Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 02:38 PM,
#65
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
वो अचानक ही कामेश की ओर मूडी और फिर से कामेश को अपनी बाहों में भर कर उसे किस करने लगी 
कामेश को भी लगा कि शायद गुस्से के कारण उसने जो कहा उसके लिए शर्मिंदा है सो उसने भी कामया को अपनी बाहों में भर लिया और वो भी कामया को किस्स करने लगा था पर कामया के दिमाग में कुछ और ही था वो कामेश को किस करते हुए अपना एक हाथ नीचे उसके लिंग तक पहुँचा चुकी थी कामेश एक दम भौचक्का रह गया वो आखें खोलकर कामया की ओर ध्यान से देखने लगा कामया के चहरे पर एक कातिल सी मुश्कान थी जैसे वो कह रही हो कहाँ जाओगे बचकर वो कामेश के लिंग को अपने हाथों में लेकर उसे अपने लिए तैयार करने चेष्टा में थी उसकी आखों में एक अजीब सी चमक थी जो कि कामेश ने आज से पहले कभी नहीं देखी थी वो एक अलग सी कामया को देख रहा था पर हाँ… उसे अपनी पत्नी का यह अंदाज अलग और अच्छा लगा वो भी फिर से अपनी में आने लगा था कामया की हथेलियो में उसके लिंग को एक नई उर्जा मिल रही थी और उसके किस में भी एक अलग ही बात थी जो कि आज तक उसने कभी महसूस नहीं किया था 


कामया कामेश के लिंग को धीरे-धीरे अपने हाथों से सहलाती हुई कामेश के होंठों को किस करती जा रही थी और एकटक कामेश की ओर देखती जा रही थी फिर धीरे से कामेश के होंठों को छोड़ कर वो कामेश के सीने के बालों में अपने होंठों को एक दो बार घुमाकर उसके पेट और नाभि तक पहुँच गई थी उसका एक हाथ अब भी उसके लिंग पर ही था जो कि अपने अस्तित्व में आने लगा था और थोड़ा बहुत झटके लेकर अपने आपको जगा हुआ परवर्तित करवाने की चेष्टा में था कामेश के होंठों से कामेश के शरीर में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी और वो झुक कर अपनी पत्नी को उसे इस तरह से प्यार करते हुए नीचे की ओर जाते हुए देख रहा था वो कामया के सिर को सहलाते हुए अपने तकिये में चुपचाप लेटा हुआ था कामया के होंठों ने जब उसकी नाभि और पेट को छोड़ कर अचानक ही उसके लिंग को किस किया तो वो लगभग चौक गया और नीचे की और देखते हुए अपनी पत्नी के सिर पर अपने हाथों के दबाब को बढ़ते हुए पाया था शायद हर मर्द की चाहत ही होती है कि कोई औरत उसके लिंग को चूसे बिस्तर पर एक वेश्या जैसे वर्ताव करे पर जब यह सब होने लगता है तो एक बार आश्चर्य होना वाजीब है और कामेश को भी हो रहा था पर कामया जिस तरह से उसके लिंग को अपने मुख के अंदर लेकर खेल रही थी या फिर उसके लिंग को अपने लिए तैयार कर रही थी वो अपना आपा खो चुका था अपने लिंग को कामया के मुख में डालने की शायद वो चाहत कामेश के अंदर भी थी पर शायद कह नही पाया था पर आज तो जैसे वो कामया को अपने लिंग का स्वाद लेने के लिए दबाब भी बनाने लगता जैसे ही कामया की जीब ने उसके लिंग को छुआ वो अपने शरीर में झटके को नहीं रोक पाया 

