आपने कई बार तो देखी है। और वैसे भी आज पैंटी और उसमें पैड भी लगा है। क्या दिखेगा?

राजीव: अरे बेटा, तुमको पैंटी में भी देखकर बड़ा सुख मिलेगा।

मालिनी हँसी और बोली: ठीक है पापा जैसी आपकी मर्ज़ी। यह कहकर वो झुकी और अपनी साड़ी को पेटिकोट के साथ ऊपर उठा दी। राजीव की आँखें उसकी मस्त जाँघें और बीच में सुंदर सी गुलाबी पैंटी देख कर मस्त हो गया।

वह बोला: आऽऽऽऽऽह बेटा बहुत मादक है तुम्हारा बदन। अब घूम जाओ और पिछवाड़ा भी दिखा दो। 

मालिनी पीछे को घूम गयी और अब उसके मस्त गोल गोल चूतर उसकी आँखों को मदमस्त कर रहे थे। पैंटी उसकी गाँड़ की दरार में फँसी हुई थी। फिर वो बोली: पापा बस अब जाऊँ? 

राजीव: आऽऽह क्या माल हो बेटा तुम? कब चुदवाओगी ? ठीक है जाओ। बाई। 

उसने साड़ी नीचे की और उसे ठीक किया और मुड़कर बोली: पापा बाई। और हँसते हुए भाग गयी। वो बाहर आकर कार में बैठी और दोनों शिवा की ससुराल के लिए निकल पड़े ।

उधर सरला को भी रात भर ठीक से नींद नहीं आइ। वो अच्छे और बुरे के संशय में परेशान थी। क्या वो शिवा के साथ ये सब करके अन्याय नहीं कर रही थी। वो सुबह के काम से निपट कर नहाने गयी। उसने अपने कपड़े उतारे और ख़ुद को पूरी नंगी शीशे में देखकर सोची कि अभी भी मुझसे दम है किसी भी मर्द को अपने बस में करने का। उसने नीचे देखा और वहाँ अपनी बुर के आसपास की झाटों को देखकर सोची कि पता नहीं शिवा को ये बाल पसंद आएँगे या नहीं। उसने वीट लगाया और अपनी बुर के आसपास के बालों को रुई से साफ़ किया। सफ़ाई करते हुए उसे याद आया कि कैसे उसके पति कभी उसको ये काम ख़ुद नहीं करने देते थे । वह ख़ुद ही उसे बिस्तर पर लिटाकर उसकी झाँटें साफ़ करते थे । सच वो बहुत मिस कर रही थी आज अपने पति को। तभी उसका फ़ोन बजा। वो बाहर आयी नंगी ही और फ़ोन सुनी: हेलो।

राजीव: हेलो जान। शिवा और मालिनी निकल गए हैं यहाँ से। देखो अच्छा मौक़ा है। कुछ काम को आगे बढ़ा लेना। 

सरला: हाँ पूरी कोशिश करूँगी। मेरी कोशिश होगी कि मालिनी अपने भाई और श्याम के बच्चों में उलझी रहे और मैं शिवा के साथ कुछ कर पाऊँ। 

राजीव: ऐसे कपड़े पहनना कि तुम्हारे दूध उसे दिखें। वो उस दिन भी तुम्हारे दूध ही देखे जा रहा था। क्या पहनोगी आज? 

सरला: अभी तय नहीं किया है। साड़ी का ही सोच रही हूँ और साथ में स्लीवलेस ब्लाउस पहनूँगी। ठीक है ना? 

राजीव: ठीक रहेगा जान। पैंटी नहीं पहनना। तुम्हारे मादक चूतरों को देखकर ही वो पागल हो जाएगा। 

सरला: ठीक है। अब तैयार होती हूँ। 

राजीव: अभी क्या नायटी में हो? 

सरला हँसकर: अभी तो नंगी हूँ, नहाने जा रही थी कि फ़ोन बज गया और मैंने बाहर आके उठा लिया। 

राजीव: वाह नंगी हो तो जान एक बार दिखा दो ना। मैं विडीओ कॉल करूँ? 

सरला: कर लो ,वैसे भी मैंने आपके बेटे के लिए अभी अपने नीचे के बाल की सफ़ाई की है। हा हा। 

अब राजीव ने फ़ोन काटा और विडीओ काल किया। अब राजीव ने सरला का चेहरा देखा और कहा: आह आज कितने दिनों के बाद तुमको देखा है। बहुत सेक्सी लग रही हो। अब कैम नीचे करो और अपनी मस्तानी चूचियाँ दिखाओ। 

सरला ने फ़ोन नीचे किया और राजीव उसकी चूचियाँ देखकर बोला: आऽऽऽह ये तो और भी मदमस्त करने वाली हो गयीं हैं। क्या ४० से भी बड़ीं हो गयीं हैं मेरी जान। 

सरला हँसकर: आप बहुत मज़ाक़िया हो। अभी भी ४० की है मेरी ब्रा। वह अपनी चूचियाँ दबाकर बोली। 

राजीव: उफफफफ क्या कर रही हो जाऽऽऽऽऽऽंन। वह अपना लौड़ा मसलकर बोला: अब अपनी बुर दिखाओ ना। 
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