Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 02:21 PM,
#16
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
उसके बाद तो वो बहू को देखते ही अपना आपा ना खो दे यही सोचकर वो काप गया था बहू के पास जब वो सामने उसे ड्राइविंग सिखाएगा तो बहू उसके बहुत पास बैठी होगी और उसकी खुशबू से लेकर उसके स्पर्श तक का अंदाज़ा लाखा गाड़ी में बैठे बैठे लगा ही रहा था और अपने में खोया हुआ बहू की सुंदरता को अपनी सोच के अनुरूप ढाल रहा था की बाहर से काँच में दस्तक हुई तो वो बाहर देखा कि कामेश खड़ा है और बहू भी उससे थोड़ी दूर अपने दोस्तों से बात कर रही है वो झट पट बाहर निकला और दौड़ता हुआ गाड़ी का दरवाजा खोलने लगा कामेश तो झट से बैठ गया पर कामया अपने दोस्तों से बात करके जब पलटी तो लाखा अपनी नजर को नीचे नहीं कर पाया वो मंत्रमुग्ध सा कामया के यौवन को निहारता रहा 

और अपने आँखों में उसकी सुंदरता को उतारता रहा कामया ने एक बार लाखा काका की ओर देखा और चुपचाप दरवाजे से अंदर जाकर अपनी सीट पर बैठ गई लाखा भी लगभग दौड़ता हुआ अपनी सीट की तरफ भागा उसे पता ही नहीं चला था कि कैसे दो घंटे बीत गये थे और वो सिर्फ़ बहू के बारे में ही सोचता रहा गया था वो अपने अंदर एक ग्लानि से पीड़ित हो गया था छि छी वो क्या सोच रहा था जिनका वो नमक खाता है उनके घर की बहू के बारे में वो क्या सोच रहा था कामेश को उसने दो साल का देखा था और तब से वो इस घर का नौकर था भीमा तो उससे पहले का था नहीं उसे यह सब नहीं सोचना चाहिए यह गलत है वो कोई जानवर तो नहीं है वो एक इंसान है जो गलत है वो उसके लिए भी गलत है वो गाड़ी चला रहा था 

पर उसका दिमाग पूरा समय घर तक इसी सोच में डूबा था पर उसके मन का वो क्या करे वो चाह कर भी अपनी नजर बहू के ऊपर से नहीं हटा पाया था पर घर लौट-ते समय उसने एक बार भी बहू की ओर नहीं देखा था उसने अपने मन पर काबू पा लिया था इंसान अगर कोई चीज ठान ले तो क्या वो नहीं कर सकता बिल्कुल कर सकता है उसने अपने दिमाग पर चल रहे ढेर सारे सवाल को एक झटके से निकाल दिया और फिर से एक नमक हलाल ड्राइवर के रूप में आ गया और गाड़ी घर की ओर तेजी से दौड़ चलो थी अंदर बिल्कुल सन्नाटा था घर के गेट पर चौकी दार खड़ा था गाड़ी आते देखकर झट से दरवाजा खुल गया गाड़ी की आवाज से अंदर से भीमा भी दौड़ कर आया और घर का दरवाजा खोलकर बाजू में सिर झुकाए खड़ा हो गया 


गाड़ी के रुकते ही लाखा काका बाहर निकले और पहले कामेश की तरफ जाते पर कामेश तो खुद ही दरवाजा खोलकर बाहर आ गया था तो वो बहू की ओर का दरवाजा खोले नीचे नजरें किए खड़ा हो गया कामेश गाड़ी से उतरते ही अंदर की ओर लपका कामया को बाहर ही छोड़ कर भीमा भी दरवाजे पर खड़ा था और लाखा गाड़ी के दरवाजे को खोले कामया अपनी ही नजाकत से बाहर निकली और लाखा के समीप खड़े होकर ही 

कामया- काका कल से में गाड़ी सीखने चलूंगी आप शाम को जल्दी से आ जाना 

लाखा- जी बहू रानी 
उसकी आवाज में लरखराहट थी गला सुख गया था कामया और उसके बीच में सिर्फ़ गाड़ी का दरवाजा ही था उसके बाल हवा में उड़ते हुए उसके चेहरे पर पड़ रहे थे और जब कामया ने अपने हाथों से अपने बालों को संवारा तो लाखा फिर से अपनी सुध खो चुका था फिर से वो सब कुछ भूल चुका था जो वो अभी-अभी गाड़ी चलाते हुए सोच रहा था वो बेसूध सा कमाया के रूप को नज़रें झुकाए हुए, देखता रहा उसके ब्लाउसमें फसी हुई उसकी दो गोलाईयों को और उसके नीचे की ओर जाते हुए चिकने पेट को और लंबी-लंबी बाहों को वो सबकुछ भूलकर सिर्फ़ कामया के हुश्न के बारे में सोचता रह गया और कामया को घर के अंदर जाते हुए देखता रह गया 

दरवाजे पर कामया के गायब होते ही उसे हँसी आई तो देखा कि भीमा उसे ही देख रहा था वो झेप गया और गाड़ी लॉक करके जल्दी से अपनी स्कूटर लेकर गेट से बाहर र्निकल गया कामया भी जल्दी से अपनी नजर को नीचे किए भीमा चाचा को पार करके सीधे सीडियो की ओर भागी और अपने रूम में पहुँची रूम में जाकर देखा कि कामेश बाथरूम में है तो वो अपनी साड़ी उतारकर सिर्फ़ ब्लाउस और पेटीकोट में ही खड़ी होकर अपने आपको मिरर पर निहारती रही 

