Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 02:38 PM,
#64
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
वो खड़ी-खड़ी अपने को बहुत देर तक इसी तरह से देख रही थी कि डोर पर नॉक होने से वो वापस वास्तविकता में आई और बाहर खड़े कामेश को आवाज दी 
कामया- जी 

कामेश- जल्दी निकलो मुझे जाने में देर हो जाएगी 

कामया- बस दो मिनट 
और वो जल्दी से अपने आपको संभाल कर बाहर आने की जल्दी करने लगी बाहर आते ही उसे कामेश अपने आफिस बैग में कुछ करता दिखा 

कामेश- कल क्या हुआ था तुम्हें 

कामया क्यों 

कामेश उसके पास आया और, माथे को और फिर होंठों को चूमते हुए उसकी आखों में आँखे डालकर कहा 
कामेश- बिना पैंटी के ही सो गई थी 

कामया- छि छि तुमने देखा 

कामेश- ही ही हाँ… नशा ज्यादा हो गया था क्या 

कामया- जंगली हो तुम 

कामेश- यार यह तो मैंने नहीं किया 
वो कामया की गर्दन और गाल के नीचे तक लाल और काले निशानो की ओर इशारे करता हुआ बोला 

कामया- हाँ…और कहाँ आए थे किसने किया 

कामेश- यार नशे में था पर सच बताऊ तो मुझे कुछ याद नहीं 

तब तक कामया पलटकर अपने ड्रेसिंग टेबल तक पहुँच चुकी थी वो कामेश से नजर नहीं मिला पा रही थी 
पर कामेश उसके पीछे-पीछे मिरर तक आ गया और उसे पीछे से पकड़कर कंधों से बाल को हटा कर उसकी पीठ पर आया और गर्दन पर निशानो को देखकर छूता जा रहा था 

कामेश- सच में डियर मुझे कुछ भी याद नहीं सॉरी यार 

कामया- धात जाइए यहां से और अपने को झटके से कामेश से अलग करती हुई वो अपने बालों पर कंघी फेरने लगी थी कामेश भी थोड़ी देर खड़ा हुआ कुछ सोचता रहा और फिर घूमकर बाथरूम की ओर चल दिया 
कामेश- आज आओगी ना 

कामया- नहीं मन नहीं कर रहा 

कामेश- घर में क्या करोगी आ जाना पापा के साथ 

कामया देखती हूँ मन किया तो 
और कामेश बाथरूम की ओर चला गया था कामया अपने आपको संवारती हुई अपने पति के बारे में सोचने लगी क्या वो जो कर रही है वो ठीक है उसका पति उसे कितना प्यार करता है और वो उसे धोका दे रही है 

हां धोखा ही तो है वो सोच रहा है कि वो दाग उसने दिया पर हकीकत तो कुछ और ही है वो मिरर के सामने अपने से अपनी नजर नहीं मिला पा रही थी और वापस अपने बिस्तर पर आके बैठ गई और कंघी करने लगी उसके दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थी पर उसे अपने पति को धोखा देना अच्छा नहीं लगा उसका मन एकदम से निराश सा हो गया वो शायद रो भी देती पर कामेश को क्या बताती कि वो क्यों रो रही है इसलिए चुपचाप बैठी हुई बाल ठीक करके उसके आने का इंतेजार करने लगी 

कामेश जब तक बाहर आया तब तक वो थोड़ा सा नार्मल हो चुकी थी पर जेहन में वो बातें चाल तो रही थी कामेश के तैयार होने के बाद जब वो नीचे गया तो वो भी उसके साथ ही नीचे गई डाइनिंग टेबल पर सजे हुए डिश और खाने को देखकर वो भी थोड़ा सा नार्मल होती चली गई और खाना परोश कर कामेश को खिलाने लगी थी 

पापाजी- अरे बहू थोड़ा जल्दी तैयार हो जाना आज तुम्हें एक शोरुम दिखाने ले चलता हूँ 
पापाजी अपने कमरे से निकलते हुए डाइनिंग टेबल पर आ गये थे वो कुछ जल्दी तैयार हो गये थे कामेश की नजर कामया पर रुक गई थी कुछ कहता पर उससे पहले ही 

कामया- जी पापाजी में आती हूँ 
और कामेश की देखते हुए वो जल्दी से अपने कमरे की ओर भागी हाँ… अब वो इस तरह से नहीं करेगी अपने पति का साथ देगी छि क्या किया उसने नहीं अब नहीं बहुत हो गया यह सब 
और कामया अपने कमरे में पहुँचकर जल्दी से तैयार होने लगी थी उसे जाना ही था वो अब यह धोखा धड़ी के खेल से अपने को आजाद करना चाहती थी जल्दी से तैयार होकर जब वो नीचे पहुँची तो पापाजी को उसी का इंतजार करते हुए पाया खाना खाकर कामया पापाजी के साथ बाहर निकल गई गाड़ी आज भी लाखा काका ही चला रहे थे पर कामया को कोई फरक नहीं पड़ता उसने एक बार भी लाखा काका की ओर नहीं देखा पर हाँ… कल के बारे में एक बार उसके जेहन में बात आई तो जरूर थी पर झटके से कामया ने उस बात को अपने दिमाग में घर करने से बाहर निकाल दिया 

