बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:23 AM,
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
शिवा जब आयशा के घर पहुँचा तो शाम के ६ बज चुके थे। आयशा ने दरवाज़ा खोला और दोनों एक दूसरे से लिपट गए और एक लम्बे चुम्बन में लीन हो गये। आयशा के हाथ उसकी पीठ को दबा रहे थे और शिवा के हाथ उसकी कमर से होकर उसकी मस्त चूतरों पर घूम रहे थे। दोनों बहुत उत्तेजित थे । शिवा ने खड़े खड़े ही अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जिसे वो मस्ती से चूसने लगी। 

आयशा हाँफते हुए बोली: आऽऽऽह चलो बेडरूम में और मेरी फाड़ दो। उफफफफ क्या खुजा रही है। 

शिवा ने उसकी सलवार के ऊपर से बुर को दबोच लिया और मसलते हुए कहा: हाऽऽऽऽऽंन चलो मैं भी बहुत गरम हूँ।

दोनों बेडरूम में आकर अपने कपड़े उतारने लगे और दो मिनट में ही नंगे होकर एक दूसरे से लिपट कर बिस्तर में एक दूसरे को चूमने लगे। 

शिवा ने उसकी चूचियाँ दबाईं और उनको चूसा और फिर नीचे जाकर उसकी फुद्दी चेक किया। उफफफ क्या मस्त गरम और गीली हो रही थी। वो उसको जीभ और होंठों से चूसा और चाटा और फिर अपना लौड़ा उसकी बुर में रखा और अंदर पेलने लगा। जल्दी ही उसकी फुद्दी पूरा लौड़ा निगल गयी और वो उसकी ज़बरदस्त चुदाई में लग गया। आयशा भी गाँड़ उछालकर उसका साथ देने लगी। उसके मुँह से निकलने लगा: आऽऽहहहह और चोओओओओओओओदो फ़ाआऽऽऽऽऽड़ दो मेरी बुर । 

तभी आयशा का मोबाइल बजा और वो चुदवाती हुई उसको चेक की। असलम का फ़ोन था। वो बोली: आऽऽऽऽह हाँआऽऽ बोलो। 

असलम: क्या हुआ जान सब ठीक है? चुदवा रही हो क्या? 

आयशा: आऽऽऽह उइइइइइइइ हाँआऽऽऽऽ और क्याआऽऽऽऽ। चुदवा रहीं हूँ। हाऽऽऽऽऽऽय्य । 

असलम: वाह जान । कौन है लकी बंदा । 

आयशा: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ फ़ाआऽऽऽड़ दोओओओओओओ ना। आपका दोस्त ही है। 

असलम: कौन है बताओ ना जान? 

आयशा: आऽऽऽहहहह मैं गयीइइइइइइइइइइ । आऽऽऽऽऽहहहह उन्न्न्न्न्न्न्म्म । फिर हाँफते हुए बोली: शिवा है। आऽऽऽह मस्त चुदाई की है । आऽऽऽह मैं तो झड़ गयी हूँ। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ वो अभी भी आऽऽहहहह चोदे जा रहा है। हाऽऽयय्य बस करोओपोओओओओ ना। तभी वो भी झड़ गया। और हाँफते हुए बग़ल में लेट गया। 

असलम: आयशा, ज़रा शिवा को फ़ोन दो ना। 

शिवा ने फ़ोन लेकर कहा: आऽऽह हाँ असलम बोलो? 

असलम: क्या बात है आज मेरे घर में आकर मेरी बीवी को चोद रहे हो। मुझे बताया तक नहीं। 

शिवा: सॉरी यार। मैं इतना उत्तेजित था कि होश ही नहीं रहा। 

असलम: ऐसा क्या हो गया? 

अब शिवा ने उसे मालिनी के आने से लेकर आयशा को उसको कहानी सुनाने की और फिर यह पता लगने की भी कि मालिनी अपने ससुर से चुदवा रही है। ये सब बातें बता दिया। और ये भी कि वह फ़ोन पर सब कुछ ख़ुद भी सुना था। 

असलम: wow तो मालिनी ससुर से चुदवा ही ली। बहुत बढ़िया ख़बर है। अब तुम क्या करोगे? 

शिवा: अभी आयशा मालिनी को और बहुत कुछ बताएगी। फिर देखो आगे क्या क्या होता है? 

असलम: तुम तो अपने पापा के साथ मालिनी को चोदना चाहते हो ना ? 