वो जानती थी कि कामेश के बाहर आते ही वो उसपर टूट पड़ेगा इसलिए वो वैसे ही खड़ी होकर उसका इंतजार करती रही हमेशा कामेश उसे घूमके आने के बाद ऐसे ही सिर्फ़ साड़ी उतारने को ही कहता था बाकी उसका काम था आग्याकारी पत्नी की तरह कामया खड़ी कामेश का इंतजार कर रही थी और बाथरूम का दरवाजा खुला कामया को मिरर के सामने देखकर कामेश भी उसके पास आ गया और पीछे से कामया को बाहों में भरकर उसके चूचियां को दबाने लगा 

कामया के मुख से एक अया निकली और वो अपने सिर को कामेश के कंधों के सहारे छोड़ दिया और कामेश के हाथों को अपने शरीर में घूमते हुए महसूस करती रही वो कामेश का पूरा साथ देती रही और अपने आपको कामेश के ऊपर न्योछाबर करने को तैयार थी कामेश के हाथ कामया की दोनों चुचियों को छोड़ कर उसके पेट पर आ गये थे और अब वो कामया की नाभि को छेड़ रहा था वो अपनी उंगली को उसकी नाभि के अंदर तो कभी बाहर करके कामया को चिढ़ा रह था अपने होंठों को कामया के गले और गले से लेजाकर उसके होंठों पर रखकर वो कामया के होंठों से जैसे सहद को निकालकर अपने अंदर लेने की कोशिश कर रहा था कामया भी नहीं रहा गया वो पलटकर कामेश की गर्दन के चारो और अपनी बाहों को पहना कर खुद को कामेश से सटा लिया और अपने पेट और योनि को वो कामेश से रगड़ने लगी थी उसके शरीर में जो आग भड़की थी वो अब कामेश ही बुझा सकता था 

वो अपने आपको कामेश के और भी नजदीक ले जाना चाहती थी और अपने होंठों को वो कामेश के मुख में घुसाकर अपनी जीब को कामेश के मुख में चला रही थी कामेश का भी बुरा हाल था वो भी पूरे जोश के साथ कामया के बदन को अपने अंदर समा लेना चाहता था वो भी कामया को कस्स कर अपने में समेटे हुए धम्म से बिस्तर पर गिर पड़ा और गिरते ही कामेश कामया के ब्लाउसपर टूट पड़ा जल्दी-जल्दी उसने एक झटके में कामया के ब्लाउसको हवा में उछाल दिया और ब्रा भी उसके कंधे से उसी तरह बाहर हो गई थी कामया के ऊपर के वस्त्र के बाद कामेश ने कामया के पेटीकोट और पैंटी को भी खींचकर उत्तार दिया और बिना किसी देरी के वो कामया के अंदर एक ही झटके में समा गया 


कामया उउउफ तक नहीं कर पाई अऔर कामेश उसके अंदर था अंदर और अंदर और भी अंदर और फिर कामेश किसी पिस्टन के तरह कामया के अंदर-बाहर होता चला गया कामया के अंदर एक ज्वार सा उठ रही थी और वो लगभग अपने शिखर पर पहुँचने वाली ही थी कामेश जिस तरह से उसके शरीर से खेल रहा था उसको उसकी आदत थी वो कामेश का पूरा साथ दे रही थी और उसे मजा भा आ रहा था उधर कामेश भी अपने आपको जब तक संभाल सकता था संभाल चुका था अब वो भी कामया के शरीर के ऊपर ढेर होने लग गया था अपनी कमर को एक दो बार आगे पीछे करते हुए वो निढाल सा कामया के ऊपर पड़ा रहा और कामया भी कामेश के साथ ही झड चुकी थी और अपने आपको संतुष्ट पाकर वो भी खुश थी वो कामेश को कस्स कर पकड़े हुए उसके चेहरे से अपना चेहरा घिस रही थी और अपने आपको शांत कर रही थी जैसे ही कामेश को थोड़ा सा होश आया वो लुढ़क कर कामया के ऊपर से हाथ और अपने तकिये पर सिर रख कर कामया की ओर देखते हुए 
कामेश- स्वीट ड्रीम्स डार्लिंग 

कामया- स्वीट ड्रीम्स डियर और उठकर वैसे ही बिना कपड़े के बाथरूम की ओर चल दी जब वो बाहर आई तो कामेश सो चुका था और वो अपने कपड़े जो कि जमीन पर जहां तहाँ पड़े थे उसको समेट कर वारड्रोब में रखा और अपनी जगह पर लेट गई और सीलिंग की ओर देखते हुए कामेश की तरफ नज़रें घुमा ली जो कि गहरी नींद में था कामया अपनी ओर पलटकर सोने की कोशिश करने लगी और बहुत ही जल्दी वो भी नींद के आगोस में चली गई सुबह रोज की तरह वो लेट ही उठी कामेश बाथरूम में था वो भी उठकर अपने आपको मिरर में देखने के बाद कामेश का बाथरूम से निकलने का वेट करने लगी 
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 02:21 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,525,158 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,068 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,242,134 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 939,094 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,667,948 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,093,170 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,971,513 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,123,600 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,057,622 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,210 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)