बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:21 AM,
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
मालिनी अपने कमरे में आकर सोचने लगी कि आख़िर मुझमें क्या कमी थी जो शिवा मम्मी से चक्कर चला बैठे ।फिर उसे पापा की कही हुई बात याद आइ कि हर मर्द इधर उधर मुँह मारना चाहता है बशर्ते उसे मौक़ा मिले। और मम्मी तो मौक़ा देने को मानो तय्यार ही बैठी थी। वह सोचने लगी कि ग़लत तो वह ख़ुद भी कर रही थी, जो पापा के साथ इतनी आगे बढ़ गयी थी। फिर वो सोची कि सब करने के बाद भी वो अब तक पापा से चुदी नहीं थी। पर अब शायद पापा को रोकने का कोई मतलब बचा नहीं था। उसने फ़ैसला किया कि अब ये सब शिवा के बारे में जानकार उसे पापा की इच्छा पूरी कर देनी चाहिए। पहले वो थोड़े शंसय में थी पर अब मानो पूरी तस्वीर साफ़ हो चुकी थी। बस अब उसे पापा को हरी झंडी दिखानी थी। वो अब दिन में उनकी और रात में शिवा की बीवी बनकर रहने को मानसिक रूप से तय्यार हो चुकी थी। यह फ़ैसला लेने के बाद अब वो हल्का महसूस करने लगी। 

उधर राजीव बड़ा ख़ुश था क्योंकि आज उसने अपना आख़री दाँव खेल दिया था। वो यह मान कर बैठा था कि अब मालिनी उससे चुदवाने को मान ही जाएगी। 

उधर शिवा बहुत ही अप्सेट था और घर से निकल कर दुकान जाते हुए सोचा कि इस परस्तिथि में कौन उसे कुछ सलाह दे सकता है। उसे असलम की याद आइ। पता नहीं क्या सोचकर उसने कार खड़ी की और उसे फ़ोन लगाया। 

असलम: हाय आज कैसे हमारी याद आइ? 

शिवा: यार तुम कहाँ हो? मुझे तुमसे मिलना है। 

असलम: मैं घर आया हूँ खाना खाने। आजा तू भी खा लेना। 

शिवा: यार घर पर बात नहीं हो पाएगी। कहीं बाहर मिलते हैं। 

असलम: यार मेरी आयशा से मैं कुछ नहीं छिपाता तू आ जा हम मिलकर बात करेंगे। 

शिवा: ठीक है मैं आता हूँ। तू पता भेज sms से।

थोड़ी देर में शिवा असलम के घर पहुँचा। असलम ने उसे आयशा से मिलवाया। वो शक्ल से बहुत साधारण दिखने वाली औरत थी पर भगवान ने उसे ग़ज़ब का फ़िगर दिया था। दुबली पतली काया में पूरी ३८ की चूचियाँ और भारी नितम्ब उसकी पतली कमर से बहुत कामुक लग रहे थे। पेट भी गोरा सपाट था। उसने साड़ी पहनी थी। जब वो पानी लायी तो उसकी एक चूचि से पल्लू हटा हुआ था। उफफफ आधी चूचि बाहर थी ब्लाउस के और शिवा को अपने लण्ड में हलचल सी महसूस हुई। 

असलम ने देखा कि उसकी आँखें आयशा की चूचि पर थी वो मन ही मन मुस्कुराया और बोला: हाँ यार बता क्या बात है? क्यों इतना अप्सेट सा हो रहा है? 

शिवा आयशा की ओर देखा और चुप रहा। 

असलम: यार आयशा से कुछ छिपाने की ज़रूरत नहीं है। वो मुझसे ज़्यादा स्मार्ट है। वो तुमको एकदम सही सलाह देगी। 

शिवा: पर ये बात हम तीनों के अलावा किसी को पता नहीं चलना चाहिए। 

आयशा: भाई साहब ये हमारे बीच ही रहेगी। आप बिना संकोच बोलो। 

शिवा: असल में बात ही कुछ अजीब सी है। फिर वो अपनी और सरला की सेक्स की बात उनको बताया और साथ ही मालिनी और ससुर के बीच चल रहे चक्कर की बात भी किया। वो पूछा: मुझे अब क्या करना चाहिए। 

आयशा: अब आपको क्या करना है? जो भी करना है मालिनी करेगी। वह अब आपके पापा का लेकर ही रहेगी। आप उसको रोक थोड़े ना पाओगे। 

शिवा उसकी भाषा से चौंक गया और बोला: ओह ये तो सच है भाभी पर इस सब का अंत क्या होगा? 