शिवा : हाँ बिलकुल। मगर इसके लिए मालिनी की मानसिकता बदलनी होगी। वो काम आयशा ही कर सकेगी। 

असलम: बिलकुल। फिर मुझे मालिनी कब मिलेगी? 

शिवा: देखो समय आने दो। तब तक इंतज़ार करो। 

असलम: तुम दोनों की चुदाई हो गयी या एक राउंड और करोगे? 

शिवा: नहीं मुझे अब जाना होगा। फिर बात करते हैं।

असलम ने फ़ोन काट दिया। आयशा अब पलट कर पेट के बल लेती और मुस्कुराई: एक राउंड और कर लो ना। चाहो तो रिकोर्ड पलट कर बजा लो।

शिवा उसके मोटे चूतरों को दबाकर मस्ती से बोला: आऽऽह क्या मस्त गाँड़ है तुम्हारी। फिर उनको फैलाकर उसकी भूरि गाँड़ के छेद को सहला कर बोला: उफफफ क्या मस्त माल हो तुम। देखो मेरा फिर से खड़ा हो गया। आयशा हँसकर अपना मुँह उसके लौड़े पर लायी और उसको चूसने लगी। फिर वह बग़ल के टेबल से जेल निकाली और उसके लौड़े में लगायी। शिवा ने भी जेल लिया और उसकी गाँड़ में दो ऊँगली से अच्छी तरह से लगाया। फिर वो अपना लौड़ा उसके सुराख़ में लगाकर उसकी कमर को उठाया और वो चौपाया बन गयी। अब वो उसकी गाँड़ में अपना लौड़ा धीरे से दबाने लगा। आयशा की आऽऽऽहहह निकल गयी। वो बोली: उफफफफ क्या मस्त मोटा है आपका। बिलकुल ससुर जी की याद दिला देता है। 

शिवा: ह्म्म्म्म्म मस्त टाइट गाँड़ है तुम्हारी। बहुत मज़ा आता है। अब वो उसकी चुदाई में लग गया। अब पलंग बुरी तरह से हिलने लगा। और कमरा ठप्प ठप्प की आवाज़ से गूँजने लगा। आयशा की सिसकारियाँ भी गूँज रहीं थीं। वो: उन्न्न्न्न्न्न हाऽऽऽऽऽय मरीइइइइइइइ कहकर चिल्ला रही थी और अपनी गाँड़ पीछे करके पूरा लौड़ा निगल रही थी। क़रीब २० मिनट की ज़बरदस्त रगड़ाई के बाद शिवा झड़ने लगा। और अपना पूरा माल उसकी गाँड़ में भर दिया।

आयशा की बुर पूरी तरह से गरम हो गयी थी और वो सीधे होकर उसके अंदर अपनी ऊँगली चलाने लगी। ये देखकर शिवा उठा और उसकी ऊँगली बुर से हटाया और अपनी तीन उँगलियाँ वहाँ डालकर अंदर बाहर करने लगा। और जीभ से उसकी क्लिट के दाने को रगड़ने लगा। अब आयशा अपनी गाँड़ उछालकर चिल्लाई: आऽऽऽह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽऽ । मैं गयीइइइइइइइइइ। और वो अपना रस उसके मुँह में डालने लगी। शिवा ने अपना पूरा गीला मुँह उठाया और उसको आयशा की सलवार से पोंछा। अब आयशा पूरी तरह संतुष्ट होकर अलसाईं सी पड़ी हुई थी। शिवा उसके होंठ चूमा और उसकी चूचि दबाया और बोला: जान मज़ा आया? 

आयशा: आऽऽऽह आज कई दिनों के बाद ऐसी मस्त चुदाई हुई है। थैंक्स वेरी मच। 

शिवा हँसकर बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुआ और कपड़े पहन कर बाहर आया। आयशा अभी भी सुस्त सी पड़ी हुई थी, पूरी नंगी। और कमर के नीचे सब जगह काम रस लगा हुआ था। 

शिवा: अच्छा चलता हूँ। फिर फ़ोन पर बात करेंगे। 

आयशा: ओके बाई। यह कहकर वो पलट कर ऐसे ही सो गयी। 

जैसे ही शिवा बाहर जाने के लिए दरवाज़ा खोला सामने असलम खड़ा था। 

असलम: अरे तुम अभी तक गए नहीं? 