कामेश-----------आआआआह्ह कामयाआआआआआअ 

कामया- हाँ… क्या 

कामेश- प्लीज एक बार चूस लो प्लीज बहुत इच्छा थी प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज 
कामया- हाँ… एक बार क्यों 
और चप से उसके लिंग को अपने मुख के अंदर ले गई और प्यार क्या होता है यह अब समझ में आया कामेश को जैसे ही कमाया ने अपने होंठों के बीच में उसके लिंग को दबा के आगे पीछे अपने होंठों को किया वो तो जैसे पागल ही हो गया अपनी कमर को उठाकर कामया के मुख में अपने लिंग को घुसाने की कोशिश करने लगा था और कामया जो कि कामेश की स्थिति से भली भाँति वाकिफ थी अपने हाथों को जोड़ कर और अपने होंठों को जोड़ कर उसने अपने खेल को अंजाम देना शुरू कर दिया जीब का साथ भी लेती जा रही थी कामेश अब पूरी तरह से तैयार हो चुका था और अब वो फिर से कामया को भोगने को तैयार था वो अपने हाथों को बढ़ा कर कामया के शरीर को छूने का मजा ले रहा था कामेश अब धीरे-धीरे उठकर बैठ गया था और कामया उसके सामने घुटनों के बल बैठी हुई प्रणाम करने की मुद्रा में बैठी हुई कामेश के लिंग को चूसती जा रही थी कामेश अपनी पत्नी को अपने हाथों से सहलाते हुए अपनी कमर को भी एक बार-बार झटके दे चुका था कामया को अपने मुँह में कामेश के लिंग का सख्त होना अच्छा लग रहा था वो भूल चुकी थी कि वो अपने पति के साथ है और किसी के साथ नहीं पर वो मजबूर थी जो आग उसके शरीर में लगी थी अगर वो उसे नहीं बुझाएगी तो वो पागल हो जाएगी या फिर से उसके कदम बहक जाएँगे इसलिए वो अपने पूरे जोर से कामेश को अपने लिए तैयार करने में जुटी थी उधर कामेश भी पूरी तरह से तैयार था उसके मुख से अचानक ही एक आवाज कामया के कानों में टकराई 
कामेश- कामया निकल जाएगा 

कामया ने झट से कामेश के लिंग को छोड़ दिया और एकदम से घुटनों के बल खड़ी हो कर कामेश के होंठों को चूमते हुए 
कामया- नहीं अभी मत निकालना प्लीज अंदर करो 
और खुद ही कामेश के दोनों ओर अपनी जाँघो को खोलकर बैठ गई और अपने ही हाथों के सहारे से कामेश के लिंग को अपनी उत्तेजित योनि के अंदर डालने की कोशिश करने लगी कामेश भी कहाँ पीछे रहने वाला था एक ही झटके में कामया के अंदर तक समा गया 





कामया जो कि अब तक बस किसी तरह से अपने को रोके हुए थी पर जैसे ही कामेश उसके अंदर तक पहुँचा वो तो जैसे पागल ही हो गई अपने हाथों से जैसे इस बार उसे नहीं जाने देना चाहती थी वो खुद ही अपने अंदर तक उसके लिंग को समाने की कोशिश में लगी थी वो अपने को उपर नीचे करते हुए कामेश को अपनी दोनों बाहों के घेरे में लिए उसकी गोद में उछल कर अपने को शांत करने की कोशिश करने लगी थी 

कामेश जो कि अब पूरी तरह से तैयार था और कामया के उतावलेपन से थोड़ा सा परेशान जरूर था पर एक बात तो थी कामया के इस तरह से उसका साथ देने से वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित था हर एक धक्के में वो कामया के जेहन तक समा जाता था और फिर अपने को थोड़ा सा सिकोड़ कर फिर से वो कामया के अंदर तक चला जाता था कामया जो कि उसके ऊपर बैठी हुई थी अपनी दोनों जाँघो से कामेश की कमर को कस कर जकड़े हुई थी हर धक्के पर कामया के मुख से 
कामया- ऊऊऊऊओह्ह… कामेश प्लीज थोड़ा जोर से उउउम्म्म्मममम
और कामेश के होंठों को अपने होंठों में दबाकर चूसती और अपनी बाहों के घेरे को और भी उसके गले के चारो और और कसते जाती जाँघो का कसाव भी बढ़ता जाता 
कामया- और जोर से और जोर से 
कामेश भी क्या करता कामया को झट से नीचे गिरा कर उसके ऊपर सवार हो गया और जोर से अपनी बाहों में भरकर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा पर कामया तो जैसे भूखी शेरनी थी कामेश के बालों को पकड़कर उसने अपने होंठों से जोड़ रखा था और लगातार उससे रिक्वेस्ट करती जा रही थी 
और जोर से और जोर से 
कामेश का दूसरी बार था पर वो अपने जोर में कोई कमी नहीं ला रहा था उसकी हथेली कामया के बालों का कस कर जकड़कर अपने होंठों से लगाए हुए था और बाहों के घेरे को कसकर कामया के सीने के चारो ओर कस रखा था अपने शरीर के जोर से उसे बेड पर निचोड़ रहा था और कमर के जोर से उसे भेदता जा रहा था और टांगों के ज़ोर से अपनी गिरफ़्त को बेड पर और मजबूती से पकड़े हुए था पर कामया लगातार उसे 
और जोर से कहती हुई उससे किसी बेल-की भाँति लिपटी हुई थी और लगातार हर चोट पर कामेश की चोट का साथ देती जा रही थी कामेश अपने आखिरी पड़ाव की ओर आग्रसर था पर कमाया का कही कोई पता नहीं था वो लगातार अपनी कमर को उछाल कर अपनी उत्तेजना को दिखा रही थी पर कामेश और कहाँ तक साथ देता वो झर झर करता हुआ झड़ने लगा था दो चार धक्कों के बाद ही वो अपने शिखर की ओर चल दिया कामया ने जैसे ही देखा कि कामेश उसका साथ छोड़ने को है वो एकदम से भयानक सी हो गई और कामेश को पलटकर झट से उसके ऊपर सावर हो गई ताकि बचाकुचा जो भी है उससे ही अपना काम बना ले वो नहीं चाहती थी कि वो अपने आपको तड़पता हुआ सा पूरी रात जागे या फिर अपनी आग को बुझाने को नौकरों के पास जाए 