आयशा: वही जो हमारी कहानी का हुआ था। क्यों असलम सही कहा ना? 

असलम मुस्कुरा कर: हाँ लगता है इनकी कहानी का भी वैसा ही सुखद अंत होगा जैसा हमारा हुआ था। 

शिवा हैरानी से : क्या हुआ था? मैं समझा नहीं। 

असलम: अरे ये जब हमारे घर शादी होकर आयी तो मेरे अब्बा अम्मी और मेरा छोटा भाई साथ में हो थे। अब ये तो मस्त १८ साल की जवान गदराई हुई लड़की थी। पापा और मेरे भाई की नीयत ख़राब हो गयी। अब्बा तो जैसे पागल ही हो गए थे। इसने मना किया तो वो मुझसे नाराज़ होकर मुझे घर से निकालने को तय्यार हो गए। उस समय मेरी नौकरी भी नहीं थी। तब अम्मी ने बात को सम्भाला और आयशा को मनाया कि अब्बा से चुदवा ले। आयशा अम्मी की बात मान गयी और घर में शांति बरक़रार हो गयी। बाद में ये अपने देवर से भी चुदवाने लगी। पापा ने मुझे कहा था कि मैं तुम्हारी बीवी को चोदता हूँ इसलिए तुम चाहो तो मेरी बीवी को चोद सकते हो। मेरी अम्मी सौतेलि थी तो मैं भी उनको चोदने लगा। इस तरह पूरा परिवार ही एक दूसरे से चुदाई करने लगा। फिर तो कई बार हम सामूहिक चुदाई भी किए। फिर मेरी नौकरी लगी और मुझे यहाँ आना पड़ा। अब भी अब्बा अम्मी आते हैं तो ख़ूब मज़ा करते हैं। 

शिवा उसकी बातें आँखें फाड़ कर सुन रहा था और उसका लण्ड पैंट में पूरा खड़ा हो कर तंबू की शक्ल ले चुका था। इसका मतलब है कि वो सब भी ऐसी सामूहिक पारिवारिक चुदाई का आनंद ले सकते हैं । उफफफफ कितना मज़ा आएगा अगर पापा और वो मिलकर मालिनी को चोदेंगे जैसे वो ब्लू फ़िल्म में चोद रहे थे ।

शिवा ने देखा कि आयशा उसके लण्ड के उभार को ग़ौर से देख रही थी। असलम ने भी ये नोटिस किया और मुस्कुरा कर बोला: यार तेरा तो खड़ा ही हो गया घरेलू चुदाई का सोचकर। आयशा कुछ करो यार इसका । देखो बेचारा कैसे तड़प रहा है। 

शिवा चौंककर असलम को देखा और बोला: अरे यार क्या बोले जा रहा है। सोच समझ कर बोल। 

असलम: यार मैंने तो पहले भी कहा था कि मैं वाइफ़ सवेप्पिंग में विश्वास करता हूँ। मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता । 

शिवा: पर मैं नहीं जानता कि मालिनी इसके लिए तय्यार होगी कि नहीं। 

असलम: अरे यार एक बार सामूहिक चुदाई का चस्का लग गया ना तो वो ख़ुद वेरायिटी ढूँढेगी। तभी मुझसे चुदवा देना उसको। अभी तो तू आयशा को चोद कर अपना लण्ड शांत कर ले। मैंने खाना खा लिया है और वापस ऑफ़िस जा रहा हूँ। तू पहले इसे खा और फिर खाना भी खा। चल मैं चलता हूँ। 

शिवा उसे हैरानी से जाते देखता रहा और फिर आयशा बोली: भाई साब बेडरूम में चलें? 

शिवा ने उसकी मस्त जवानी का जायज़ा लिया और खड़े होकर बोला: चलो किधर है बेडरूम? 

