Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 03:22 PM,
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
भोला का एक हाथ उसके बाजू से होकर चुचियों पर भी आ गया था और धीरे-धीरे उसके निपल्स को छेड़ रहे थे भोला की हरकतें अब स्थिर थी और नहीं ज्यादा आग्रेसिवे थी और नहीं ज्यादा कड़कपन था कामया को अच्छा लग रहा था उसे अंदर की आग को भड़काने में उसे मजा आ रहा था और बस अब एक ही इच्छा थी कि भोला फिर से उसके अंदर उतर जाए और जल्दी ही नहीं तो वो खुद उसे खींच लेगी पर भोला की हालत भी अब ज्यादा ठीक नहीं थी जिस तम्माना से वो वहां था वो उसे पूरा कर लेना चाहता था वो धीरे से अपने आपको बाथटब के अंदर उतार दिया और कामया के नीचे की ओर से उसको पकड़कर अपने आपसे सटा कर धीरे धीरे पानी में बैठने लगा था उसका लिंग कामया के होंठों से छूट कर उसके पूरे शरीर को छूते हुए अपने मुकाम की और बढ़ा था गले से लेकर सीने के हर हिस्से को छूते हुए और नाभि से लेकर उसके जाँघो के बीच से अपने रास्ते की तलाश में वो पहुँच गया था भोला की सख़्त सी बाँहे अब कामया को जकड़कर अपने ऊपर की और बैठाकर उसे अपने से जोड़े रखा था और धीरे-धीरे उसके होंठों का रस पान करते हुए अपने लिंग को धीरे से इंतजार करते हुए योनि के अंदर बहुत ही धीरे-धीरे से उतारता चला गया 

एक हल्की सी आह निकली थी कामया के मुख से और उसके होंठों ने फिर से भोला के होंठों पर कब्जा जमा लिया था हर धक्का अब उसके अंदर तक उतर रहा था और धक्के के साथ ही एक हल्की सी आहह भी भोला के मुख में कही गुम हो जाती थी पर कामया को कोई दिक्कत नहीं थी वो और भी आ करके उसके ऊपर बैठ गई थी ताकि उसकी चोट ठीक से और सटीक लगे भोला भी अपनी बाहों में कामया को कसे हुए धीरे-धीरेधक्के लगाता जा रहा था और अपने लिंग को अंदर और अंदर तक उतारता जा रहा था उसे बहुत मजा आने लगा था जिस शरीर की उसने इतने साल तम्माना की थी आज उसका भाग्य जाग उठा था उसी शरीर को वो जैसे चाहे वैसे भोग सकता था और जितना चाहे वो उसके साथ खेल सकता था वो उत्तेजित तो था पर वो इंतजार करना चाहता था बहुत देर तक वो कामया मेमसाहब के अंदर रहना चाहता था और वैसे ही उसके नरम और कोमल शरीर को अपने शरीर के साथ जोड़े रखना चाहता था वो अपने माथे को मेमसाहब के कंधे पर ले गया था और कामया ने भी अब भोला के सिर को कस्स कर पकड़ रखा था पता नहीं कहाँ से इतना जोर आ गया था कि वो अपनी बाहों से उसके सिर को जाने ही नहीं देना चाहती थी उसकी पकड़ में इतनी मजबूती थी कि भोला को ही अपना चेहरा हाथ कर या फिर इधर उधर करते हुए सांस लेने के लिए जगह बनानी पड़ रही थी पर वो खुश था और अपने माथे को उसके कंधे पर रखे हुए धीरे-धीरे अपनी कमर को चला रहा था उसका हर धक्का कामया के अंतर मन को झंझोर देती थी थकि हुई कामया के अंदर का हर हिस्सा झलक जाता था हर अंग में एक नई उर्जा उत्पन्न हो जाती थी वो भोला को और भी कस्स कर पा लेती थी और अपने कमर को अऔर भी आगे करते हुए उसकी चोट को अंदर तक उतार लेने की कोशिश करती थी भोला को भी कामया का इस तरह से साथ देना बहुत अच्छा और परम सुख दाईं लग रहा था वो जानता था कि कामया मेम्साब एक अंदर जो आग है वो उसके हाथों से ही भुझेगी पर कब यह वो नहीं जानता था पर हाँ… एक बात तो साफ थी कि कामया हर दम तैयार मिलेगी उसे