शिवा झेंप कर: वो यार आयशा ने फिर से चुदाई का मूड बना दिया था सो दूसरे राउंड में भी लग गया था। 

असलम: वाह भाई वाह । वैसे वो है कहाँ? 

शिवा: बेडरूम में अभी भी लेटी हुई है। 

असलम: चलो थोड़ी देर रुको ना साथ में चाय पीते हैं। 

शिवा : ठीक है जैसा तुम कहो। 

असलम शिवा को लेकर बेडरूम में पहुँचा। वहाँ आयशा अब भी करवट लेकर लेटी हुई थी और उसकी गाँड़ का छेद शिवा के मोटे लौड़े की चुदाई से पूरा खुला हुआ साफ़ दिख रहा था। वहाँ सफ़ेद सा रस अभी सुखकर साफ़ दिखाई पड़ रहा था। अब असलम सामने की ओर गया और बोला: आयशा अब उठना नहीं है क्या? 

आयशा ने आँख खोली और सीधी होकर लेटी और बोली: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आप कब आए? 

असलम: क्या जानु लगता है अब तक चुदाई की ख़ुमारी नहीं उतरी? वो उसकी बुर को देखकर बोला जहाँ अब भी सूखा हुआ काम रस दिखाई दे रहा था। 

आयशा उठाकर बैठी और उसकी मोटे मोटे चूचे हिलकर अपनी अदा दिखाए। तभी वो शिवा को देखी और बोली: अरे आप अब तक गए नहीं? 

शिवा: मैं जा ही रहा था कि असलम आ गया और मुझे वापस ले आया चाय पीने का कहकर । 

आयशा: मैं तो अभी चाय नहीं बना सकती। मुझे बाथरूम जाकर फ़्रेश होना हैं। 

असलम: कोई बात नहीं जानु, चाय मैं बनाता हूँ । तुम फ़्रेश होकर आओ और चाय पीओ। वो उसकी चूची दबाया और उसकी जाँघों को सहलाया फिर बोला: यार लगता है आज तुमने मेरी बीवी को बहुत मसला है। क्या गाँड़ भी मार दी? पूरी खुली हुई दिख रही थी। 

शिवा: हाँ यार वो भी मार ली। आयशा का भी मन था और में भी इसकी गाँड़ का दीवाना हूँ। 

अब आयशा खड़ी हुई और थोड़ा सा लड़खड़ाई । असलम उसे सहारा देकर बाथरूम ले गया और टोयलेट की सीट पर बिठाकर बोला: बहुत ज़्यादा ही चुदाई हो गयी है लगता है? 

आयशा: हम्म पर मज़ा बहुत आया। मस्त लौड़ा है इसका और बहुत मज़े से चोदता है। 

असलम: चलो तुम फ़्रेश हो मैं चाय बनाता हूँ। फिर वो बाहर आकर किचन में गया तो शिवा भी उसके साथ वहीं आ गया और उसकी मदद करने लगा। 

असलम: आज तुमने आयशा को बहुत ख़ुश कर दिया। 

शिवा: उसने मुझे भी बहुत मज़ा दिया । यार बड़ी मस्त लड़की है पूरे मज़े से चुदवाती है। 

असलम: अब मालिनी का क्या करोगे? 

शिवा: बताया था ना कि वो परसों शायद आयशा से फिर से मिलेगी। और आयशा उसे और बहुत सी बातें बताएगी। आज वैसे भी आयशा ने उसे लेज़्बीयन सेक्स का मज़ा भी चखाया। 

असलम: वाह । वैसे ये हुनर उसने मेरी अम्मी से सीखा है। सास बहु काफ़ी मज़े लेती हैं जब भी मिलती हैं। 

शिवा: यार एक बात पूँछूँ , बुरा तो नहीं मानोगे? 

असलम: हाँ पूछो ना। 

शिवा: क्या तुमने भी अपनी अम्मी को चो- मतलब उनके साथ सेक्स किया है? 