पापाजी के साथ कामया अपने नये काम को देखती हुई कॉंप्लेक्स में आज कुछ और अंदर तक घुसी वहां के लोगों से मिली और कुछ देर बाद वहां से निकलकर अपने शोरुम में भी पहुँची और फिर कल की तरह ही पूरी शाम तक वो अपने पति और पापाजी के साथ ही रही उसके मन में एक बार भी कही कोई त्रुटि नहीं आई या फिर कहिए सेक्स के बारे में कोई भी सोच नहीं आई वो इसी तरह से अपने शाम तक का टाइम निकाल कर जब अपने पति के साथ घर पहुँची तो बहुत थक गई थी घर पहुँचकर भी उसने ना तो भीमा चाचा से नजर ही मिलाई और नहीं लाखा काका के सामने कोई उत्तेजना ही 

इसी तरह रात को भी कामया अपने कमरे में ही रही रात को कामेश के साथ सेक्स का मजा भी लिया और बहुत ही प्यार भरी बातें भी की कामेश उसे बहुत छेड़ रहा था उसे बार-बार अपने काम के बारे में पूछकर उसे एमडी एमडी कहकर, छेड़ता जा रहा था उसे भी अपने पति की छेड़ छाड़ अच्छी लग रही थी वो अगर इतना ध्यान उसे दे तो क्या जरूरत है उसे किसी के पास जाने की अगर वो उसे समय दे तो क्या जरूरत है उसे किसी से समय माँगने की वो बहुत खुश थी और अपने बिस्तर पर पड़े हुए वो एक चरम सुख का आनद ले रही थी उसे आज साफ्ट सेक्स में मजा आ रहा था कितना प्यार करते है कामेश उसे कितने हल्के हाथों से और कितने जतन से कही उसे चोट ना लग जाए या फिर निशान ना पड़ जाए कितने प्यार से उन्होंने उसकी चुचियों को छुआ था और कितने प्यार से उन्हें मुख में डालकर चूसा भी था वो एक परम आनंद के सागर में गोते लगा रही थी जब कामेश ने उसकी योनि के अंदर प्रवेश किया तो आआआआआह्ह एक सिसकारी उसके मुख से आनयास ही निकल गई थी और वो कामेश के होंठों को अपने होंठों में लेकर चुबलने लगी थी कितना आनंद और सुख है कामेश के साथ कोई चिंता नहीं कैसे भी और किसी भी वक़्त वो अपने पति के साथ आनंद ले सकती थी कामेश की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी और वो अब पूरी गति से कामया पर छाया हुआ था और कामया भी अपने पति का पूरा साथ दे रही थी और आज तो कुछ ज्यादा ही 

वो हर धक्के पर उच्छल जाती और अपनी बाहों के घेरे को और भी कामेश के चारो ओर कस्ति जा रही थी हर धक्के को वो भी कामेश के धक्के के साथ मिलाना चाहती थी और हर धक्के के साथ ही वो कामेश को किस भी करती जा रही थी और उसके होंठों के बाद अब तो वो उसकी जीब को भी अपने होंठों में दबा कर अपने मुख के अंदर तक ले जाने लगी थी कामया की सेक्स करने की कला से कामेश भी हैरान था और वो जानता था, कि कामया बहुत ही गरम है और वो अब ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाएगा जिस तरह से कामया अपनी कमर को उछाल कर उसका साथ दे रही थी उसे अंदाजा हो गया था कि कामया भी कभी भी उसका साथ छोड़ सकती है कामया के होंठों से निकलने वाली हर आवाज अब उसे साफ-साफ सुनाई दे रही थी जो कि उसके कान के बिल्कुल करीब थी और भी उसे उसके करीब खींचने की कोशिश कर रही थी 

कामेश ने भी अपने पूरे जोर लगाकर कामया को अपनी बाहों के घेरे में कस रखा था और लगातार अपनी स्पीड को बढ़ा रहा था हर धक्के में वो कामया के जेहन तक उतर जाना चाहता था और उसे रास्ता भी मिल रहा था आज कामया उसे पागल कर दे रही थी वो जिस तरह से अपनी दोनों जाँघो को उसकी कमर के चारो ओर घेर रखा था उससे वो बहुत ज्यादा ऊपर भी नहीं हो पा रहा था उसकी जकड़ इतनी मजबूत थी कि वो छुड़ाने की कोशिस भी नहीं कर पा रहा था 
कामया- जोर से कामेश और जोर से 