आयशा उसके आगे आगे गाँड़ मटका कर चलने लगी। बेडरूम में आकर वो पलटी और तभी शिवा ने उसको बाहों में भींच लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। शिवा सोचा कि उफफफ क्या गरम जवानी है। अब वो उसकी गारदन और कन्धों को भी चूमने लगा। आयशा भी अब उसका साथ देने लगी। जल्दी ही वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। शिवा के हाथ उसके कमर से होकर उसके चूतरों पर ले गया और उनको दबाने लगा। आयशा भी बड़ी बेशर्मी से अपना हाथ उसके पैंट के ऊपर से लेज़ाकर उसके लौड़े को दबाने लगी। 

आयशा: आऽऽऽऽह आपका बहुत बड़ा है। वो उसके लौड़े को ऊपर से नीचे तक महसूस करके बोली। शिवा भी अब उसका पल्लू गिराया और उसकी मस्त चूचियाँ ब्लाउस के ऊपर से दबाने लगा। अब वो उसकी ब्रा का हुक खोला और ब्लाउस का हुक भी खोल दिया। मोटे मोटे ३८ C कप के चूचे देखकर वो मस्ती से दबाने लगा। फिर वो उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर आकर उसके होंठ और चूचियाँ चूसने लगा। फिर वो उठा और अपनी पैंट और चड्डी एक साथ उतारकर अपना लौड़ा उसके मुँह के पास ले गया। आयशा मज़े से उसे दबाकर चूसने लगी। उसकी जीभ सुपाडे पर मज़े से घूम रही थी। तभी शिवा का फ़ोन बजा और वो देखा कि दुकान से फ़ोन था। उसने बात की और आयशा को बोला: जान जल्दी से चुदाई ख़त्म करनी होगी। दुकान में कुछ सप्लाइअर्ज़ आए हुए हैं । फिर वह उसकी साड़ी और पेटिकोट को एक साथ उठाया और उसकी फूलों वाली पैंटी का गीलापन देखकर समझ गया कि माल गरम है।उसने पैंटी नीचे कर उतारी। अब वो उसकी टाँगे फैलाया और अपना लण्ड उसकी गीली बुर में डाला और चुदाई में लग गया। आयशा की आऽऽऽह निकल गयी। वो अब मज़े से चुदवाने लगी। आयशा: आऽऽऽऽऽऽऽह आपका तो अब्बा जितना ही मोटा है। बहुत मज़ा आ रहा है। हाऽऽऽय्यय। 

शिवा चोदते हुए: आऽऽऽऽह अब्बा कितनी बार आते हैं यहाँ ? 

आयशा: आऽऽऽऽऽऽह महीने में एक बार ८/१० दिन के लिए । और बहुत बुरी तरह से चोदते है जैसे अभी आप चोद रहे हो। 

शिवा: असलम भी अपने अब्बा के साथ चोदता है तुमको? 

आयशा: हाँआऽऽऽऽऽऽ दोनों रात भर मेरी बजाते है। 

शिवा ने अपना हाथ नीचे लेज़ाकर उसकी गाँड़ के छेद का सहलाया। वो जगह पूरी गीली थी क्योंकि बुर का पानी नीचे बह रहा था। उसने अपनी दो ऊँगली उसकी बुर के रस से गीली की और उसकी गाँड़ में डाल दिया। वो चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह बहुत मज़ा आ रहा है। और ज़ोर से चोओओओओओओदो । 

शिवा: ह्म्म्म्म्म लगता है दोनों तुम्हारी गाँड़ भी मारते हैं। 

आयशा: आऽऽऽऽऽह हाँआऽऽऽऽ दोनों को बहुत मज़ा आता है गाँड़ मारने में। 

शिवा: और तुमको? 

आयशा: हाऽऽऽऽऽय्य मुझेएएएएए भी बहुत अच्छाआऽऽऽऽ लगता है। आऽऽऽऽऽऽऽह अब्बा तो मुझे कई बार दिन भर नंगी रखते हैं। और ख़ुद पूरे कपड़े पहने रहते हैं। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।क्या मस्त चोओओओओओद रहे हो आऽऽऽऽऽप। 

शिवा उसकी बात सुनकर उत्तेजित होकर: आऽऽऽऽह बहुत मस्त माऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽल हो तुम । अब वो दोनों उन्न्न्न्न्न्न्न करके झड़ने लगे। 

शिवा को जल्दी थी सो वह तय्यार होकर जाने लगा। 

आयशा वैसी ही नंगी पड़ी हुई बोली: अगली बार मालिनी को लाना और असलम से चुदवाना। 

शिवा हँसकर: अगर वो मान गयी तो पक्का लाऊँगा। वैसे उसे तुम्हारे ससुर याने अब्बा से भी चुदवाना चाहिए। 