असलम: यार इसमें बुरा मानने की क्या बात है। अरे अब भी जब अम्मी और अब्बा यहाँ आते हैं तो अब्बा के साथ आयशा और अम्मी के साथ मैं ही सोता हूँ। और कई बार तो हम एक ही बिस्तर पर सो कर चुदाई करते हैं। 
शिवा का लण्ड ये सुनकर अकड़ने लगा था । तो इसका मतलब है कि वो और उसकी सास सरला भी पापा और मालिनी के साथ सेक्स कर सकते हैं। 

वो अपना लंड पैंट में एडजस्ट किया ।

चाय बन चुकी थी और वो दोनों चाय पीने बैठे और तभी आयशा आयी और वो एक टॉप और लॉंग स्कर्ट में थी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसके निपल्ज़ साफ़ दिखाई पड़ रहे थे । जब वो उनके पास आयी तो असलम ने उसकी चूची दबाई और उसके होंठ चूमे। तभी उसका पिछवाड़ा शिवा के सामने आ गया। वो भी उसकी गाँड़ को दबाया और नोटिस किया कि वो पैंटी भी नहीं पहनी है। वो मस्ती से उसकी गाँड़ मसलकर रहा। आयशा अब मुड़कर शिवा के भी होंठ चूमी और उनके बग़ल में बैठकर चाय पीने लगी। 

असलम: यार तुम कब तक मालिनी को भी शीशे में उतार लोगी? 

आयशा हँसकर: क्यों लंड बहुत तंग कर रहा है क्या उसे चोदने के लिए? 

असलम: वो तो शिवा पर निर्भर है कि वो उसकी कब दिलाएगा? 

शिवा: यार मैं तो ख़ुद बहुत कुछ चाहता हूँ उससे । देखो कब तक बात बनती है? 

फिर शिवा वहाँ से वापस दुकान आया और बाद में काम निपटा कर घर के लिए निकला । आज उसे देर हो गयी थी। 

उधर मालिनी आयशा के घर से निकली और क़रीब ६ बजे घर पहुँची। राजीव अपने कमरे में था और कुर्सी पर बैठ कर कुछ हिसाब देख रहा था । मालिनी को देखकर वो बोला: बेटा बड़ी देर लगा दी? उसने देखा कि मालिनी की आँखें थोड़ी लाल सी हो रही थी और वो थोड़ा सा अशांत सी दिख रही थी। वो फिर से बोला: बेटा सब ठीक है ना? 

मालिनी ने जाकर बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और अपने कुर्ते को उतारने लगी। अब वो सिर्फ़ ब्रा में और सलवार में थी। राजीव उसे हैरानी से देख रहा था। अब उसने अपनी सलवार भी निकाल दी। राजीव की आँखें उसकी ब्रा और पैंटी में क़ैद मस्त जवानी पर थी।

वो बोली: पापा आप चलो बिस्तर पर । 

अब वो अपनी ब्रा का हुक अपने हाथ को पीछे ले जाकर खोली और उसे भी निकाल दिया ।

राजीव उसे हैरानी से देखते हुए खड़ा हुआ और तभी मालिनी ने उसकी लूँगी खींचकर उसको कमर के नीचे से नंगा कर दिया और बोली: पापा बनियान भी उतार दीजिए। वो उसके लटकते हुए लम्बे लौड़े और उसके नीचे लटके हुए भारी बॉल्ज़ को देखकर मस्ती से भर गयी। अब वो अपनी पैंटी उतारी और राजीव को बिस्तर पर लिटा दी। अब वो उसके ऊपर आकर चढ़ गयी। राजीव का हाथ उसकी नंगी चिकनी पीठ पर था और वो उसको सहलाकर मस्त हो रहा था। वो कुछ बोलने ही वाला था कि मालिनी ने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूसने लगी। उत्तेजना से भर कर वो अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। राजीव उसको मज़े से चूसने लगा। अब राजीव के हाथ उसके मोटे चूतरों को दबाने लगे थे। मालिनी ने अपने आगे का हिस्सा ऊपर उठाया और बोली: पापा मेरी चूचियाँ दबाओ और चूसो। 