कामेश- हूँ हूँ आअह्ह हाँ… 

कामया- और कस कर पकडो प्लीज और कस कर मारो प्लीज 
कामेश अपनी पूरी ताकत लगाके कामया को जकड़े हुए था पर कामया उसे और भी पास और भी नजदीक लाने की कोशिस कर रही थी वो उत्तेजना में जाने क्या-क्या कह रही थी वो अपने पूरे जोर से कामया के अंदर-बाहर हो रहा था पर कामया के मुख से निकल रहे शब्दों को सुनकर, सच में पागल हुए जा रहा था वो अपनी पूरी शक्ति लगाकर कामया को भोगने में लगा था पर कामया को उपने शिखर में पहुँचने में अभी थोड़ी देर थी वो कामेश को जितना हो सके उसने जोर से कस कर भिच रखा था और लगातार अपनी कमर को हिलाकर कामेश के लिंग को जितना हो सके अंदर तक ले जाने की कोशिश करती जा रही थी वो एक साधारण औरत जैसा बिहेव नहीं कर रही थी वो एक सेक्स मेनिक जैसी हो गई थी और अपने ऊपर अपने पति को ही निचोड़ने में लगी हुई थी वो अपनी योनि को भी सिकोर्ड कर उसके रस को अपने अंदर तक समा लेने चाहती थी 


और उधर कामेश जितना रुक सकता था रुका और धम्म से कामया के ऊपर ढेर हो गया वो अपनी पूरी शक्ति लगा चुका था और कामया को भोगने में कोई कसर नहीं छोड़ा था पर पता नहीं कामया को क्या हो गया था कि आज वो उसका साथ नहीं दे पाया वो अब भी नीचे से धक्के लगा रही थी और कामेश के सिकुडे हुए लिंग को अपने से बाहर निकलने नहीं दे रही थी अचानक ही कामया जैसे पागल हो गई थी एक झटके से अपनी जाँघो को खोलकर वापस आपास में जोड़ लिया और कामेश को नीचे की ओर पलट दिया और खुद उसके ऊपर आके उसके ऊपर सवार हो गई अब कामया कामेश को भोग रही थी ना कि कामया को कामेश शिथिल होता जा रहा था उसके शरीर में इतनी भी ताकत नहीं थी कि वो कामया को सहारा दे और उसे थामे पर कामया को जैसे किसी तरह की मदद की जरूरत ही ना हो वो कामेश के ऊपर सवार होकर अपनी कमर को तेजी चलाकर अपनी हवस को शांत करती जा रही थी पर शायद कामेश के सिकुड़ जाने के बाद उसे इतना मजा नहीं आया था वो एकदम से कामेश के सीने में गिर गई और उसे चूमते हुए 
कामया- प्लीज कामेश थोड़ी देर और प्लीज करो ना आआआआआआअ
कमाया की कमर अब भी अपने अंदर कामेश के लिंग को निचोड़ जा रही थी पर कामेश में अब ताकत नहीं बची थी सो वो अपने हाथों को उसकी कमर के चारो और लेजाकर कस के उसे पकड़ लिया और नीचे से धीरे-धीरे धक्के मारने लगा था ताकि कामया को शांत कर सके पर कामया ने तो जैसे आशा ही छोड़ दी थी वो कामेश के सीने से चिपकी हुई अपने कमर को आगे पीछे करती जा रही थी और कामेश के सीने पर किस करते-करते अपनी उंगलियों से उसके बालों को खींचने लगी थी 

कामेश- आहह क्या करती हो 

कामया- धात थोड़ी देर और नहीं कर सके 

कामेश- अरे आज क्या हुआ है तुम्हें पहले तो ऐसा नहीं देखा 

कामया- एक तो इतने दिन बाद हाथ लगाते हो और फिर अधूरा ही छोड़ देते हो 
और कामेश के ऊपर से अपनी साइड में उतरगई कामेश को भी दुख हुआ और कामया को अपनी बाहों में भर कर उसके गालों को चूमते हुए कहा 

कामेश- अरे यार पता नहीं क्या हुआ आज पर पहले तो ऐसा नहीं हुआ 

कामया- बुड्ढे हो गये हो और क्या सिर्फ़ दुकान और, पैसा ने तुम्हें बूढ़ा बना दिया है और कुछ नहीं 
और गुस्से में पलटकर सोने की कोशिश करने लगी पर नींद कहाँ वो अपनी अधूरी छोड़ी हुई वासना को कैसे पूरी करे सोचने लगी थी 
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RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 02:38 PM

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