वो उसको चूमा और बाहर निकल गया। उसे जल्दी से दुकान जो पहुँचना था। 

उधर सरला बच्चों को स्कूल और कोलेज भेजकर पसीना पोंछ रही थी। उसके दिमाग़ में वही बात घूम रही थी कि पता नहीं राजीव मालिनी के साथ कैसा व्यवहार करेगा। तभी राकेश का फ़ोन आया: मम्मी हमारे कोलेज में हड़ताल हो गयी है। मैं वापस आ रहा हूँ। कुछ लाना है क्या। 

सरला: हाँ बेटा दो सब्ज़ियाँ ले आना। बस और कुछ नहीं। 

सरला जाकर अपनी जेठानी से थोड़ी देर बात की और फिर जब वो सोने लगी तो वह अपने कमरे में आकर बैठी थी तभी राकेश आ गया। वह आकर सरला के पास बैठा और बोला: मम्मी आप कुछ परेशान दिख रही हो। 

सरला: हाँ मैं मालिनी का सोच रही हूँ। उसका ससुर उसके पीछे पड़ा है। 

राकेश: मम्मी दीदी बहुत स्ट्रोंग है वो सम्भाल लेगी। आप मेरे ख़याल रखो । दीदी की चिंता छोड़ो। 

पिछले दिनों राकेश अपनी मम्मी के काफ़ी क़रीब आ गया था। वो अब किचन में अपनी मम्मी को पीछे से पकड़ कर उसके गाल और गरदन चूम लेता था और उसकी चूचियाँ भी ब्लाउस के ऊपर से ही दबा भी देता था। कई बार अपना लण्ड भी मम्मी की गाँड़ में रगड़ देता था । सरला भी अब उसको थोड़ा बहुत मज़ा ले लेने देती थी और बाद में डाँट कर भगा देती थी। किचन में कई बार वो अपना लण्ड लोअर से बाहर निकाल कर मम्मी को पकड़ा भी देता था। वो भी मस्ती से थोड़ा सा सहला देती थी। 

आज भी राकेश मम्मी को अपनी गोद में खींच कर लिटा लिया और सरला अब उसकी गोद में लेटी हुई थी और बोली: क्या कर रहा है बदमाश? 

राकेश: मम्मी आपके रूप का रसपान कर रहा हूँ। ये कहकर वो सरला के हाथों को सहलाने लगा। सरला की चिकनी बग़ल पसीने से भीगी हुई दिख रही थी। वो नीचे झुका और वहाँ नाक लगाकर सूँघते हुए बोला: आऽऽह मम्मी क्या मादक गंध है आपकी। उफफफफ । 

सरला को अपनी पीठ पर उसका खड़ा लण्ड गड़ने लगा था। उसका पल्लू नीचे गिरा हुआ था और उसके बड़े बूब्ज़ ब्लाउस फाड़ने को मानो तय्यार थे। राकेश ने उसके बूब्ज़ को दबाया और बोला: मम्मी खोलूँ इनको ? चूसने की इच्छा हो रही है। 

सरला: नहीं ऊपर से ही दबा ले। बाद में देखेंगे। 

राकेश मचल कर बोला : मम्मी हमेशा बाद में देखेंगे कह देती हो। मुझे आपको चोदने को कब मिलेगा? वो यह कहकर झुका और अपनी मम्मी के होंठ चूसने लगा और चूचियाँ दबाने लगा। वो बोला: अब तो दीदी का भी जुगाड़ हो गया और आपका भी। बस मेरा ही कुछ नहीं हो पा रहा है। वह यह कहकर मम्मी की साड़ी और पेटिकोट उठाने लगा । अब सरला की जाँघे नंगी होकर उसे व्याकुल कर रही थी। वह जाँघों के चिकनेपन से मस्त होकर बोला: मम्मी मैं क्या कुँवारा ही मर जाऊँगा। 

सरला हँसकर : मरे तेरे दुश्मन। अच्छा चलो आज रात को तुम्हारा कुँवारापन छीन लेती हूँ। तू भी क्या याद रखेगा । आज रात हम सुहागरात मनाएँगे। ठीक है? 