राजीव अब उसकी चूचियाँ दबाकर चूसने लगा। वो उसके निपल्ज़ भी ऐंठने लगा। अब मालिनी उइइइइइइ कहकर मस्ती से अपनी बुर को उसके कड़े हो रहे लंड पर दबाने लगी। अब मालिनी नीचे जाकर उसके लौड़े को चूसकर पूरा खड़ा कर दी। अब वो अपने दोनों पैर फैलाकर उसके ऊपर आकर उसके लौड़े पर अपनी बुर रखकर नीचे होने लगी। उसका लौड़ा उसकी बुर में समाता चला गया । अब वो उसके ऊपर उछल उछल कर चुदवाने लगी। राजीव भी उसकी चूचियाँ दबाकर नीचे से धक्के लगाने लगा। मालिनी पर पता नहीं क्या भूत सवार था कि वो बहुत तेज़ी से उछलकर चुदाई में लगी हुई थी। वो चिल्लाए भी जा रही थी: आऽऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽऽऽपा फ़ाआऽऽऽऽऽड़ो मेरीइइइइइइइ फुद्दीइइइइइइइइ । आऽऽऽऽऽऽऽऽऽह खा जाओ मेरी चूउउउउउउउचियाँ । आऽऽऽहहहह मरीइइइइइइइइइ उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽ। पाआऽऽऽप्पा बहुत अच्छाआऽऽऽऽ लग रहा है। और चोओओओओओओओदो। और चोओओओओओओदो । कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से गूँज रहा था। अब वो चिल्लाई: पाआऽऽऽऽऽऽपा मैं गयीइइइइइइ। और वो ज़बरदस्त क्लाइमैक्स के साथ पानी छोड़ने लगी। उधर राजीव भी अपनी गाँड़ नीचे से उछालकर अपना वीर्य उसकी बुर में छोड़ने लगा। अब मालिनी लस्त होकर लुढ़ककर उसकी बग़ल में लेट गयी। 

राजीव उसकी तरफ़ मुँह करके उसको चूमकर बोला: बेटा क्या हो गया था? बड़ी उत्तेजित थी आज? वहाँ आयशा के घर में ऐसा क्या हो गया? 

मालिनी: ओह पापा क्या बताऊँ? वो लड़की तो जैसे सेक्स से भरी हुई डायनामाइट है। उसने जिस अन्दाज़ में मुझे अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई मैं बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गयी थी। 

राजीव उसकी चूचियाँ सहलाकर : तो इसिसे इतना उत्तेजित हो गयी थी? 

मालिनी उसकी छाती के बालों से खेलती हुई बोली: पता है पापा उसकी पहली चुदाई किसने की थी? 

राजीव: किसने की थी? 

मालिनी: उसके अपने अब्बा ने । वो अभी नयी नयी जवान हुई थी।यह कहकर उसने आयशा की पूरी कहानी उसे सुना दी। और ये भी बता दिया कि वो भी अपने ससुर से चुदवाती है। 

राजीव क्या बोलता । वो तो ख़ुद ही बेटीचोद था। उसने महक को कई बार चोदा था और वही उसके बच्चे का बाप भी था। वो सामने से बोला: ओह । तो तुम इसे ग़लत मानती हो? 

मालिनी हैरानी से: हाँ बिलकुल। और आप? 

राजीव: देखो बेटा मैं तो इसे ग़लत नहीं मानता । मैं सोचता हूँ अगर बाप और बेटी दोनों की इच्छा हो तो इसमें ग़लत कुछ भी नहीं है ।वैसे भी बाप ने उसे पैदा किया है पाला पोसा है। तो वो अगर ख़ुद मज़ा ले भी ले तो इसमें ग़लत क्या है। हाँ इसमें ज़ोर ज़बर्द्स्स्ती नहीं होनी चाहिए। 

मालिनी: ओह आप ऐसा सोचते है? 

राजीव: अब आयशा की ही बात कर लो। वो अपने अब्बा से चुदी और अब चुदाई का पूरा मज़ा ले रही है ना? इसमें उसका क्या नुक़सान हुआ बोलो? बल्कि मुझे तो लगता है उसके अब्बा ने जो उसे मज़ा दिया है,उसके कारण ही वो इतना खुल कर चुदाई का मज़ा ले रही है। 

मालिनी: इसका मतलब है कि आप महक से ये सब करने का सोच सकते हैं?

राजीव थोड़ा सा रुक और बोला: अगर महक अपनी ख़ुशी से चाहेगी तो मैं मना नहीं करूँगा। 

मालिनी: पापा मैं तो बहुत कन्फ़्यूज़्ड हूँ । हम जो बचपन में पढ़ते हैं या सीखते हैं जवानी में सब उलटा पुलटा कैसे हो जाता है ? अगर बाप बेटी का हो सकता है तो क्या माँ बेटे का भी सम्भव है? 