वो अपने दोनों हाथों से कामया की पीठ का हर कोना टटोल चुका था और अब अपने हाथों को उसके कंधों के ऊपर और एक हाथ को उसके नितंबो के ऊपर रखकर अपने आपसे जोड़े रखा था और अपनी धक्कों की रफ़्तार को धीरे-धीरे बढ़ाने लगा था अब तो कामया की कमर को भी वो अपनी जाँघो पर टिकने नहीं दे रहा था और नहीं कामया ही उसकी जाँघो पर टिक रही थी उसकी भी हालत लगता था कि भोला के जैसी हो गई थी वो भी थोड़ा सा उठकर भोला के हर धक्के को उपने अंदर समा लेने को तैयार थी और भोला के कंधे पर लटकी हुई थी वो उसके माथे को कसकर पकड़े हुए अपनी कमर को थोड़ा सा उचका करके भोला को जगह बना के देना चाहती थी, कि करो और करो 
कामया- आअह्ह प्लीज बस रुखना नहीं बस रुखना नहीं और जोर से और जोर से 
भोला- मेमसाहब ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब आआआआआआआआह्ह 
कामया-- रुकना नहीं प्लीज थोड़ी देर और प्लीज 
भोला- मेमसाहब कितनी खूबसूरत हो आप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प कितनी प्यारी हो आप 
लगता था कि जैसे भोला अपने मन की बातें अभी ही कामया को बता देना चाहता था पर कामया के कानो में कोई बातें नहीं जा रही थी उसका तो पूरा ध्यान भोला के लिंग की तरफ था जो कि अब तो दोगुनी रफ़्तार से उसके अंदर-बाहर हो रहा आता 

कामया- बस स्बस सस्स्शह अह्हहहहहहहह उूुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममममममम 

और कामया एक झटके से उसके गले में लटक गई थी और हर धक्के को फिर से उपने अंदर तक उतारने के लिए जो कि उसने आपने आपको उठा रखा था धीरे-धीरे बैठने लगी थी पर पकड़ अब भी उतनी ही सख़्त थी और सांसों का चलना तो जैसे कई गुना बढ़ गया था वो स्थिर रहने की कोशिश कर रही थी पर भोला के धक्के पर हर बार उचक जाती थी अपनी पकड़ को बनाए रखने के लिए वो और भी जोर से भोला के गले के चारो और अपनी पकड़ बनाए हुए थी और उसको उसके मुकाम पर पहुँचाने की कोशिश करती जा रही थी 


वो नहीं चाहती थी कि भोला को बीच में ही छोड़ दे पर हिम्मत और ताकत की कमी थी उसमें थकि हुई थी और हर एक धक्का जो कि भोला की कमर से लग रही थी हिल सी जाती थी वो हर धक्के पर उसका बंधन चूत जाता था और बहुत रोकने पर भी उचक कर उसके माथे से ऊपर चली जाती थी भोला को भी उसकी परिस्थिति समझ में आ रही थी पर वो अपने अंदर जाग उठे हैवान से लड़ रहा था और बहुत ही धीरज से काम ले रहा था पर कामया के झरने से और उसके निढाल हो जाने से उसके अंतर मन को शांति नहीं मिल रही थी वो जो चाहता था वो नहीं हो पा रहा था वो एक बार अपने होंठों को कामया के गालों से लेकर उसके होंठों तक घुमाकर कामया को फिर से उत्साहित करने की कोशिश करता रहा पर.........

कामया तो जैसे धीरे-धीरे निढाल सी होती जा रही थी और अपना शरीर का पूरा भार भोला के ऊपर छोड़ कर अपनी ही दुनियां में कही खो जाना चाहती थी पर भोला अपने मन की किए बगैर कहाँ मानने वाला था अपने दोनों टांगों को जोड़ कर वो एक बार उकड़ू बैठ गया और कामया को अपनी गोद में चढ़ा कर वो उसे टब में लिटाने लगा था ताकि वो अपनी जिद पूरी कर सके पर जैसे ही वो कामया लिटाया था कामया का मुँह पानी में डूबने से एक झटके से उठकर भोला के गले से लिपट गई थी 

भोला को समझ में आ गया था कि अब आगे क्या करना है वो धीरे से टब का स्टॉपर निकाल कर शावर का नॉब चालू कर दिया और कामया को फिर से लिटा दिया था अब वो आजाद था कामया के शरीर को एक बार अपने लिंग को घुसाए हुए योनि की ओर देखता हुआ पानी की एक-एक बूँद उसके शरीर को छूकर टब पर वापस कही खो जाते हुए देखता रहा और वो एक बार फिर से उसके ऊपर झुक गया था और कामया की एक टाँग को टब से बाहर निकाल कर लटका दिया था और दूसरी को वाल और टब के ऊपर टिकाकर अपने लिए रास्ता बना लिया था अब वो आजाद था 



अपने मन की करने को कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी कामया ने ना ही कोई ना नुकर हाँ… एक शांति जरूर मिली थी कामया को लेटने से ऊपर से गरम पानी की बौछार अब धीरे-धीरे रुक गई थी वो अब डाइरेक्ट उसके ऊपर नहीं गिर रही थी अब वो भोला को छूते हुए उसके ऊपर गिर रही थी और वो उसके शरीर से छूकर आते हुए पानी को पी भी रही थी थकी हुई थी और प्यासी भी पर इस पानी का स्वाद कुछ अलग था शायद भोला के शरीर की गंध उसमें मिली हुई थी और एक अजीब सा नशा भी था 
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 03:22 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,528,251 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,426 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,243,632 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 940,100 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,669,539 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,094,520 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,974,145 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,131,856 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,060,320 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,527 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)