यह सुनकर राकेश का उत्तेजना के मारे बुरा हाल हो गया। वो अपने हाथ को उसकी जाँघों के बीच ले गया यर बुर को दबाने लगा । सरला पैंटी तो पहनती ही नहीं थी। 

अब सरला ने पानी जाँघों को चिपका लिया और बोली: बदमाश रात का इंतज़ार कर। 

राकेश : अच्छा मम्मी रात का इंतज़ार करूँगा।मम्मी सुहागरात में क्या होगा? 

सरला: मैं तुझे एक सामान की लिस्ट दूँगी। तू वो ले आना शाम को ठीक है? फिर रात को ११ बजे मेरे कमरे में आना और अपनी मम्मी के साथ सुहागरात मनाना। 

रात के मज़े का सोचकर राकेश बहुत उत्तेजित हो गया और बोला: आऽऽह मम्मी आपके नीचे मेरा लण्ड दब रहा है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मेरा झड़ जाएगा। सरला हँसकर उठी और उसके लण्ड को पैंट से बाहर निकाली और उसने देखा कि वो आँसू बहा रहा था वो हँसकर उसको चूसने लगी और दो मिनट में ही उत्तेजना से भरकर राकेश आऽऽऽहहह मम्मीइइइइइइइइ मैं गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ कहकर अपनी मम्मी के मुँह में झड़ने लगा। सरला भी मस्ती में आकर पूरा रस पी गयी और बोली: उफफफफ कितना माल इकट्ठा करके रखा था तूने? फिर वो बड़े प्यार से अपने पल्लू से उसका लण्ड पोंछी और अपना मुँह भी साफ़ की। 

राकेश : मम्मी लिस्ट दो ना शाम को क्या लाना है? 

सरला: अभी इतनी जल्दी क्या है। शाम को दे दूँगी। 

राकेश: मम्मी पता नहीं कब रात होगी? आऽऽहहह । 

सरला: चल बदमाश अब भाग यहाँ से । मुझे आराम करने दे। 

राकेश हँसकर अपने कमरे में चला गया। 

उधर मालिनी दोपहर के खाने के लिए राजीव को आवाज़ दी। खाना खाते हुए मालिनी बोली: पापा आप किसी पंडित को जानते हैं क्या? 

राजीव चौंककर : हाँ मगर क्यों? तुम्हें पंडित से क्या काम आ गया? 

मालिनी: आप खाना खा कर उससे पूछना कि किसी शुभ काम के लिए अच्छा दिन और समय बताए वो। 

राजीव: बेटी मैं समझा नहीं? 

मालिनी: पापा इसमें समझने का क्या है? मैं सिर्फ़ यह जानना चाहती हूँ कि किसी काम के लिए शुभ दिन और समय क्या है? बस यही। 

राजीव उठकर हाथ धोया और फ़ोन लगाया: हाँ पंडित जी मेरी बहु जानना चाहती है कि आजकल कैसा समय चल रहा है? 

पंडित: मतलब ? मैं समझा नहीं। 

राजीव : लो आप उसी से बात कर लो। समझा तो मैं भी नहीं। 

मालिनी: पंडित जी मान लो मैं कोई नया काम करना चाहती हूँ तो कौन सा दिन शुभ होगा ? 

पंडित: ओह तो ऐसा कहो ना। मैं देखता हूँ। फिर वो बोला: बेटी कल का दिन शुभ है। 

मालिनी: और समय ? 

पंडित: बेटी कल सुबह १० बजे से शाम को ७ बजे तक का समय शुभ है। 

मालिनी: धन्यवाद पंडित जी। वह फ़ोन काट दी। 

राजीव : बेटी कौन सा काम शुरू करोगी जिसके लिए शुभ समय का इंतज़ार हो रहा है। 

मालिनी: बस आप इंतज़ार करो कल का। 

राजीव हैरानी से उसे देखता रह गया। वो सोचा कि पता नहीं क्या चल रहा है इसके मन में। 

मालिनी: पापा अब मैं आराम करूँगी। और वो अपने कमरे में चली गयी। राजीव भी उलझा सा अपने कमरे में आ गया। 

जल्दी ही कई लोगों के जीवन में बहुत से बदलाव आने वाले थे।
[url=http://rajsharmastories.com/viewtopic.php?f=12&t=7668#top][/url]
Reply


Messages In This Thread
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:21 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,571 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,270 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,150,971 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,855 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,107 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,798 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,796,622 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,514,912 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,382 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,170 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)