राजीव : हाँ मैं कई बार ऐसी बात सुनता हूँ जिसमें माँ और बेटे का सम्बंध होता है। असल में बेटा ये बात मान लो कि कोई भी इंसान पहले आदमी है और उसके बाद ही पति ,भाई ,बाप, दोस्त या ससुर है? यही बात औरत पर भी लागू होती है। 

मालिनी: ठीक है पापा मैं अब बाथरूम से आती हूँ। आपने चाय भी नहीं पी होगी? बनाकर लाती हूँ। 

राजीव ने उसको अपनी बाँहों में भींचकर प्यार किया और उसके चूतरों को सहलाकर बोला: मेरी बेटी चुदाई को लेकर काफ़ी रीसर्च कर रही है? है ना? 

मालिनी हँसकर उसके लंड को दबाई और बोली: ऐसा कुछ नहीं है पापा। 

फिर वो बाथरूम में घुस गयी। 

क़रीब ८ बजे शिवा आया और नहाने चला गया। खाना खाने के बाद वो मालिनी को एक राउंड चोदा। और दोनों सो गए। शिवा अब सोच रहा था कि मालिनी उससे बातें छिपाना सीख गयी है। उधर मालिनी को दुःख हो रहा था कि वो आयशा वाली बात वह शिवा को नहीं बता रही है। दोनों अपने विचारों में उलझे नींद की आग़ोश में समा गए ।

उधर असलम ने रात को आयशा को एक राउंड चोदा और पूछा: अब मालिनी कब आएगी? 

आयशा: वो परसों का कह कर गयी है। पर मुझे लगता है कि वो कल ही आएगी। देखते हैं। फिर वो दोनों भी सो गए। 

उधर सरला और राकेश अब साथ में ही सोते थे। श्याम को जब आना होता था तो वो पहले ही सरला को बता देता था। उस दिन राकेश श्याम के जाने के बाद आता और अपनी माँ के साथ रात भर रहता था । ज़िंदगी मस्त चल रही थी। पर उस दिन अनहोनी हो गयी। हुआ ये कि श्याम को बहुत देर हो गयी। वो सरला को फ़ोन किया: जान आज मैं बाहर खाना खाकर आऊँगा। मेरा इंतज़ार मत करना। मेरे पास चाबी है कोई दिक़्क़त नहीं होगी। तुम लोग सो जाना। 

रात को हमेशा की तरह सब काम निपटाकर सरला सोने के लिए अपने कमरे में आयी । थोड़ी देर बाद राकेश भी आकर उसके साथ सो गया। जल्दी ही वो मस्ती में आकर चुदाई में लग गए। आज सरला राकेश के ऊपर आकर उसे चोद रही थी।राकेश मस्ती से मम्मी की चूचियाँ चूसकर नीचे से अपना लंड उछाल रहा था। मस्त चुदाई चल रही थी। 

तभी श्याम घर के अंदर आया। आज पार्टी में उसने चढ़ा ली थी। नशे के सरूर में उसे सरला की बुर का ख़याल आया और वो अपने कमरे की जगह सरला के कमरे की ओर चल पड़ा। अभी वो दरवाज़े के पास पहुँचा ही था कि उसे आऽऽऽऽहहह की आवाज़ सुनाई दी। वो ठिठक गया । अब वो दरवाज़े से कान लगा कर खड़ा हो गया। उसे पक्का हो गया कि सरला अंदर किसी से चुदवा रही है। ये आवाज़ उसी की थी। अब वो हाऽऽयययय आऽऽऽऽह और जोओओओओओर से चोओओओओओदो बोले जा रही थी । श्याम का सिर घूम गया था किआख़िर कौन उसे चोद रहा है? वो बहुत उत्तेजित होंकर अभी कुछ करता इसके पहले ही उसको जवाब मिल गया। 

चुदाई करते हुए सरला चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽऽह बेएएएएएएएएटा फ़ाआऽऽऽड़ दो मेरी। 

अब राकेश की साफ़ साफ़ आवाज़ आयी: हाऽऽऽऽऽऽऽऽननन माम्मीइइइइइइइ लोओओओओओओओ अपने बेटे का लंड लोओओओओओओओ । 

श्याम सन्न रह गया कि ये अपने बेटे राकेश से चुदवा रही है? उफफफफ क्या ज़माना आ गया है? उसका खड़ा लंड बैठ गया। वो चुपचाप अपने कमरे ने जाकर अपनी बीमार बीवी के साथ लेट गया। बड़ी मुश्किल से उसे नींद आयी ।

उधर मस्त चुदाई के बाद माँ बेटा लिपट कर सो रहे थे।
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:23 AM

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