वो जैसे ही कामेश पर सवार हुई कामेश तो ठंडा हो गया पर कामया उसके ऊपर सवार होकर जैसे तैसे अपने को शांत कर सकी नहाई नहीं थी ना तो सुख के सागार में गोता ही लगाया था पर हाँ… नदी के किनारे खड़े होने से थोड़े बहुत पानी से भीग जरूर गई थी जैसे नहाई हुई हो और कामेश के ऊपर गिर कर उसे और जोर से किस किया और अपनी जगह पर पलट गई 

कामेश- क्या हो गया है तुम्हें 

कामया- क्या कुछ नहीं बस ऐसे ही 

कामेश- पर आज तो कमाल कर दिया 

कामया- अच्छा नहीं लगा तो कल से नहीं करूँगी 

कामेश- अरे यार तुम भी ना 
और कामया को कस कर अपनी बाहों में भरकर सो गया 
पर कामया की आखों में नींद नहीं थी वो जागी हुई थी और अपने अतीत और भविष्य के बारे में सोच रही थी 



कामया की आखें जरूर खुली थी पर वो सोई हुई थी उसके पति की हथेलिया अब भी उसकी चुचियो पर थी और वो उन्हें धीरे-धीरे मसल रहा था कामेश शायद नींद के आगोश में समा गया था क्योंकी उसके मसलने की प्रक्रिया धीरे-धीरे मध्यम पड़ती जा रही थी पर कामया जागी हुई थी और सोच रही थी आखिर क्यों कामेश उसका साथ नहीं दे पाया आखिर क्यों 
क्या वो ही इतनी कामुक हो गई है कि अब कामेश उसके लिए पर्याप्त नहीं है या फिर कामेश पहले से ही ऐसा है पर पहले तो वो कई बार कामेश से अपने को छुड़ाने के लिए संघर्ष कर चुकी है पहले तो कामेश उसे निचोड़ कर रख देता था तो अब क्या हुआ ठीक है कोई बात नहीं कल देखेंगे सोचते हुए कामया सो गई सुबह भी वो कामेश से पहले ही उठ गई थी कामेश अब भी सा रहा था 

बाथरूम से फ्रेश होकर जब वो बाहर आई तो उसने ही कामेश को उठाया कामेश हड़बड़ा कर उठता हुआ अपने काम में लग गया फिर दोनों नीचे जाकर पापाजी के साथ चाय पिए और फिर अपने कमरे में आकर जाने की तैयारी में जुट गये कामेश कामया से कुछ कम बाते कर रहा था 
कामया- क्या हुआ 

कामेश- क्यों 

कामया- रोज तो बहुत बातें करते हो आज क्या हुआ 

कामेश- अरे नहीं यार बस कुछ सोच रहा था 

कामया- क्या 

कामेश- अरे यार वो धरम पाल जी है ना उनके बारे में 

कामया- यह धरम पाल कौन है 

कामेश- अरे वो हीरा वाले काम में में पार्टनर बनाया है 

कामया- तो 

कामेश- वो चाहते है कि उनके लड़के को भी शामिल किया जाए 

कामया- तो क्या कर लो 

कामेश- हाँ कर तो लो वो नहीं तो उनका लड़का ही सही पर साला झल्ला है 

कामया- झल्ला .....................
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RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 02:38 PM

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